श्री विष्णु महायज्ञ में यजमानों ने दी आहुति

जाफ़र लोहानी

www.daylife.page 

मनोहरपुर (जयपुर)। समीपवर्ती रूण्डल में जमदग्नि आश्रम के महंत रविदास महाराज एंव अयोध्या से महान्त श्री श्री 108 श्री गणेश दास महाराज के आचार्यत्व में चल रहे सप्तदिवसीय 51 कुण्डात्मक श्री विष्णु महायज्ञ में तृतीय दिवस वैदिक मंत्रोच्चार से विधिवत पूजन अर्चन करवाकर महायज्ञ में आहुति प्रदान की गई। महायज्ञ के ब्रह्मा वैदिक सुरेश शर्मा खेजरोली ने बताया कि भगवान विष्णु के द्वादश नाम से एंव पुरुषसूक्त से, एंव श्रीसुक्त से आहूति दी गयी। महायज्ञ के प्रधान अर्चक वैदिक राहुल शर्मा ने प्रधान कुण्ड पर यजमानों से आहुति दिलवाई।विद्वान हरि शर्मा, नवीन शर्मा आदित्य भगवती, धर्मेन्द्र शर्मा,पुष्कर राज शर्मा, ने बताया कि महायज्ञ में सभी यजमानों से विधिवत पूजन एंव आहुति दिलवाई जा रही है।और साथ ही चल रही दोपहर 12 बजे से श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन सपत्नीक मुख्य यजमान शाहपुरा विधानसभा के जनसेवक शिवपाल यादव ने पूजन कर आरती के साथ कथा का शुभारंभ किया।

इसमें कथा व्यास अयोध्या धाम से महान्त श्री श्री 108 श्री गणेश दास  महाराज ने भक्त प्रह्लाद प्रसंग का बखान किया गया। कहा कि भक्त प्रह्लाद ने माता कयाधु के गर्भ में ही नारायण नाम का मंत्र सुना था। जिसके सुनने मात्र से भक्त प्रह्लाद के कई कष्ट दूर हो गए थे। कथा का आगाज गुरु वंदना के साथ किया गया।

इसके उपरांत उन्होंने भगवान कृष्ण की पावन लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है, वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए। माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है। अच्छे संस्कारों के कारण ही ध्रुव जी को पांच वर्ष की आयु में भगवान का दर्शन प्राप्त हुआ। इसके साथ ही उन्हें 36 हजार वर्ष तक राज्य भोगने का वरदान प्राप्त हुआ था। ऐसी कई मिसालें हैं, जिससे सीख लेने की जरूरत है। इस मौके पर प्रभु महिमा का गुणगान किया। उन्होंने कई मनमोहक भजन प्रस्तुत किए, जिन पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। इस अवसर पर भामाशाह नन्दकिशोर सैनी, रुडमल यादव,राजेन्द्र शर्मा, सत्यनारायण शर्मा, सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।