सांभर के देवयानी होद में स्नान के लिये कुओं से निकाला आठ लाख लीटर पानी

मंदिरों के पुजारी पानी को तरसे, धार्मिक आस्था के नाम पर अमृत की बर्बादी

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

www.daylife.page 

सांभरझील (जयपुर)। यहां बैशाख पूर्णिमा पर देवयानी तीर्थ स्थल पर मेले के आयोजन से पहले करीब 8 लाख लीटर क्षमता के बने होद में सरकारी कुओं से पानी निकालकर इसे भरने का काम कई दिनों से लगातार किया जा रहा है, जो करीब करीब अब भर चुका है। देवयानी तीर्थ स्थल पर इन कुओं का पानी काम में लेने के लिये जलदाय विभाग को अधिकृत करना भी बताया जा रहा है। होद को भरने के लिये देवयानी सरोवर के घाट पर बने अनेक देवी देवताओं के मंदिरों व पुजारियों की पेयजल सप्लाई को रोककर जिस कुण्ड को मीठे पानी से लबालब किया जा रहा है, उसका इसलिये खास औचित्य नहीं बताया जा रहा हे कि इस कुण्ड में देर शाम तक युवाओं का स्नान व बच्चों की उछलकूद की वजह से बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों जिनमें महिलाओं की तादाद अधिक हाेती है इस होद पर आने से कतराती है। 

इसी वजह से बाहर से आने वाले श्रद्धालु देवयानी मां के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हुये घाटों पर बने मंदिरों की सीढियों से नीचे उतर कर सरोवर में भरे हुये जल से अर्द्ध स्नान या स्नान कर भगवान की पूजा अर्चना कर लौट जाते है, लेकिन जिस होद को धार्मिक आस्था के नाम पर भरना बताया जा रहा है उसका उपयोग स्थानीय युवाओं व बच्चों के लिये एक मनोरंजन स्थल बना हुआ है। बड़ के बालाजी मंदिर के पुजारी विकास शर्मा ने बताया कि जलदाय विभाग की ओर से कुण्ड को भरने के लिये मंदिरों की पेयजल सप्लाई रोककर व अनेक दफा कटौती की गयी है।

मैं खुद पानी को चखकर आया हूं मीठे पानी की बर्बादी की जा रही है, अनेक वार्डों में लोगों को पीने के पानी की किल्लत बनी हुयी और यहां पर नहाने के लिये होद भरा जा रहा है। जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियन्ता ओपी वर्मा से बात करने पर बताया कि कटौती जैसी कोई बात नहीं है, यदि आज पानी सप्लाई नहीं हुआ है तो शाम को दे देंगे। मंदिरों के लिये पानी का कोई बिल नहीं आता है, विभाग कुओं का बिल भरता है।