एडब्ल्यूसी संस्था द्वारा पक्षियों की जनगणना की गलत आंकड़े जारी करने से पक्षी प्रेमियों में नाराजगी
शैलेश माथुर की रिपोर्ट
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सांभरझील (जयपुर)। सांभर लवणीय झील की नम भूमि क्षेत्र में हजारों की संख्या में विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों का जमावड़ा लोगों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सांभर झील के जयपुर और नागौर डिवीजन में एक संस्था द्वारा की गई पक्षियों की जनगणना पर सवाल उठाते हुए पक्षी प्रेमी वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर गौरव दाधीच ने बताया कि यह पूरी तरह से गलत तथ्यों पर की जा रही है जबकि हकीकत में सांभर झील और नागौर क्षेत्र में हजारों की संख्या में फ्लैमिंगोस अन्य प्रवासी प्रजाति के पक्षियों का नजारा साफ देखा जा सकता है।
वे खुद रोजाना नागौर डिवीजन और सांभर झील के एरिया में फोटोग्राफी वह उनकी जल क्रीड़ा व अन्यगतिविधियों को नोट करने जाते हैं। उनके पास तमाम प्रमाण मौजूद है शीतकालीन सत्र के प्रारंभ होने से ही यहां पर सुदूर देशों से प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो जाता है और अभी वर्तमान में झील में पक्षियों की संख्या भारी तादाद में है। संस्था द्वारा गलत आंकड़े जारी कर सांभर सांभर क्षेत्र के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और सरकार तक गलत मैसेज भेज कर यहां के अस्तित्व को मिटाने की कोशिश की जा रही है।
संस्था के सदस्यों की ओर से हर वर्ष पक्षियों की जनगणना के गलत आंकड़े बता कर जनता को गुमराह किया जा रहा है संस्था के लोग यहां आकर चुपचाप बिना किसी से पूछताछ किए अपने स्तर पर ही आंकड़े गलत तरीके से जुटाकर भिजवाई जा रही है इससे पक्षी प्रेमी व पक्षीविदों में काफी असंतोष व्याप्त है। बताया कि वर्तमान में अभी सांभर लेक में 1.5 लाख के आस पास पक्षी है। इनमें अधिक संख्या लेसर फ़्लमिंगो और ग्रेटर फ़्लमिंगो की हे व साथ ही Northern shoveler सहित अनय 9 प्रजाति की बतक गुस, कॉमन क्रेन प्रजाति के पक्षी सहित 55 प्रजातियों के पक्षियों की मौजूदगी पर्यटकों के लिए अच्छा खासा आकर्षण का केंद्र बन रही है।