सांभर में खंडहर हवेलियों को गिराने के लिए पालिका के पास संसाधनों का अभाव

हवेलियों के मालिकों को नोटिस देने के बाद भी नहीं संभाला

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील। सांभर के अनेक वार्ड के मोहल्लों में स्थित करीब 100 साल पुरानी खंडहर हो चुकी  हवेलियों को गिराने के लिए नगरपालिका के द्वारा 2 साल पहले बोर्ड मीटिंग में लिया गया प्रस्ताव आज तक फाइलों में ही बंद पड़ा है, जिसकी वजह से करीब-करीब गिरने के कगार पर पहुंच चुकी ऐसी हवेलियों को जमींदोज करने के लिए पालिका प्रशासन बजट का अभाव तो कभी संसाधनों की कमी बताकर टालमटोल करता आ रहा है। बारिश और तूफान में इन हवेलियों के धराशाही होने से कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है इस बात का अंदाजा उन वार्ड के पार्षदों को भी है और नगरपालिका प्रशासन के संज्ञान में भी है इसके बावजूद कानूनी परिपेक्ष्य में भी पालिका कमजोर साबित हो रही है। 

जर्जर हवेलियों को गिराने के लिए एकमात्र वार्ड 22 की पार्षद ज्योति कुमावत एवं समाजसेवी टीकम चंद कुमावत की ओर से लंबे संघर्ष के बाद उनके मोहल्ले में दो जर्जर हवेलियों गिरवाने में तो सफलता मिली लेकिन अभी भी सांभर में करीब 20 से अधिक हवेलियां ऐसी चयनित बताई जा रही है जो आज के हालात में गिरने जैसे कगार पर है। पालिका प्रशासन की ओर से इस मामले में दवाव बनने के बाद हवेलियों के मालिकों को नोटिस देकर उन्हें अपने स्तर पर इसे गिरवाने के लिए लिखा गया साथ ही नगर पालिका अधिनियम के तहत उन्हें चेतावनी भी दी गई और जिन मालिकों को नोटिस प्राप्त नहीं हो सके या जिन का एड्रेस नहीं मिल रहा था ऐसे में जर्जर हवेलियों के ऊपर ही नोटिस चस्पा पर पालिका प्रशासन ने एक प्रकार से इतिश्री कर ली। 

बताया जा रहा है कि पालिका प्रशासन इस संबंध में किसी कानूनी लफड़े में नहीं पड़ना चाहता इसलिए लोगों की जान माल की सुरक्षा का ख्याल किए बिना वह इस मुद्दे को गौण करने में लगा हुआ है। यद्यपि पालिका प्रशासन ने सफाई कर्मचारियों और सफाई निरीक्षक के माध्यम से यह भी पता लगा लिया कि कौन कौन सी बिल्डिंग गिरनी जैसी कगार पर पहुंच चुकी है रिपोर्ट मिलने के बाद भी कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई और करीब दो साल पहले उक्त पार्षद की ओर से उठाया गया मुद्दा करीब-करीब आज भी पूर्व स्थिति में ही है। 

मामले में अधिशाषी अधिकारी हरिनारायण यादव से जानकारी प्राप्त करने के लिए दो दफा उनके मोबाइल पर फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। चेयरमैन नवल किशोर सोनी का कहना है कि मैंने पिछले हफ्ते ही अधिशाषी अधिकारी को कहां है कि वे तत्काल इस मामले को गंभीरता से लेकर इस पर कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि लोगों की जान माल की सुरक्षा हो सके।