नाटक काबुलीवाला का मंचन कलकत्ता में हिंदी एवं ढूंधारी भाषा में होगा

अरशद शाहीन 

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टोंक। एक्स्ट्रा एन आर्गेनाइजेशन एवं कम्युनिटी थिएटर टोंक के संयुक्त तत्वावधान में कम्युनिटी थिएटर टोंक के कलाकार रबीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा रचित कहानी काबुलीवाला का मंचन रबींदनाथ की जन्मभूमि कलकत्ता में हिंदी एवम ढूंधारी भाषा में प्रस्तुत करेंगे। राजकुमार रजक द्वारा निर्माण इस नाट्य प्रस्तुति में रबीन्द्र नाथ के अन्य रचनाओं जैसे नाटक विसर्जन और उपन्यास राजश्री का अंश भी जोड़ा गया है।

रबीन्द्र नाथ ठाकुर की कहानी काबूलीवाला देशों के मध्य के भौगौलिक सीमा को मुह चिढ़ाता है और विश्वप्रेम की संकल्पना को रूपायित करता है। पिता और पुत्री के स्नेह के ज़रिये देश की वर्तमान सामाजिक – सांस्कृतिक परिवेश में रबीन्द्र नाथ बहुत ही प्रासंगिक हो उठते हैं खास कर तब जब कोई देश राष्ट्र बनने के जुगत में जुटा हुआ हो। यह नाटक काबुलीवाला एक पिता और पुत्री के स्नेह की तस्वीर हमारे सामने उद्घाटित करता है एवं कैसे सांप्रदायिक ताक़तें बहुलता को भेदते हुए अपने मंसूबों को पूरा करने की जद्दोजहद में लिप्त है।

इसी कड़ी में 30 दिसंबर को टोंक रंगमंच समूह ठाकूरनगर नाट्य महोत्सव कलकत्ता में अपनी प्रस्तुति देंगे। जिसमें टोंक के अमन तसेरा के द्वारा एकल प्रस्तुति, संगीत चितरंजन नामा एवम गर्वित गिदवानी तथा निलेश तसेरा व मोहित वैष्णव प्रस्तुति सहायक भूमिका में होंगे।