148 जरूरतमंद विद्यार्थियों को भेंट किये फ़ीस के चैक व शिक्षण सामग्री

समर्पण संस्था का शिक्षा दान महोत्सव सम्पन्न 

दुनिया में परिवर्तन के लिए शिक्षा सबसे बड़ा साधन है : प्रोफ़ेसर श्याम लाल 

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जयपुर। दुनिया में परिवर्तन के लिए शिक्षा सबसे बड़ा साधन है। शिक्षा ही इन्सान को नई सोच और दिशा दे सकती है।इसलिए शिक्षा का दान सर्वोत्तम है।उक्त विचार आज समर्पण संस्था द्वारा प्रताप नगर स्थित निर्मला ऑडिटोरियम में आयोजित शिक्षा दान महोत्सव में मुख्य अतिथि राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफ़ेसर श्याम लाल ने व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि आज देश में समाजवादी प्रवृति को बढ़ावा देने की जरूरत है जिसे समर्पण संस्था द्वारा साकार किया जा रहा है। शिक्षित भारत कि परिकल्पना को साकार करने में संस्था का महत्वपूर्ण योगदान है।

इससे पूर्व शिक्षा दान महोत्सव की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ की गई जिसे मुख्य अतिथि प्रोफेसर श्याम लाल ने अन्य विशिष्ट अतिथियों व संस्था पदाधिकारियों के साथ किया। इसके बाद समर्पण प्रार्थना का उच्चारण कोषाध्यक्ष श्रीराम अवतार नागरवाल, सुश्री अंजलि माल्या व सुश्री सुवज्ञा माल्या ने करवाया और एक डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म द्वारा संस्था गतिविधियों की जानकारी दी गई।

महोत्सव में संस्था द्वारा चयनित कुल 148  जरूरतमंद निर्धन विद्यार्थियों को फ़ीस के चैक, किताबें, नोटबुक्स यूनिफॉर्म, स्टेशनरी आदि भेंट की गई। सभी विद्यार्थियों को समर्पण आदर्श विद्यार्थी का कार्ड दिया गया। इस अवसर पर जरूरतमंद विद्यार्थियों की शिक्षा में सहयोग करने वाले संस्था द्वारा नियुक्त शैक्षिक राजदूतों (एज्युकेशनल एम्बेसेडर) को भी सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। 

इस अवसर पर संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आर्किटेक्ट डॉ. दौलत राम माल्या ने अपने स्वागत भाषण में सभी का स्वागत अभिनंदन करते हुए संस्था गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। डॉ. माल्या ने समर्पण आदर्श विद्यार्थियों को प्रेरणा देते हुए कहा कि दीवारों पर टक्कर देते रहिये, दीवारों में दरवाजे बन जायेंगे। संघर्ष ही इन्सान को श्रेष्ठता की ओर ले जाता है। संस्था के प्रधान मुख्य सलाहकार व पूर्व जिला न्यायाधीश उदय चन्द बारूपाल ने एज्युकेशनल एम्बेसेडर अभियान की परिकल्पना और समर्पण आदर्श विद्यार्थियों की चयन प्रक्रिया के बारे बताया।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि रावत एजुकेशनल ग्रुप के निदेशक नरेन्द्र सिंह रावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा इन्सान का सम्पूर्ण विकास करती है। शिक्षा ही इन्सान को देश व समाज के प्रति संवेदनशील बनाती है। इस अवसर पर लोक कलाकार सीताराम बैरवा द्वारा लोक नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी गयी। विशिष्ट अतिथि व गायिका श्रीमती अपर्णा वाजपेयी ने भी एक गीत प्रस्तुत किया और नन्ही 8 वर्षीया बालिका राभ्या द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति दी गयी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व ज़िला न्यायाधीश डॉ. पदम कुमार जैन ने कहा कि चयनित समर्पण आदर्श विद्यार्थी संस्था द्वारा दिये गये शिक्षा सहयोग का सम्मान करें और अपने जीवन को निखारने के लिये निरन्तर प्रयासरत रहे। महोत्सव में अन्य विशिष्ट अतिथि ज़िला न्यायाधीश व राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के रजिस्ट्रार शैलेन्द्र व्यास, रावत एजुकेशनल ग्रुप के चेयरमेन बी एस रावत, सेवानिवृत्त आई.ए.एस. श्रीराम चौरड़िया,  दूरसंचार विभाग के निदेशक फ़तेह सिंह, सरस्वती विद्यापीठ सीनियर सेकंडरी स्कूल की प्राचार्या श्रीमती स्नेहलता भारद्वाज व सी.ए. विजय गोयल भी उपस्थित रहे। महोत्सव में संस्था सदस्यों के अलावा अनेक गणमान्य नागरिकों नें भाग लिया। मंच संचालन दूरदर्शन समाचार वाचक व वॉयस ऑवर आर्टिस्ट गौरव शर्मा ने किया।