सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की सम्भाल कैसे करें : डॉ. माया

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जयपुर। राजस्थान में निदेशक पर्यटन की अभूतपूर्व पहल पर इंस्टिट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, बनीपार्क में सहायता संस्था की चेयर पर्सन डॉ. माया टंडन ने जीवन रक्षा प्रणाली का प्रशिक्षण दिया जिसमें संस्थान की विभागाध्यक्ष सुश्री बशीर, प्राचार्य एवं टूरिस्ट-गाइड मौजूद रहे। डॉक्टर माया टंडन द्वारा सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की सम्भाल दुर्घटनास्थल पर मौजूद सामान्य जन द्वारा कैसे की जाए के बारे में जानकारी दी गई।   

ज्ञात रहे कि सड़क दुर्घटना में मृत्यु का आंकड़ा हमारे देश में सर्वाधिक है जो कि कम नहीं हो रहा है एवं जिसके कारण हमारी केंद्र व राज्य सरकार इस विषय पर बहुत  चिंतित है। उन्होंने बताया की हमारे देश में 5% ही राजमार्ग है लेकिन इन पर दुर्घटना का आंकड़ा करीब-करीब 56% है जो की चिंता का विषय है जिसके कारण राजस्थान के पुलिस मुख्यालय के आदेशानुसार राजमार्ग पर स्थित 100 पुलिस थानों पर जीवन रक्षा प्रणाली का प्रशिक्षण दिया गया है साथ ही अन्य थानों में भी यह प्रशिक्षण अपेक्षित है। 

इस प्रशिक्षण में बताया गया की दुर्घटना स्थल पर तुरंत उपचार हेतु घायल के कंधे पर जोर से थपथपा कर आवाज लगाकर उसकी आंख खुलवाने का प्रयत्न करना चाहिए। अगर वह बेहोश है तो उसको 90 डिग्री की करवट पर Log Roll की स्थिति में रखकर ही हॉस्पिटल ले जाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि दुर्घटना के पश्चात घायल को तुरंत फुटपाथ की तरफ ले जाना चाहिए इससे सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। 108, 104, 112 पर संपर्क करके एंबुलेंस को बुलाकर मदद ली जा सकती है तथा राजमार्ग पर तुरंत एंबुलेंस बुलाने के लिए 1033 नंबर को उपयोग में लेना चाहिए। यदि घायल के मेरुदंड में चोट आई है तो तीन व्यक्तियों द्वारा इस तरह उठाना चाहिए जिसमें एक व्यक्ति सर व कंधे को सहारा दे, दूसरा व्यक्ति कमर व पीठ को सहारा दे व तीसरा व्यक्ति पैरों को सहारा देते हुए स्ट्रेचर पर शिफ्ट करे व इसी तरह से एंबुलेंस में ले जाएंगे तो घायल को सुरक्षित अस्पताल पहुंचने पर घायल व्यक्ति को  लकवा मारने की संभावना बहुत कम हो जाएगी। यदि घायल अपने परिवार में कमाने वाला एकमात्र व्यक्ति है और दुर्घटना में उसके प्राणों की रक्षा नहीं हो पाती है तो उसके पूरे परिवार को सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओ का सामना करना पड़ेगा। 

सहायता के कार्यक्रम-समन्वयक उदयवीर सिंह द्वारा कार्डियो पलमोनरी रीससिटेशन (सीपीआर) का मानव पुतले पर प्रशिक्षण करवाया गया व साथ ही गुड सेमेरिटन कानून के बारे में भी जानकारी दी। सहायता के कार्यक्रम-समन्वयक विकास यादव व सीईओ मनीष संचेती द्वारा उपस्थित सभी प्रतिभागियों को सहायता द्वारा निर्मित लघु फिल्म "आखिर कब तक" व सहायता की सोशल मीडिया पर उपस्थिति की जानकारी साझा की, साथ ही उपस्थित सभी प्रतिभागियों को यह प्रशिक्षण व लघु फिल्म  अपने सभी संबंधियों व साथियों के साथ चर्चा करने व साझा करने का आग्रह किया। 

सभी प्रतिभागियों  ने उत्साहपूर्वक कार्यक्रम में हिस्सा लिया साथ ही प्रशिक्षण से जुड़े सवाल-जवाब किए गए जो कि 1 घंटे से ज्यादा के रहे, जिनका डॉ. माया टंडन ने समाधान किया। उनके द्वारा दुर्घटना में बचाव से जुड़ी कई बातें बताई गई, जिससे की उपस्थित समस्त टूरिस्ट गाइड को नई जानकारी प्राप्त हुई व सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा से जुड़ी जागरूकता आई। इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों द्वारा ये भी आश्वासन दिया गया की वह संस्था से जुड़े रहेंगे व दुर्घटना होने पर घायल की मदद आशय करेंगे, ताकि दुर्घटना में जो युवा दम तोड़ रहे हैं उनके जीवन को बचाया जा सके। सभी प्रतिभागियों को सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा की प्रतिज्ञा भी दिलाई गई।