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उदयपुर। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ उदयपुर (आईआईएमयू) के सेंटर फॉर डेवलपमेंट पॉलिसी एंड मैनेजमेंट (सीपीडीएम) ने नई दिल्ली स्थित पब्लिक पॉलिसी थिंक-टैंक और रिसर्च ऑर्गनाइजेशन कम्युनिटी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता सार्वजनिक नीति और विकास सलाहकार क्षेत्र में रिसर्च और कंसल्टेंसी को एक साथ लाने का प्रयास करता है। आईआईएम उदयपुर के निदेशक प्रोफेसर अशोक बनर्जी और कम्युनिटी के फाउंडर श्री प्रत्यूष प्रभाकर ने साझा तौर पर रिसर्च और परामर्श कार्य के लिए मार्ग प्रशस्त करने के मकसद के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
आईआईएमयू के सभी एमबीए छात्र पॉलिसी-ओरिएंटेड ऐसे रिसर्च से लाभान्वित होंगे, जो आने वाले वर्षों में सीडीपीएएम और कम्युनिटी द्वारा किए जाएंगे।
आईआईएमयू कैम्पस में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और इस अवसर पर प्रोफेसर सौरभ गुप्ता और सीडीपीएम के सह-प्रमुख प्रोफेसर दीना बनर्जी और कम्युनिटी की को-फाउंडर सुश्री दिव्या सिंह भी शामिल हुए। इस समझौते के बाद साझा तौर पर रिसर्च और कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव और मूल्यांकन जैसे नए क्षेत्रों में भी रिसर्च की राह खुलेगी। आईआईएमयू के सीडीपीएम और कम्युनिटी मिलकर सरकारी क्षेत्र, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय विकास एजेंसियों, और अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय एनजीओ की नीतिगत जरूरतों को पूरा करेंगे।
इस सहयोग पर टिप्पणी करते हुए आईआईएम उदयपुर के डायरेक्टर प्रो. अशोक बनर्जी ने कहा, ‘‘सामुदायिक विकास और प्रभाव मूल्यांकन के लिए प्रतिबद्ध एक संस्था के रूप में यह साझेदारी दरअसल हमारे एक बड़े उद्देश्य का एक हिस्सा है, जिसमें हम इम्पैक्ट, सस्टेनेबिलिटी और डेवलपमेंट पर पूरा फोकस करते हैं। कम्युनिटी एक प्रोफेशनल संगठन के तौर पर काम करता है और इसने विभिन्न सरकारी परियोजनाओं पर प्रभावी काम किया है। यह समझौता ज्ञापन हमें सार्वजनिक नीति और विकास क्षेत्र से संबंधित एक मजबूत शुरुआत करने और पूरी तरह फोकस्ड रिसर्च और नीति-निर्माण करने में हमारी सहायता करेगा। यह समझौता ज्ञापन उद्योगों, राष्ट्र और समाज को एक बेहतर दिशा में परिवर्तन के लिए प्रेरित करेगा। भविष्य में हम आपसी हितों के अन्य क्षेत्रों को लेकर भी आगे बढ़ने का प्रयास करते रहेंगे।’’
पॉलिसी ओरिएंटेड रिसर्च और मूल्यांकन से संबंधित अध्ययन से सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा प्रायोजित विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव को बेहतर तरीके से परखा जा सकेगा। आईआईएम उदयपुर के सीडीपीएम में विश्व स्तरीय संकाय सदस्य शामिल हैं, जिन्हें ग्रामीण विकास, शिक्षा, जेंडर, माइग्रेशन, श्रम, सस्टेनेबिलिटी, आजीविका, कृषि परिवर्तन और उद्यमिता पर शोध में विशेषज्ञता हासिल है। कम्युनिटी को भी केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों के साथ मिलकर काम करने का अच्छा-खासा अनुभव है।
कम्युनिटी एक गैर-लाभकारी संगठन है और परिवर्तन की दिशा में काम करते हुए फील्ड एक्शन के साथ शैक्षणिक अनुसंधान को समेकित करने के लिए एक थिंक-एंड-डू टैंक है। संगठन दूरदर्शी, प्रभावी और समावेशी सार्वजनिक नीतियों के विकास और कार्यान्वयन की दिशा में निरंतर प्रयास करता है। यह सार्वजनिक नीतियों के बारे में जागरूकता के साथ समुदायों को सशक्त बनाता है और नीति निर्माण में लोगों की सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित करता है। साथ ही, कम्युनिटी सार्वजनिक नीति शिक्षा पर छात्र समुदाय के साथ काम करता है, उन्हें नीतियों को समझने और उनका विश्लेषण करने के लिए उचित ज्ञान और साधनों के साथ सशक्त बनाता है और भविष्य के सार्वजनिक नीति पेशेवरों के रूप में उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान करता है।