22 को दिल्ली में प्रतिभाओं को सम्मानित किया जायेगा : ज्ञानेन्द्र रावत

हम इन शख्सियतों का परिचय क्रमवार प्रस्तुत कर रहे हैं 

पृथ्वी दिवस के अवसर पर दिल्ली में पर्यावरण व समाजसेवा के क्षेत्र की शख्सियतों का सम्मान 

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नई दिल्ली। आगामी 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस पर दिल्ली में हरिजन सेवक संघ के किंग्सवे कैंप स्थित सभागार में नव प्रभात जन सेवा संस्थान द्वारा आयोजित सम्मेलन में देश में पर्यावरण संरक्षण व समाज सेवा के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान देने वाली प्रतिभाओं को प्रख्यात पर्यावरणविद श्री सुंदर लाल बहुगुणा एवं अनुपम मिश्र तथा प्रख्यात समाजसेवी श्री बाबा आमटे स्मृति सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। इसकी जानकारी देते हुए गिफ्ट के अध्यक्ष डा. जगदीश चौधरी ने बताया कि इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि देश में जल संरक्षण में दशकों से अहम भूमिका निर्वहन करने वाले पद्मश्री से सम्मानित राजा लक्ष्मण सिंह जी व अध्यक्षता प्रख्यात गांधीवादी व हरिजन सेवक संघ के अध्यक्ष श्री शंकर कुमार जी सान्याल करेंगे व समापन पद्मश्री श्री उमाशंकर पाण्डेय जी करेंगे। 

इस अवसर पर नव प्रभात जन सेवा संस्थान की अध्यक्ष श्रीमती सुमन द्विवेदी के अनुसार इस अवसर पर नव प्रभात जन सेवा संस्थान जिन प्रतिभाओं को सम्मानित कर रहा है, उनके क्रियाकलापों के बारे में हम यहां सिलसिलेवार जानकारी दे रहे हैं।  इस श्रृंखला में हम विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और भाषाई आंदोलन के योद्धा श्री हरपाल सिंह राणा व अधिकारी एवं शिक्षा के प्रचार-प्रसार में तत्पर समाजसेवी श्री संजीव कुमार यादव के कार्यकलापों के विषय में आपको जानकारी दे रहे हैं जिन्हें इस समारोह में सम्मानित कर हम गौरवान्वित होंगे।

श्री हरपाल सिंह राणा 

कादीपुर, दिल्ली 

जाने-माने सूचना अधिकार कार्यकर्ता, भाषाई आंदोलनों के अगुआ, न्यायालयों में हिन्दी के प्रयोग, गिलोय को राष्ट्रीय औषधि घोषित कराने व समाज के कमजोर,गरीब तबकों के हितों के लिए दशकों से संघर्ष करने वाले प्रख्यात समाजसेवी दिल्ली के कादीपुर निवासी श्री हरपाल सिंह राणा ने विश्व के सबसे लम्बे भाषाई धरने में अहम भूमिका निबाही है। नरेला स्थित कन्या गुरुकुल का पिछले पच्चीस वर्ष से सफलता पूर्वक न केवल दायित्व संभाला है बल्कि देश के इतिहास में न्यायालय में उसी मुकदमे में हिन्दी में फैसला करवाने में सफलता का श्रेय भी श्री राणा जी को ही जाता है। शासन-प्रशासन की जन विरोधी नीतियों के विरोध में आप कई बार जेल जा चुके हैं और इसके चलते कई बार इन्हें  प्राणघातक हमलों का सामना भी करना पडा़ है। पराधीन भारत में काबुल में पहली स्वाधीन सरकार की स्थापना करने वाले राजा महेन्द्र प्रताप, स्वातंत्रय समर के अमर बलिदानी बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह व जाट कुल गौरव भरतपुर के महाराजा सूरजमल आदि बलिदानियों की स्मृति, धरोहरों के संरक्षण व उनकी स्मृति को अक्षुण्ण बनाये रखने हेतु आपका संघर्ष वंदनीय है, स्तुतियोग्य है। जन समस्याओं के निराकरण हेतु किए गये इनके प्रयासों की जितनी भी प्रशंसा की जाये वह कम है। राष्ट्रीय पक्षी मोर व अन्य पक्षियों के संरक्षण में इनका योगदान प्रशंसनीय है। मॉरिशस में विश्व हिंदी सम्मेलन में   इनके हिन्दी प्रेम और नेपाल में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय किसान सम्मेलन में किसान हितों विषयक बुलंद आवाज की सर्वत्र सराहना हुयी है। ऐसे समाजसेवी योद्धा कीइस अवसर पर हमारे सबके मध्य मौजूदगी न केवल गर्व का विषय है बल्कि उनके प्रयास हमारे लिए प्रेरणादायक भी हैं।

