चैंपियन कार प्रकरण का नतीजा पुलिस अधीक्षक को सौंपा

प्रकाश चपलोत जैन 

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भीलवाड़ा।  एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर को लेकर स्थानीय चैंपियंस कार कंपनी की ओर से थाना प्रताप नगर में दर्ज मुकदमें के तहत भीलवाड़ा प्रेस सोसाइटी, जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) की भीलवाड़ा इकाई एवं जिला पत्रकार संघ  की ओर से गठित की गई उच्च स्तरीय पड़ताल कमेटी ने शुक्रवार को अपनी नतीजा जिला पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू को सौंप दी।  

पूर्व जिला एवं सेशन न्यायाधीश एस.एन. देराश्री की अध्यक्षता में गठित कमेटी की पड़ताल में सामने आया कि 15 मई रविवार को खबर प्रकाशित करने के बाद चैंपियन कार कंपनी के वर्कशॉप इंचार्ज रामेश्वर लाल टांक, अमरेंद्र पांडे ने तीन बार एक समाचार पत्र के दफ्तर में आकर मामले को मिलजुल कर निपटाने की बात कही तथा अंतिम मुलाकात 20 मई शुक्रवार को प्रातः 11.15 बजे समाचार पत्र के दफ्तर में हुई, जहां चैंपियन कार कंपनी के वर्कशॉप हेड रामेश्वर टांक ने नेक्सा कंपनी का विज्ञापन दिलाने का ऑफर दिया। एवं समाचार पत्र का विज्ञापन पत्रक लेकर उन्हीं के ऑफिस में टांक ने कुछ लिखा पढ़ी की यह सब कुछ सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुआ। 

इस दौरान सभी ने चाय नाश्ता किया। बाद में उसी दिन थाना प्रताप नगर में  मुकदमा दर्ज करवाया गया। कमेटी ने विगत 5 जून को स्थानीय सर्किट हाउस में दोनों पक्षों को लिखित में आमंत्रण पत्र भेजकर अपनी बात रखने एवं सुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया। परंतु चैंपियन कार कंपनी की ओर से कोई प्रतिनिधी उपस्थित नहीं हुआ। जबकि समाचार पत्र की तरफ से उपस्थित संपादक अंकुर पारीक, जयेश पारीक ने अपने बयान एवं पूरी घटना की जानकारी दी। 

बयानों की सत्यता जांचने के लिए तीन पत्रकारों की एक उप समिति बनाई गई जिसने 5 दिन चली पड़ताल के बाद अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की इसी रिपोर्ट के आधार पर उच्च स्तरीय कमेटी ने अपना निष्कर्ष और परिणाम निकाल कर जुटाए गए सारे साक्ष्य और बातचीत के प्रमाण, समाचार पत्र के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए फुटेज और चार चरणों में चैंपियन कार कंपनी के विरुद्ध प्रकाशित किए गए समाचारों के प्रमाण एवं घटनाक्रम से जुड़े समस्त दस्तावेज शुक्रवार को कमेटी के चेयरमैन सेवानिवृत न्यायाधीश देराश्री के साथ वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र ओर्डिया, शहजाद खान, प्रकाश चपलोत, अनिल राठी एवं स्थाई लोक अदालत के पूर्व सदस्य प्रह्लाद राय व्यास ने जिला पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्वू को सौंपे। 

साथ ही कमेटी ने एसपी सिद्वू को बताया कि चैंपियन ़कार कंपनी ने अपने वर्कशॉप में हो रही अनियमितताओं पर पहले पर्दा डालने का प्रयास किया वही कमेटी की पड़ताल में सहयोग नहीं करने से पूरे प्रकरण का आधा सच ही सामने आ पाया रिपोर्ट में पूरे प्रकरण की प्रताप नगर थाना पुलिस के अनुसंधान अधिकारी से निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की गई। साथ ही यह भी निवेदन किया गया कि भविष्य में किसी भी पत्रकार के खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज न कर उसे परिवाद में रखा जाकर निष्पक्ष जांच की जायें। उसके बाद अगर पत्रकार दोषी पाया जाता है। तो उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जायें।