खेत होगा सुरक्षित अब 10 फीट के स्थान पर 15 फीट पर लगा सकेगे पिलर

कृषि विभाग ने बदले नियम, किसानो को मिली राहत

प्रकाश चपलोत जैन 

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भीलवाडा। राज्य सरकार की ओर से फसल सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना, न्यूट्री सीरियल, एन.एफ.एस.एम., फसल सुरक्षा मिशन के तहत तारबन्दी कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए मापदंडो में किसानों को शिथिलता प्रदान की गई है। अब किसान तारबंदी में 6 होरिजेंटल एवं 2 डायगोनल वायर के स्थान पर 5 होरिजेंटल व 2 डायगोनल तार लगा सकेगें। इसके साथ ही अब 10 फीट के बजाय 15 फीट की दूरी पर पिलर लगा सकेगें। साथ ही 10वे पिलर के स्थान पर 15वें पिलर पर अतिरिक्त पिलर से सपोर्ट किया जा सकेगा। इससे किसानों को खेत में खड़ी फसल की सुरक्षा करने में आसानी रहेगी। दरअसल, किसानों को पशुओं से फसल की रक्षा करने के लिए कांटेदार तारों से तारबंदी करनी पड़ती है, ताकि वह अपनी फसल की रक्षा कर सके। लेकिन कुछ किसान आर्थिक रूप से सक्षम नही हैं। ऐसे में राज्य में रहने वाले लघु एवं सीमांत किसानों की फसलों को जंगली जानवरों और नीलगाय, जंगली सुअरो से सुरक्षित रखने के लिए राजस्थान सरकार ने यह योजना शुरू की है।

तारबंदी मापदंड एवं अनुदान राशि - तारबंदी योजना के मानदंडों के चलते कई किसान इसका लाभ लेने में रुचि नही दिखा रहे थे। अब तारबंदी योजना के मानदंडों में बदलाव किया गया है, जिससे किसानों को ज्यादा लाभ ज्ञ मिल सकेगा। योजना के अंतर्गत लघु एवं सीमांत कृषकों को तारबंदी के लिए लागत का 60 प्रतिशत या 48,000 रुपये तथा अन्य कृषको के लिए लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40,000 रुपये का अनुदान दिया जाता है।

आवेदन -किसान, राज किसान साथी पोर्टल पर जनाधार के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए निकटतम कृषि कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है अथवा किसान कॉल सेन्टर के निःशुल्क दूरभाष नम्बर 1800 180 1551 पर बात कर सकते है।

अनुदान-किसान व्यक्तिगत या समूह में प्रति किसान 400 रनिंग मीटर की सीमा तक कृषक या समूह में तारबन्दी किए जाने पर अनुदान देय होगा। हालांकि खेत की परिधि की लम्बाई 400 मीटर से अधिक होने पर शेष दूरी में कृषक या कृषक समूह की और से स्वंय के स्तर पर खेत की सुरक्षा के लिए आवश्यक क्षेत्र में खेत को सुरक्षित करने की घोषणा प्रस्तुत करनी होगी, तभी अनुदान राशि मिल सकेगी।