लेखक : डा. सत्यनारायण सिंह
(लेखक रिटायर्ड आई.ए.एस. अधिकारी हैं)
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता, पारदर्शिता एवं प्रतिबद्धता के साथ प्रदेशवासियों को सुशासन देने हेतु राजस्थान जनआधार योजना के माध्यम से विभिन्न योजनाओं व सेवाओं का प्रत्यक्ष लाभ आमजन को पंहुचाना सुनिश्चित किया जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर में राजस्थान एक अग्रणी राज्य बनता जा रहा है। चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रति परिवार 10 लाख तक के सालाना बीमा का प्रावधान है। इसमें कॉकलियर इम्पलांट, बोन कैंसर जैसी मंहगी बीमारियों के भी निःशुल्क ईलाज की व्यवस्था है। आर्गन ट्रांसप्लांट का सारा खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इसके अलावा पांच लाख रूपये का दुर्घटना बीमा भी इस योजना में शामिल है।
स्वास्थ्य सेवा मुख्यमंत्री की प्राथमिकता रही है। निरोगी राजस्थान के विजन के साथ आम जनता को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए आधारभूत सुविधाओं का विकास किया गया है। प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी मेडिकल कालेज, सरकारी नर्सिंग कालेज, पब्लिक हैल्थ सेन्टर खोले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना में सैटेलाईट चिकित्सालयों में 40 विशिष्ट जांचें निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक 20 लाख मरीजों की 1.36 करोड़ विशिष्ट जांचे की जा चुकी है। 18 लाख से अधिक मरीजों के इलाज पर लगभग 2203 करोड़ रूपये की कैशलैस सुविधा उपलब्ध कराई गई है। राजकीय चिकित्सा संस्थानों में आउटडोर व इन्डोर सुविधायें निःशुल्क की गई है। प्रदेश में 2 नये सीएचसी, 338 पीएचसी व 215 नये स्वास्थ्य उपकेन्द्र खोले गये हैं। 39 उपजिला अस्पताल, 21 जिला चिकित्सालयों में 8 को सेटेलाइट अस्पताल और 194 को सीएचसी में अपग्रेड किया गया है। प्रदेश में ट्रोमा सेंटर्स की स्थापना के साथ विभिन्न अस्पतालों में 8416 सेंटर्स की स्थापना के साथ विभिन्न अस्पतालों में 8416 बैड्स बढ़ाये गये हैं। आयुष्मान योजना के तहत 8394 उपस्वास्थ्य केन्द्रों को स्वास्थ्य कल्याण केन्द्रों में परिवर्तित किया गया है। 3613 दवा वितरण केन्द्रों का निर्माण किया गया है। 8 जिलों में नर्सिंग कालेज संचालित है, 7 जिलों में नवीन कालेजों की स्थापना की जा रही है। प्रति कालेज 44 पदों के अनुसार 838 नये पदों का सृजन किया गया है। 352 उपजिला चिकित्सालयों में डायलेसिस की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। 142 जनता क्लीनिक कच्ची बस्तियों और अल्प आय वर्ग के मौहल्लों में खोली जायेगी। जयपुर में मेडीकल इन्फ्रास्ट्रक्चर व सुविधाओं के क्षेत्र में विश्वस्तरीय किया जा रहा है। आईपीडी टावर व हृदय रोग संस्थान निर्माण, रोबोटिक सर्जरी आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। महिला चिकित्सालयों में कैंसर संस्थान का विकास प्रारम्भ हो गया है। चार बड़े शहरों में मेडीकल इंस्टीट्यूट प्रारम्भ किये जा रहे है। कैंसर रजिस्ट्री सिस्टम लागू किया गया है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 10.52 लाख बच्चों का इलाज कराया गया है जिसमें 8000 से अधिक बच्चों की जनरल हार्ट सर्जरी हुई है।
राज्य के बेहतरीन कोराना प्रबन्धन की देश विदेश में सराहना हुई है। 32 लाख निराश्रित परिवारों को 5500 रूपये की सहायता दी गई। शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य हुआ है। 210 नये राजकीय महाविद्यालय खोले गये है जिनमें 94 कन्या महाविद्यालय है। प्रदेश में 1206 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले जा चुके है ताकि वंचित तबके के विद्यार्थी भी अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त कर सके।
