ग्रीष्मकालीन रंगमंच नाट्य कार्यशाला का समापन

अरशद शाहीन 

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टोंक। एक्स्ट्रा एन आर्गेनाइजेशन के संयुक्त तत्वावधान में कम्युनिटी थिएटर टोंक द्वारा सिटी पैलेस, अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन में चल रही बच्चों की ग्रीष्मकालीन रंगमंच नाट्य कार्यशाला के समापन के अवसर पर 5-8 वर्ष के उम्र के बच्चों के द्वारा प्रदर्शनी का आयोजन तथा 9-18 वर्ष के बच्चों द्वारा "मेरी डायरी" थीम पर निर्मित नाट्य प्रस्तुति "नॉक नॉक" का सराहनीय मंचन किया गया। बच्चों के द्वारा प्रस्तुत नाट्य प्रस्तुति को दर्शकों ने बहुत सराहा और नाट्य प्रस्तुति के बाद बाल अभिनेताओं से दर्शकों ने सवाल जवाब किए। नाट्य प्रस्तुति के दौरान बच्चों के आंतरिक संसार को दर्शाने की कोशिश की है। जिस तरह बच्चें अपने परिवेश में चीजों को देखकर अपने मन मस्तिष्क में विचारों को गढ़ते है, उन विचारों की अभिव्यक्ति इस नाटक का मुख्य बिंदू है। 

वर्तमान समय में अक्सर बच्चें अपने विचारों को अपने दोस्त, अभिभावक, टीचर आदि को अपनी बात कहने में असमर्थ दिखाई पड़ते है, अपनी बात कहने में हिचकिचाते नज़र आते है, उन ही विचारों और इच्छाओं को पूर्ण रूप से डायरी लेखन के माध्यम से अभिव्यक्त करने की कोशिश की गई है। 15 दिवसीय इस कार्यशाला को बतौर सुगमकर्ता दीपक कुमार, शुभम मेघवंशी, गर्वित गिदवानी संचालित कर रहे थे। वहीं प्रस्तुत नाटक नॉक नॉक में अभिनेता के रूप में मंच पर सिद्धार्थ बैरवा, राहुल राज बाडोलिया, सज्जन बाडोलिया, गिर्राज बाडोलिया, लक्ष सोयल, पार्थ बुंदेल, लवीश नामदेव, मनकेश प्रजापत, कृष्णा चावला, नेहा सोयल, उत्कर्ष साहू, रणबीर नामदेव, पद्मिनी तमोली, यशस्वी साहू, सयंम किराड़, आरोही किराड़, कर्तव्य जॉनवाल, मोहित मालाकर रहे।

वहीं 3 से 8 साल के उम्र के बच्चों के साथ चल रही कार्यशाला को बतौर सुगमकर्ता फिरोज़ आलम संचालित कर रहे थे। बच्चों के इस समूह के साथ अन्वेषण की प्रक्रिया के मद्देनजर कार्य किया गया। छोटी उम्र के बच्चे जिनका मन और मिजाज़ हमेशा कुछ नया करने, कुछ खोज कर नया सीखने की उत्सुकता में हमेशा रहता है। उनके इसी उत्सकता को और भी निखार कर उसे बरकरार रखने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई गई। जिसमें बच्चे बेझिझक अपने मन के मुताबिक़ बच्चे समूह के साथ, अलग-अलग वस्तुओं के द्वारा अन्वेषण कर सके और कुछ नया सिख सकें। इस प्रक्रिया में तेजस, योगिता, इशिका, हर्षिता, कर्णेश, रूही, लवीश, कृतिका, रुद्रांश, सूरज, जयेश, प्रांजल, इशांत, रूचित, प्रमित, हिमिका, नमन आदि बच्चों ने भागीदारी की।

वहीं कार्यशाला के मंच पर समूह के अन्य साथी मोहित वैष्णव, अमन तसेरा, चितरंजन नामा, आशीष धाप, रामरतन गुगलिया, राजकुमार रजक, आफताब नूर, गंगेश्वर तिवारी, निलेश तसेरा आदि का सहयोग रहा।