लेखक : डॉ. सत्यनारायण सिंह
लेखक रिटायर्ड आई.ए.एस. अधिकारी है
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वैश्विक महामारी के चलते केन्द्रीय स्तर पर हमारी स्वास्थ्य प्रणाली की खामियां सामने आई। कोविड-19 व अन्य सम्बन्धित बीमारियों के लिए लोगों को स्वास्थ्य सेवायें मिलने में मुश्किले आई है। निजी स्वास्थ्य सेवाओं का आम लोगों को लाभ नहीं मिला। राजस्थान मं सबसे अच्छा प्रबन्धन हुआ। डाक्टरों ने जान पर खेल कर अपना फर्ज पूरा किया परन्तु निवारक और उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को शीघ्र बढ़ाना आवश्यक प्रतीत हुआ।
स्वास्थ्य क्षेत्र का बुनियादी ढांचा कमजोर है। वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी से श्वास जनित गम्भीर बीमारियों की वजह से मौते हो रही है। गरीबी सबसे बड़ी समस्या हैं। घातक बीमारियों के कीटाणु वायुमण्डल में तेजी से पनप रहे है। बेरोजगारी दर में वृद्धि, रोजगार, मंहगी दवायें कमी का संकेत हैं। भूख व कुपोषण की समस्या गम्भीर हो गई है। लोगों की आर्थिक प्रतिरोधी क्षमता इतनी नहीं है कि गम्भीर बीमारियों को झेल सकें। हम गैर संचारी रोगों के संकट की और देख नहीं पा रहे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निरोगी राजस्थान का संकल्प लिया और संकल्प लिया है, राजस्थान स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में प्रदेश सिरमौर बने। इसके लिए हर व्यक्ति कोघर के नजदीक बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मिले। एक भी गरीब व्यक्ति इलाज से वंचित न हो और इलाज के भारी भरकम खर्च से किसी का घर बरबाद न हो। इसे ध्यान में रखकर निःशुल्क दवा एवं जांच योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं की शुरूआत की गई। इसका दायरा बढ़ाते हुए हैजा, हृदय, श्वास व गुर्दा रोग जैसी गम्भीर बीमारियों को शामिल कर 700 से अधिक दवायें भी उपलब्ध कराई जाने लगी। दवाओं की व जांचों की संख्या बढ़ाई गई है। सिटी स्कैन, एमआरआई जैसी मंहगी जांचे निःशुल्क की जाने लगी है। जीवनशैली में बदलाव के लिए निरोगी राजस्थान अभियान चलाया जा रहा है। करीब 80 हजार स्वास्थ्य मित्रों का चयन किया गया है।
शुद्ध खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने की दृष्टि से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है। नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, नये स्वास्थ्य उपकेन्द्र खोले गये है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो को क्रमोन्नत किया गया, जिला अस्पताल घोषित किया गया। नये सामुदायिक केन्द्र, उप जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, ट्रोमा सेंटर खोले गये। चिकित्सालयों में ब्लड बैंक की स्थापना, अस्पतालो व जिला चिकित्सालयों को सेवाओं की संख्या बढ़ाई गई है। स्कूलों, मदरसों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीकाकरण, उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक केन्द्रों के भवन निर्माण व 280 मेडीकल लैब संचालित की गई है। जिला स्तर पर नये मेडीकल कॉलेजों की स्थापना उनमें सुपर एमआरआई, सीटी स्कैन व्यवस्था, केंसर संस्थान में ओपीडी, मेडीकल कॉलेजो में नये सुपर स्पिसियेलिटी विषय खोले गयें।
आयुष मिशन के द्वारा आयुर्वेद के औषधालयों के भवन निर्माण तथा आयुर्वेद औषधालयों को आयुष हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स के रूप में विकसित किया जा रहा है। चिकित्सा के उत्कृष्ट प्रबन्ध में आरटीपीसीआर, सभी जिला मुख्यालयों में टेस्ट की सुविधा, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, आयुर्विज्ञान महाविद्यालयों में शैय्याओं का डेडिकेटेड अस्पताल, सभी मेडीकल कॉलेज में टोसिली जुमे एवं रेमडिसिविर दचा की उपलब्धि, व लिक्रिड (तरल) आक्सीजन प्लांट, स्वास्थ्य मित्रों को चयन, कोविड-19 के अर्न्तगत ड्यूटी के दौरान संक्रमित होकर मृत्यु होने पर 50 लाख की अनुग्रहराशी, 33 लाख निराश्रित असहाय परिवारों को पेंशन, 12 लाख अतिरिक्त परिवारों को रोजगार, निःशुल्क गेंहूं वितरण, कोई भूखा न सोये के ध्येय के अर्न्तगत रोजगार के अतिरिक्त निःशुल्क गेंहूँ, ट्रेक्टर एवं कृषि यंत्रों की निःशुल्क सेवाएं आदि कार्यक्रमों के राहत प्रदान की गई।
इस प्रकार राजस्थान को मेडीकल हैल्थ के सेक्टर में राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा प्राप्त हुई हैं। केन्द्रिय टीमों ने अन्य राज्यों को राजस्थान द्वारा उठाये गये कदमों से लाभ लेने की, अपील की है। मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में गम्भीर बीमारियों के संकट व इसके कारण उत्पन्न चुनौतियों की सफलतापूर्वक सामना किया गया। कोविड महामारी में प्रदेश में मृत्युदर 1 प्रतिशत के करीब व रिकवरी दर अन्य राज्यों की अपेक्षा अच्छी रही।
राजस्थान गर्वनमेन्ट हैल्थ स्कीम लागू की गई है जिसके अन्तर्गत सभी जनप्रतिनिधि, भारत सरकार व राज्य के कार्यकारी अधिकारी पेंशनर्स व उनके परिजनों को स्वायतशासी संस्थाओं, कॉरपोरेशन के अधिकारी कर्मचारियों की 5 लाख तक की मेडीकल सुविधा प्राप्त हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने बताया सरकारी कर्मचारियों को आईपीडी, ओपीडी में कैसलेश उपचार मिलेगा।
मई से लागू की गई मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से आम जनता को जोड़ने का पूरा प्रयास प्रारम्भ कर दिया है। इस बीमा योजना के लागू होने पर राज्य के लोगों को स्वास्थ्य सेवा में अभूतपूर्व योगदान मिलेगा। यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रान्त का प्रत्येक परिवार/नागरिक इस बीमा योजना से जुड़े जिससे बीमारी में पैसे की कमी से परेशानी नहीं हो और बगैर इलाज कोई मृत्यु नहीं हो। अब अशोक गहलोत ने डॅाक्टरों की सलाह व सहमति से बदलाब कर प्रवर समिति व विधान सभा में सर्व सम्मति से स्वास्थ्य बिल पास कराया। राजस्थान देश में पहला राज्य होगा जहां जनता को स्वास्थ्य सेवाओं का अधिकार मिला। निजी अस्पताल व यूनिटी के नाम पर रेजीडेंट डाक्टर्स उसका विरोध कर रहे हैं यह जनहित के विरूध है। जनता व मरीज डाक्टर को भगवान स्वरूप मानते हैं, कुछ अवांछित घटनाओं को छोड पूरा समाज उनसे राहत प्राप्त करता है। डाक्टर सेवा के पूर्व शपथ ग्रहण करते हैं। मनुष्यता को छोड़कर आन्दोलन निन्दनीय है। वार्ता से कठिनाईयां, गल्त फहमियां दूर की जा सकती हैं। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)