मृत जानवर की आशंका के चलते आसपास के घरों को जाकर देखा
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सांभरझील। यहां पुरानी कोतवाली के नजदीक राजपथ पर रहने वाले लोगों को दिन भर रहस्यमयी दुर्गंध ने परेशान कर दिया। वातावरण में बदबू इस कदर फैली हुई थी कि लोगों का खाना, खाना तो दूर सांस लेना भी मुश्किल हो गया। आसपास रहने वाले लोगों ने किसी मृत जानवर की आशंका के चलते कई घरों में जाकर पता लगाने का प्रयास किया लेकिन दोपहर बाद तक कोई सफलता नहीं मिली। जैसे-जैसे समय बीतता गया दुर्गंध और तेज बढ़ती चली गई फिर तो स्थिति लोगों के लिए और ज्यादा विकट हो गई, महिलाओं और बच्चों को भी सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी।
राजपथ निवासी अजय व्यास, राजकंर, आकाश, जुगलकिशोर व्यास, यामिनी टेलर, अमित माथुर ने बताया कि बदबू से निजात पाने के लिए हमने अपने घरों वह खुले आहते में इत्र का छिड़काव भी किया, काफी मात्रा में अगरबत्ती भी लगाई लेकिन उससे भी कोई खास राहत नहीं मिल सकी। इसके बाद यहां के लोगों ने दूर तक जाकर पता लगाने का प्रयास किया कि आखिर बदबू कहां से और किस जगह से आ रही है, दो-तीन घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार उस स्थल का पता चला जहां से बदबू आ रही थी मालूम हुआ कि कुछ दिन पहले बारिश में भीगे हुई गेहूं को छत पर सुखाने के लिए रखे हुए थे जो और ज्यादा रखे रखे सड़ गए और जिस की दुर्गन्ध वातावरण में किसी मृत जानवर के सडे होने जैसी आ रही थी।
खास बात यह रही कि जिस घर में यह गेहूं रखे हुए थे बदबू तो उनके आसपास के लोगों को भी आ रही थी लेकिन वह भी कयास नहीं लगा पाए कि यह बदबू उनकी छत पर रखे सड़े गेहूं से आ रही है, जब इस बात का पता चला तो वहां से सडे हुए गेहूं को हटाया गया तब जाकर लोगों को दुर्गंध से राहत मिल सकी। हालांकि इन लोगों की मदद के लिए पार्षद पति सत्यनारायण स्वामी भी पहुंचे वह पालिका प्रशासन को भी सूचित किया और बताया कि हो सकता है कि आसपास की साफ-सफाई नालियों की समय पर नहीं होने से शायद उसमें कोई जानवर मरा हुआ पडा हो, मौके पर पालिका के कार्मिक भी पहुंचे लेकिन उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए आखिरकार यहां के रहने वाले लोगों ने अपनी मेहनत से इस रहस्यमयी दुर्गंध पता लगाया।