लेखक : डॉ.सत्यनारायण सिंह
(लेखक रिटायर्ड आई.ए.एस. अधिकारी हैं)
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मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय बजट की आलोचना करते हुए कहा कि राजस्थान के लिए मोदी सरकार का यह अंतिम बजट निराशाजनक रहा है। इसमें पूर्वी राजस्थान की महत्वपूर्ण ईआरसीपी योजना को राष्ट्रीय योजना घोषित नहीं करना। राजस्थान की रेलों के लिए अन्य प्रांतों की तरह महत्व नहीं दिया गया है। तेजी से बढ़ती जा रही मंहगाई पर कोई चर्चा नहीं की गई। मनरेगा का बजट कम कर दिया गया। पूंजीपतियों के लिए 3000 का कानूनी प्रावधान, उच्चतम टेक्स दर कोरपोरेट जगत के लिए कम कर दिया गया। इसी प्रकार सरचार्ज भी कम कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा राज की तुलना की। उन्होंने सदन में दोनों सरकारों के कामकाज के आंकडे भी पेश किए। राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई बहस का जवाब देते हुए गहलोत ने कहा कि तीन साल में प्रति व्यक्ति आय में 26.81 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है। देश में प्रति व्यक्ति आय 6.08 फीसदी प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है, जबकि राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय 8.24 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। वर्ष 2013 में जब हमारी कांग्रेस की सरकार थी तो प्रदेश पर 1.47 लाख करोड़ का कर्ज था, भाजपा ने इसे दोगुना कर दिया। 2018 में हमारी सरकार बनी तो राज्य पर 3 लाख 25 हजार करोड रूपये का कर्ज विरासत में मिला। 2014 में केन्द्र पर 58 लाख करोड का कर्ज था जो अब 150 करोड़ रूपय से अधिक हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के कारण कर्ज बढ़ा है पर इसकी सीमा पिछली सरकार की तुलना में बेहद कम है। मैं हर विभाग में हुए काम के साथ बताना चाहॅूंगा कि भाजपा राज में और हमारे राज में क्या अंतर हैं ?
गहलोत सरकार के चार साल की बड़ी उपलब्धियां
राजस्थान की देश में दूसरी सबसे अधिक जीडीपी 11.04 प्रतिशत है। 2018-2019 में यह 2.37 प्रतिशत थी। 1.43 लाख नोकरियां दी, 1.25 लाख नौकरियां प्रक्रियाधीन व 1 लाख नौकरियों की घोषणा हो चुकी है। 50 यूनिट तक घरेली बिजली मुफ्त की। करीब 39 लाख उपभोक्ताओं का बिजली का बिल शून्य हो गया।1 लाख करोड़ रूपये के सोलर क्षेत्र में निवेश के एमओयू किए व जोधपुर के बड़ला में देश का सबसे बड़ा सोलर पार्क बन रहा है। 4 साल में 374 नए पीएचसी, 206 नए सीएचसी, 51 नये जिला, उप जिला, वसेटेलाइट अस्पताल, 500 नए सब सेन्टर व 32 नए ट्रोमा सेन्टर खोले व 60 प्रतिशत बैड बढ़ाए गये हैं।एक करोड लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम बजट का 7ः हेल्थ पर खर्च करने वाले अकेले राज्य हैं। राइट टू हेल्थ लाया जा रहा है। सीएम चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 31 लाख का इलाज करा चुके हैं। वसुंधरा राज में 2015-16 में 19ः लोगों का हैल्थ इंश्योरंस था, जो अब 90ः हो गया है। कॉंग्रेस के 4 साल में एकल नारी पेंशन 8160 करोड़, दिव्यांगों को पेंशन 2170 करोड़, अनाथ बच्चों को राशि 2130 करोड़ राशि व्यय की गई है जबकि भाजपा सरकार द्वारा क्रमश 856 करोड, 425, 529 करोड रूपये व्यय किये गये थे। कॉग्रेस सरकार ने 4 साल में नये प्राईमरी स्कूल 266, प्राईमरी से मीडिल 1453, मिडिल से सेकण्डरी 1127, 210 नए कॉलेज खोले, एग्रीकल्चर कॉलेज 42 खोले जबकि भाजपा सरकार में क्रमश :0,178, 307, 81 एव 1 एग्रीकल्चर कालेज खोला गया। इसी प्रकार कॉग्रेस सरकार के 4 साल में 1000 आयुष बैलनेस सेंटर खोंले गये जबकि भाजपा सरकार में एक भी बैलनेस सेंटर नहीं खोला गया। कॉग्रेस के 4 साल के शासन में 1380 एमबीबीएस की सीटें और मेडीकल पीजी की 558 सीटें बढ़ाई गईं जबकि भाजपा सरकार में क्रमश मात्र 150 और 50 सीटें ही बढ़ाई गई।
अशोक गहलोत सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं को ‘‘फ्लेगशिप कार्यक्रम’’ के रूप में लागू कर गांव, गरीब एवं कमजोर वर्ग के उत्थान का प्रयास किया है। फ्लेगशिप कार्यक्रमों के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों के व्यक्तियों का सशक्तीकरण कर उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल किया गया हैं। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना एवं इंदिरा रसोई योजना जैसे कार्यक्रम इसकी एक बानगी है। ये कार्यक्रम आम आदमी की उन्नति, सामाजिक सुरक्षा और सुशासन के प्रति सरकार की वचनबद्धता के प्रतीक है।
गहलोत सरकार ने 4 साल के कार्यकाल में फ्लेगशिप योजनाऐं लागू की गई
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