भागवत कथा का हवन, पूर्णाहुति और भंडारे के साथ में समापन

जाफ़र लोहानी

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मनोहरपुर (जयपुर)। कस्बे की भूतनाथ वाटिका में श्याम भूतनाथ गोशाला के तत्वावधान में चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का हवन, पूर्णाहुति और भंडारे के साथ में समापन किया गया। 

जानकारी देते हुए मनीष बिदारावाले व बनवारी लाल यादव ने बताया कि कथावाचक राधा वल्लभाचार्य ने कृष्ण और गोपियों के अनन्य प्रेम के बारे में बताते हुए कहा कि जिस प्रकार गोपियों के कृष्ण का रंग चढ़ने के बाद उद्धव का योग का संदेश कोई असर नहीं रहा था। उसी प्रकार जिस पर ईश्वर की कृपा होती है उसका कोई कुछ नही बिगड़ सकता। इससे पूर्व कथावाचक ने कृष्ण सुदामा विवाह, कृष्ण के 16108 रानियां विवाह, यदुवंश के विस्तार की कथा और राजा परीक्षित को मोक्ष प्राप्त होने की कथा का सुंदर वर्णन किया था। कथा के पूर्ण होने पर  मंदिर परिसर में सुबह 10.15 बजे से पूर्णाहुति यज्ञ, हवन और भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमे आस पास के सैकड़ों लोगो ने पंगत प्रसादी ली। 

इस दौरान श्रीमद् भागवत कथा के सफल आयोजन पर कई सामाजिक संस्थाओं ने भागवत कथा के आयोजक मंडलों का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस दौरान महामंडलेश्वर हरिदास महाराज, छारसा के संत छीतरदास महाराज, कुंडा धाम के संत प्रहलाद दास, रामद्वारा के महंत कमलदास, भूतनाथ वाटिका के संत सेवक दास महाराज,कल्याणपुरा के रघुनंदन दास सहित कई संतो ने कहा कि संसार रूपी भवसागर को पार करने का एकमात्र साधन ईश्वर भक्ति है।