आईआईएम उदयपुर के नए डायरेक्टर बने प्रोफेसर अशोक बनर्जी

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उदयपुर। आईआईएम उदयपुर ने आईआईएम कलकत्ता के प्रोफेसर अशोक बनर्जी को अपना नया निदेशक नियुक्त किया है। प्रो बनर्जी ने कार्यभार ग्रहण किया। उन्होंने प्रो जनत शाह का स्थान लिया है। शाह ने 2011 में आईआईएम उदयपुर की स्थापना के बाद से 11 वर्षों तक संस्थान का सफल संचालन किया।

प्रो. बनर्जी एक चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं। उन्होंने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से और एम.कॉम और राजस्थान यूनिवर्सिटी से पीएच.डी. की है। प्रो बनर्जी एक अनुभवी शिक्षाविद हैं, जिन्हें वित्त और नियंत्रण क्षेत्र में वरिष्ठ प्रोफेसर के रूप में व्यापक अनुभव है। हाई-फ्रीक्वेंसी फाइनेंस, फिनटेक और सेंटीमेट एनालिसिस क्षेत्रों में उनके शोध विख्यात हैं। वह 2012 से 2015 तक आईआईएम कलकत्ता में डीन (न्यू इनशिएटिव एंड एक्स्टर्नल रिलेशन ) थे। आईआईएम कलकत्ता में शामिल होने से पहले, वह आईआईएम लखनऊ में प्रोफेसर थे।

वह फाइनेंस और टैक्नोलॉजी क्षेत्रों में कंपनियों के बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में भी कार्यरत रहे हैं। डीन के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, प्रो बनर्जी को आईआईएम कलकत्ता में एक इनक्यूबेटर स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है, जिसे आईआईएम कलकत्ता इनोवेशन पार्क कहा जाता है। इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एक टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर के रूप में मान्यता प्राप्त है। प्रो. बनर्जी आईआईएम कलकत्ता के फाइनेंशियल रिसर्च एंड ट्रेडिंग लेबोरेटरी के फाउंडर-कॉऑर्डिनेटर रहे। 2009 में आईआईएम कलकत्ता में इंटरनेशनल फाइनेंस कॉन्फ्रेंस शुरू करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। इसे अब इंडिया फाइनेंस कॉन्फ्रेंस का नया नाम दिया गया है और आईआईएम कलकत्ता, आईआईएम बैंगलोर और आईआईएम अहमदाबाद द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है।

प्रो बनर्जी की नियुक्ति प्रोफेसर जनत शाह के दूसरे कार्यकाल के पूरा होने के बाद हुई है। दो कार्यकालों के बीच एक अतिरिक्त वर्ष के साथ, शाह आईआईएम उदयपुर की स्थापना से ही 11 वर्षों तक कार्यरत रहे। प्रो शाह के गतिशील और दूरदर्शी नेतृत्व के तहत, आईआईएम उदयपुर वैश्विक स्तर पर रैंक और मान्यता प्राप्त संस्थान के रूप में उभरा है। आईआईएम उदयपुर एसीसीएसबी और ईक्यूयूआईएस एक्रीडेशन प्राप्त करने वाला देश का चौथा आईआईएम और सबसे युवा बी-स्कूल था। यह 2021 में लगातार तीसरे वर्ष प्रतिष्ठित एफटी ग्लोबल टॉप 100 एमआईएम रैंकिंग में स्थान पाने वाला तीसरा आईआईएम बन गया, साथ ही इसमें शामिल होने वाला एशिया का सबसे युवा बी-स्कूल भी बन गया। क्यूएस 2022 एमआईएम वर्ल्ड रैंकिंग 2022 में यह दुनिया का सबसे कम उम्र का बी-स्कूल था और 7वां आईआईएम था। आईआईएमयू यूटी डलास अनुसंधान रैंकिंग पद्धति के अनुसार अनुसंधान में भारत में चौथे स्थान पर है।

एक दशक के इस छोटे से इतिहास में, संस्थान ने कई पहल की हैं जिन्होंने इसे दूसरों से अलग किया है। उनमें से एक कंज्यूमर कल्चर लैब (भारत में केवल बी-स्कूल), ग्लोबल सप्लाई चेन मैनेजमेंट में सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस, डिजिटल एंटरप्राइजेज मैनेजमेंट एंड हेल्थ मैनेजमेंट शामिल है। भारत सहित दुनियाभर ने हाल के महामारी के वर्षों में इन सभी क्षेत्रों के अत्यधिक महत्व को महसूस किया है।

प्रोफेसर अशोक बनर्जी के चयन और आईआईएम उदयपुर के निदेशक के रूप में उनके पदभार पर पंकज पटेल, प्रख्यात उद्योगपति और आईआईएम उदयपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चैयरमैन ने कहा हम आईआईएम उदयपुर के नए निदेशक के रूप में प्रोफेसर अशोक बनर्जी का स्वागत करते हैं। एक प्रतिष्ठित अकादमिक और एक सक्षम प्रशासक के तौर पर उनकी प्रतिष्ठा है, जो आईआईएम उदयपुर के विजन 2030 को शीघ्र हासिल करने के लिए नेतृत्व देने में सबसे उपयुक्त है।

उन्होंने कहा, ‘बोर्ड, और संपूर्ण आईआईएमयू कम्युनिटी, आईआईएम उदयपुर को आज की इस विशिष्ट स्थिति में ले जाने के लिए अग्रणी, दूरदर्शी और अनुकरणीय कार्य करने वाले प्रोफेसर जनत शाह के प्रति अपनी अपार कृतज्ञता व्यक्त करता है। हमें खुशी है कि प्रोफेसर शाह आईआईएमयू में प्रोफेसर बने रहेंगे।’

आईआईएम उदयपुर के नए निदेशक नियुक्त होने पर प्रोफेसर अशोक बनर्जी ने कहा, मैं बहुत गर्व और खुशी की भावना के साथ आईआईएम उदयपुर की इस शानदार यात्रा में शामिल हो रहा हूं। मैं बोर्ड और सभी हितधारकों के समर्थन की आशा करता हूं क्योंकि हम संस्थान को और आगे ले जा रहे हैं। आईआईएमयू के पास वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त बी-स्कूल बनने का एक सुस्थापित दृष्टिकोण है, जो छात्र रूपांतरण और अनुसंधान में उत्कृष्टता के स्तंभों पर बनाया गया है। मैं इसका हिस्सा बनकर उत्साहित और सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मुझे यह अवसर प्रदान करने के लिए मैं पंकज पटेल और बोर्ड को धन्यवाद देता हूं।

प्रो जतन शाह ने प्रोफेसर अशोक बनर्जी का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा, मैं बोर्ड, सलाहकारों, संकाय, कर्मचारियों, छात्रों, पूर्व छात्रों और अन्य सभी को धन्यवाद देता हूं जो आईआईएम उदयपुर की पथ-प्रदर्शक यात्रा का हिस्सा रहे हैं। उन्हीं के अथक समर्थन, समर्पण और कार्याें से आज हम इतना सब कुछ हासिल करने में सक्षम हुए। आईआईएम उदयपुर में मुझे एक जोश, उद्देश्य और ऊर्जा दिख रही है। मुझे यकीन है कि इससे प्रोफेसर बनर्जी को काफी मदद मिलेगी क्योंकि वह आईआईएमयू को अगले स्तर पर ले जा रहे हैं।