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जयपुर। माहे रमजान की ख़ुशी और बच्चों की छोटी कक्षाओं के रिसल्ट की ख़ुशी जान दोगुनी हो जाती है जब बच्चे पहला रोजा करते हैं। सैफी अहमद वल्द नुरशिद अहमद (ग्यारह साल) ने अपनी दुनियावी तालीम में कक्षा पास कर, दीने तालीम में कुरआन मजीद पूरा पढ़ा और इस ख़ुशी में रोजा भी रख कर खुदा की बारगाह में अपनी मासूमियत भरी इबाददत में भूख, प्यास की ज़िन्दगी का अहसास किया। इस अवसर पर कुरआन मजीद पूरा पढ़ने के अवसर पर नसरा भी किया गया।
इस मौके पर पूरे परिवार में सभी को सैफी के रोजे की ख़ुशी और सेहरी से लेकर इफ्तार तक सैफी की फ़िक्र रही। सैफी के मां, बाप के साथ दादा-दादी, नाना-नानी, सभी चाचा-चाची, मामा-मामी, भाई-बहिन, दोस्त, अजीजो अक़ारिब, रिश्तेदार एवं आसपास के लोगों ने शाम होने पर मुबारकबाद दी और लम्बी उम्र की सफल जिन्दगी के लिए दुआएं की।