सरकार ने 90 लाख से अधिक लोगों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्कीम से जोड़ने का काम किया। पालनहार योजना में 6.05 लाख बच्चों को 1719.41 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता दी गई। बेघर लोगों के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह योजना लाई, घुमन्तु समुदायों के उत्थान के लिए डीनोटीफाइड ट्राइब्स पालिसी लाई जा रही है।
राजस्थान जन आधार योजना के माध्यम से विभिन्न योजनाओं, सेवाओं का प्रत्यक्ष लाभ आमजन को पंहुचाना सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश के लगभग 45 लाख घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली बिल शुन्य हो गया है। 5 वर्ष तक किसानों के लिए बिजली दरों में वृद्धि नहीं होगी, प्रतिमाह 1000 रूपया बिजली बिल अनुदान, 21 लाख किसानों को 15000 करोड़ रूपया का ऋण माफ, 18000 करोड़ रूपया का अनुदान, इंदिरा महिला सशक्तिकरण योजना के लिए 1000 करोड़ रूपये की निधि। समस्त किशोरियों और महिलाओं को निःशुल्क सेनेटरी नेपकीन वितरण, प्रशासन शहरों के संग, शहरों की अवैध रूप से बनी बस्तियों को पट्टों का वितरण। राज्य के करीब 5 लाख कार्मिकों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया गया। अपराध रोकने के लिए थानों व पुलिस को सुदृढ़ किया जा रहा है तथा पुलिस थानों में निर्बाध पंजीयन सुनिश्चित किया जा रहा है।
महात्मा गांधी नरेगा योजना एक महत्वाकांक्षी योजना बन गई है। कोरोना काल में इस योजना के माध्यम से लाखों श्रमिकों को रोजगार प्रदान कर रही है, इस योजना की तर्ज पर इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू की गई है। इंिदरा गांधी कम मूल्य भोजन योजना व श्रमिकों का जीवन सुधार हेतु नई सिलीकोसिस नीति लागू की गई। कार्यस्थल पर बेहतर कार्य परिस्थितियों के लिए खान मालिकों को पाबन्द किया गया है। पीड़ितों को आर्थिक सहायता के साथ मृत्यु पर आर्थिक सहायता सुनिश्चित की गई है। 10 करोड़ रूपये के प्रवासी राजस्थानी श्रमिक कल्याण कोष का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना, मुख्यमंत्री वृद्धजन सम्मान योजना एवं विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना के तहत हजारों लोगों को लाभांवित किया।
महात्मा गांधी शांति एवं अहिंसा निदेशालय को एक विभाग के रूप में स्थापित किया जा रहा है। समस्त सरकारी विभागों में पुराने व नवीन सृजित पदों पर नौकरियां दी जा रही है। अब तक लाखों युवकों को नौकरी दी जा चुकी है। कर्मचारियों और पेंशन परिवारों को सीजीएचएस की तर्ज पर आरजीएचएस की कैशलैस इलाज की सुविधा दी गई है।
स्वच्छ एवं पारदर्शी प्रशासन के संकल्प को चरितार्थ करने के लिए नई सोच व नई दिशा अपनाते हुए अहम कदम उठाये हैं। भ्रष्टाचार मुक्ति के लिए जीरो टालेंरैन्स नीति अपनाकर भ्रष्टाचार के विरूद्ध अभियान चलाया हुआ है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा साढे चार सौ से अधिक ट्रेप प्रकरण दर्ज किये गये हैं। लोक सेवकों के बारे में सूचना का प्रभावी संकलन व विश्लेषण किया जा रहा है। सूचना के अधिकार कानून की पालना सुनिश्चित की जा रही है। आम जनता के सभी जायज काम समय पर निष्पादित हों तथा उन कार्यो के निष्पादन में भ्रष्टाचार रूकावट नहीं बन सके इसके लिए अधिकाधिक जन सुनवाई कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
साम्प्रदायिक ताकतों ने प्रदेश के कई जिलों में तनाव व अशांति पैदा करने का प्रयत्न किया। इस प्रकार की घटनाओं को शीघ्रता से कार्यवाही कर व आवश्यक कदम उठाकर रोका गया है। अन्य घटनायें नहीं हो इसके लिए प्रशासन व पुलिस को पूरी तरह सतर्क किया हैं। सभी धार्मिक आस्थाओं के प्रति एक जैसा सम्मान प्रदर्शन कर सामाजिक व धार्मिक सदभाव सुनिश्चित किया जा रहा है। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)