सांभर में चारभुजा गली में पेयजल लाईन के बाद भी पानी की समस्या

लोगों को हर माह मंगवाने पड़ रहे है निजी टेंकर, नई पेयजल लाईन व टंकी निर्माण की योजना लटकी

शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील (जयपुर)। यहां के वार्ड-22 स्थित भगवान चारभुजा की गली जलदाय विभाग की कई दशकों पुरानी चार पेयजल लाईन बिछी होने के बावजूद यहां के बांशिदों को एक एक बूंद पानी के लिये बेजा मशक्कत करनी पड़ रही है, लेकिन लोगों व पार्षद की ओर से कई दफा शिकायत किये जाने के बावजूद स्थानीय जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अभियन्ताओं की ओर से इस ज्वलन्त समस्या को हल्के में लिया जा रहा है। 

बताया जा रहा है कि यहां की स्थिति कई वर्षों से इतनी जटिल बनी हुयी है कि उपभोक्ताओं को खुद की आवश्यकता की पूर्ति के लिये निजी टेंकर मंगवाये जाने के लिये दूसरा कोई विकल्प ही नहीं बचा है, जबकि यहां के उपभोक्ताओं से जलदाय विभाग पानी के बिल की पूरी राशि वसूल कर रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पुरानी कोर्ट के पास अपने घरों से दूर निकलकर पानी का जुगाड़ करते देखा जा सकता है। यहां पर विभाग की छह, चार, तीन व दो इंच की पेयजल लाईन डली हुयी है, पानी इतना कम प्रेशर से लोगों के घरों में पहुंच रहा है कि रोजमर्रा की जिंदगी के लिये वह पर्याप्त नहीं बताया जा रहा है, महज बीस मिनट की पेयजल सप्लाई ही होना बताया जा रहा है, जबकि उपभोक्ताओं के बिलों में पानी कितना उपभोग किया गया है व औसत के आधार पर बिल राशि वसूल कर विभाग उपभोक्ताओं के अधिकारों का हनन ही कर रहा है। 

लिखने योग्य है कि चारभुजा मंदिर जाने वाला रास्ता इतना संकरा है कि पानी का टेंकर मुख्य सड़क के पास ही खड़ा करना पड़ता है यहां से दो सो फुट से अधिक का लम्बा पाईप बिछाकर पानी लेने की मजबूरी कई सालों से बनी हुयी है। यानी एक तरफ उपभोक्ता सरकार को बिल की राशि अदा कर रहे है तो दूसरी तरफ खुद के खर्चे से निजी टेंकर मंगवाकर जरूरत पूरी करनी पड़ रही है। यहां के लोगों से बात करने पर बताया गया कि माह में कम से कम दो टेंकर पानी के मंगवाने ही पड़ते है, लेकिन उन लोगों को अधिक मुश्किल हो रही है जिनकें घरों में पानी स्टोर करने के लिये या तो होद नहीं है या जगह के अभाव में बहुत ही छोटे है। 

एक दफा यहां पर पुरानी कोर्ट के पास ऊंचाई वाले स्थान पर पेयजल टंकी बनवाकर नयी पेयजल लाईन बिछाने का लोगों को करीब तीन चार साल पहले ख्वाब दिखाया गया था, लेकिन दलगत राजनीतक के चलते न तो इस योजना पर विभाग अमल कर सका और न ही सरकारी कारिंदों ने इस दिशा में कोई रूचि दिखायी। यहां की कांग्रेस पार्षद ज्योति कुमावत से बात करने पर बताया गया कि उनकी तरफ से विभाग को एक अधिक पत्र लिखे जा चुके है, विभाग की ओर से कोई सुनवायी नहीं की गयी है तो अब जलदाय मंत्री को िलखा गया है, यहां के लोगों को आज भी उम्मीद बनी हुयी है कि सरकार इस दिशा में कोई न कोई समाधान जरूर निकालेगी।