श्री संजीव कुमार

एटा, उत्तर प्रदेश 

उत्तर प्रदेश के राज्य सड़क परिवहन निगम, कासगंज में सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक के रूप में  कार्यरत और सामाजिक क्षेत्र में अपने कार्यरत हेतु लोकनायक जय प्रकाश अवार्ड, ग्लोबल अचीवमेंट अवार्ड व अमर शहीद तिलका मांझी राष्ट्रीय सम्मान आदि बहुतेरे पुरस्कारों से सम्मानित श्री संजीव कुमार के जीवन का मुख्य उद्देश्य है कि

आर्थिक दृष्टि से कमजोर,गरीब बच्चों की समुचित शिक्षा व्यवस्था हो, वे खेलकूद विशेषत: फुटबाल, हाकी में अपने कालेज ही नहीं,जिले, राज्य और देश का नाम रोशन करें,  प्रतिभावान छात्रों को पठन-पाठन, पुस्तकों व कोचिंग आदि में किसी बाधा का सामना न करना पड़े और दिल्ली, इलाहाबाद आदि महानगरों में शिक्षा हेतु जाने वाले छात्र- छात्राओं को आर्थिक संकट से दो-चार न होना पडे़। इस हेतु वे सदैव प्रयासरत रहते हैं और उन छात्रों के लगातार संपर्क में भी रहते हैं। वह पुस्तक मेलों का बीते आठ-नौ बरसों से आयोजन करते हैं जिसमें प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा अन्य सामान्य ज्ञान, विज्ञान, संस्कृति व ज्ञानवर्धक साहित्य के प्रकाशकों को वरीयता दी जाती है। यही नहीं वह उनके आवास, स्टाल आदि की निशुल्क व्यवस्था करते हैं। निराश्रित बुजुर्गों-महिलाओं की भोजन एवं आवासीय व्यवस्था करने को श्री संजीव कुमार हमेशा तत्पर रहते हैं।

इसके साथ ही श्री संजीव कुमार समानभाव के नौजवानों के साथ समाज में व्याप्त कुरीतियों व आर्थिक-सामाजिक गैर-बराबरी के विरोध में जागरूकता अभियान चलाते हैं। परिचर्चाओं का आयोजन करते हैं, सर्दी के मौसम में निशुल्क रैन बसेरों का प्रबंध करते हैं, निराश्रित बेसहारा लोगों को गर्म कपड़े व कम्बल आदि का वितरण करते हैं व राजकीय इंटर कालेज के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में सर्वोच्च अंक पाने वाले छात्र -छात्राओं को प्रति वर्ष जबतक वह उच्च शिक्षा प्राप्त करें, 5000/- रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करते हैं। अभी तक श्री कुमार ने बीते बरसों में 8 तीन दिवसीय पुस्तक मेलों का आयोजन किया है जिसमें देश के प्रख्यात प्रकाशकों की सहभागिता होती है। इससे एटा जैसे पिछड़े जिले ही नहीं आस-पास के मैनपुरी, फिरोजाबाद, हाथरस, आगरा, अलीगढ़, कासगंज आदि जिलों के छात्र-छात्राओं का शैक्षिक और साहित्यिक स्तर बेहतर हुआ है। दरअसल इन पुस्तक मेलों का सकारात्मक पहलू कहें या सुखद परिणाम कि इससे इस जनपद में लोगों के दिलोदिमाग में पैठ बना चुकी गन कल्चर अब बुक कल्चर में बदल चुकी है। छात्रों के अनुरोध को देखते हुए वर्ष 2022 से तीन दिवसीय पुस्तक मेला के स्थान पर पुस्तक मेला चार दिवसीय कर दिया गया है। विभागीय स्तर पर आपने कर्मचारियों के सहयोग से श्री कुमार ने कर्मचारी कल्याण कोष की स्थापना की है जिससे दुर्घटना व मृत्योपरांत कर्मचारी के परिवार को तात्कालिक रूप से आर्थिक सहायता दी जा सके। आपने मृत्युपरांत अलीगढ़ मैडीकल कालेज को चिकित्सा एवं शोध हेतु अपने शरीर दान की घोषणा की है। ऐसे प्रतिभावान समाजसेवी अधिकारी की अपने बीच उपस्थिति हम सभी के लिए गर्व का विषय है।