रामलीला में विभिन्न पात्रों की दमदार भूमिका से लोगों का बड़ा रुझान

श्रीबाल रामलीला मंडल की युवा टीम ने अपना वर्चस्व स्थापित किया 

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील (जयपुर)। विगत 4 दशकों से श्रीबाल रामलीला मंडल समिति की ओर से बदस्तूर संचालित रामलीला का आयोजन अब क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना चुका है। श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर परिलर में आज से 40 वर्ष पहले शुरू की गई छोटे-छोटे कलाकारों की ओर से रामलीला में जीवन पात्रों की भूमिका अदा कर इसे लोकप्रिय बनाने में युवा टीम का बहुत बड़ा योगदान रहा है यही कारण है कि आसपास के क्षेत्रों में आज इसकी लोकप्रियता अपने परवान पर चढ़ चुकी है। 

सांभर नगरी ही नहीं अपितु आसपास के गांव से भी अब काफी तादाद में राम लीला को देखने के लिए लोगों का रुझान भी तेजी से बढ़ा है। श्रीबाल रामलीला मंडल समिति के इन कलाकारों का हौसला अफजाई करने के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भरपूर योगदान भी मिल रहा है वही अनेक लोगों की ओर से बढ़-चढ़कर अपनी क्षमता के अनुसार श्रीबाल रामलीला मंडल को हर प्रकार का योगदान भी प्राप्त हो रहा है। खास बात यह है कि जिस युवा टीम की ओर से इसमें शारीरिक श्रमदान कर दिन रात मेहनत की जा रही है वह किसी नाम के मोहताज भी नहीं है। 

श्राद्ध पक्ष में संचालित हो रही इस रामलीला में इस बार स्थानीय कलाकाररों में पवन व्यास, दीपक व्यास, फूलचंद सैनी, सत्यम सिहोटा, आकाश सोनी, नवनीत माखन, मुकेश सेन, नटवर गौड, शेखर व्यास, निखिल अश्वनी, विवेक सैन, लोमेश प्रजापत, यश गट्टानी,  हिमांशु व्यास, सूरज सैन, मुकेश सैन, बंटी सैन, केशव सैन, दीपक शर्मा, विजय कुमावत, अक्षय कुमार, राहुल शर्मा, विकास अग्रवाल उर्फ बिल्लू सहित अनेक ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने दमदार भूमिका का जीवन मंचन कर रामलीला देखने के लिए लोगों देर रात तक मैदान में डटे रहने पर मजबूर कर दिया। मंदिर की वर्तमान कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की ओर से कुशल प्रबंधन भी तारीफे ए काबिल रहा है।