“जिन्दगी चुनो, तम्बाकू नही” का दिया सन्देश दिया


अरशद शाहीन 

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टोंक। विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई के उपलक्ष्य में जिले में 25 से 31 मई तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से तंबाकू निषेध सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। विश्व तंबाकू निषेध सप्ताह के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग की एएनएम ट्रेनिंग सेंटर के विद्यार्थियों द्वारा तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों को बताने एवं आमजन में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जागरूकता रैली निकाली गई। इसी के साथ दरबार स्कूल में विद्यार्थियों को तंबाकू सेवन के दुष्प्रभाव को बताने के लिए पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, साथ ही  तंबाकू सेवन न करने एवं दूसरों को तंबाकू का सेवन रोकने के लिए शपथ ग्रहण की गई एवं रैली का आयोजन किया गया।

प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें मीडिया कार्मिकों ने भाग लिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस एस अग्रवाल ने तम्बाकू निषेध अभियान के बारे जानकारी दी। डॉ अग्रवाल ने बताया कि तम्बाकू के सेवन का सबसे आम तरीका धूम्रपान है और तम्बाकू धूम्रपान किया जाने वाला आम पदार्थ है। आमजन में इसकी शुरूआत आमतौर पर प्रारंभिक अवस्था में या युवावस्था में इसकी लत देखी जा सकती है। तम्बाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसमें मौजूद निकोटीन नामक जहरीला पदार्थ नशा पैदा करता है। यह तंबाकू का सेवन करने वालों के व्यवहार को प्रभावित करता है। 

तंबाकू का किसी भी रूप में सेवेन गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। इससे रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाती है साथ ही उच्च रक्तचाप की समस्या भी खड़ी हो जाती है। पैरों की नसों में थक्के की रूकावट आने का जोखिम अधिक होता है। वर्तमान समय में बच्चों व युवकों में हानिकारक पदार्थों के सेवन का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है। नशे की इस बढ़ती लत के कारण पूरा समाज खोखला होता जा रहा है। विभिन्न प्रकार के तंबाकूजन्य हानिकारक पदार्थों के सेवन से लोगों के फेफड़ों को नुकसान पहुँच रहा है। लोगों को टी.बी. कैंसर जैसी घातक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। सिगरेट पीने की बुरी लत के बढ़ते स्तर का प्रभाव नशे न करने वालों के सेहत पर भी पड़ रहा है।

भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा निरोगी राजस्थान अभियान के तहत कई विशेष कदम उठाये जा रहे है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला सआदत चिकित्सालय में तम्बाकू रोगियों के उपचार हेतु जिला तम्बाकू मुक्ति उपचार एवं परामर्श केन्द्र संचालित है, जिसमें तम्बाकू रोगियों की स्पाइरोमीटर एवं कार्बनमोनोआक्साइड मीटर  के माध्यम से निषुल्क जाँच की जाती है। तम्बाकू रोगियों को निषुल्क एनआरटी थैरेपी दी जाती हैै। वित्तीय वर्ष 2022-23 तक कुल 2195 तम्बाकू रोगियों की काउन्सिलिंग की गई जिसमें 459 रोगियों को एनआरटी थैरेपी दी गई जिसमें से 111 लोगों ने तम्बाकू सेवन करना पूर्णतया छोड़ दिया।

जिला सलाहकार जिला तम्बाकु नियन्त्रण प्रकोष्ठ रविकान्त शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार टोंक जिले में तम्बाकू निषेध दिवस सप्ताह कार्ययोजना का निर्माण किया गया है, जिसमें जिला कलेक्टर द्वारा समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को अपने सरकारी कार्यालयों में तम्बाकू निषेध के साइनेज लगाकर तम्बाकू निषेध क्षेत्र के रूप में विकसित करने हेतु निर्देशित किया गया है एवं साथ ही तम्बाकू मुक्त जीवन पर संगोष्ठी हेतु निर्देशित किया गया है। इसी क्रम में पुलिस विभाग को एक विशेष अभियान चलाकर समस्त सार्वजनिक स्थानों पर कोटपा अधिनियम 2003 का उल्लघन करने वालों पर चालान कार्यवाही तथा जिले के शिक्षण संस्थानों, चिकित्सा संस्थानों, आंगनबाड़ी केन्द्रों की 100 गज की परिधि में तम्बाकू विक्रय प्रतिबंधित करने के लिए निर्देशित किया गया है।