सांभर में संड़ाध मारते सार्वजनिक पेशाबघर

गर्ल्स स्कूल के बाहर दीवार पर खुले में लोग कर रहे है पेशाब


शैलेश माथुर की रिपोर्ट 

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सांभरझील (जयपुर)। कस्बा में प्रमुख जगहों पर नगपालिका की ओर से बनवाये गये सार्वजनिक पेशाबघर भीषण गर्मी में बुरी तरह से सड़ांध मार रहे है, सभी सार्वजनिक शोचालयों व पेशाबघरों की वर्तमान हालत को देखकर सहजता से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पालिका प्रशासन की ओर से न तो इनकी नियमित धुलाई करवायी जा रही है और न ही अंदर व बाहर के फर्शों को साफ सफाई करवाने में कतई रूचि नहीं दिख रही है। डाक बंगला के बाहर बना पेशाबघर के ऊपर जिस उद्देश्य से टंकी रखवायी गयी थी उसका तो आज तक कोई मतलब ही नहीं रहा है, क्योंकि पालिका की ओर से टंकी को आज तक कभी पानी से भरवाया ही नहीं गया है। पांच बत्ती चाैराहा के नजदीक विधायक कोष से बनवाया गया सार्वजनिक शौचालय की हालत तो पेशाबघरों से भी अधिक बदत्तर बनी हुयी है, इसके आगे सब्जी के ठेले लगे रहते है। पुरानी धानमण्डी में प्रवेश करते ही दाहिनी तरह का पेशाबघर भी बहुत अच्छी स्थिति में नहीं है, वहीं कटला बाजार में पुरानी तहसील के पास पेशाबघर भी नियमित सफाई को तरस रहा है। 

गर्ल्स स्कूल के बाहर शर्मसार स्थिति : 

यहां कटला बाजार स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के मुख्य द्वार के बाहर एक दीवार के कोने पर खुले में लोगों को पेशाब करते देखा जा सकता है, पालिका प्रशासन के लिये इससे बड़ी शर्मसार बात और क्या हो सकती है कि पार्षद धर्मेन्द्र जोपट की ओर से इसकी लगातार शिकायत करने के बाद पालिका ने अपनी आंखे पूरी तरह से मूंद रखी है। सरकार की ओर से तमाम कोशिशों के बावजूद स्थानीय पालिका प्रशासन आज भी खुले में लोगों को शोच व पेशाब करने से नहीं रोक पाया है जबकि विभाग व सरकार को फर्जी आंकड़े भिजवाये गये है कि सांभर नगरपालिका पूरी तरह से खुले में शोच से मुक्त हो चुकी है। यहां पर विगत वर्षां में जितने भी ईओ आये है उनकी ओर से आज तक इस प्रकार का कोई सर्वे नहीं किया गया है केवल कार्यालय में बैठे बैठे ही मन से रिपोर्ट विभाग व सरकार को मनफामिक भेजकर गुमराह ही करने का काम किया गया हे। 

बड़ा बाजार में बने पेशाबघर : 

पूर्व वाईस चेयरमैन व भाजपा के पार्षद धर्मेन्द्र जोपट ने गर्ल्स स्कूल के बाहर कोने में दीवार को लोगों की ओर से पेशाब करने के काम में लिये जाने को लेकर खासी नाराजगी व्यक्त की है, हमारे गांव की बेटियां जिस स्कूल में पढ़ने आती है उसके मुख्य द्वार के बाहर इस प्रकार की स्थिति जो कि पालिका की अनदेखी की वजह से उत्पन्न हुयी है यह बहुत ही शर्म की बात है, इससे निजात दिलाने के लिये उनकी ओर से बड़ा बाजार से कटला बाजार में प्रवेश करने से पहले एक सार्वजनिक पेशाबघर निर्मित करवाये जाने के लिये अनुरोध किया जा चुका है, लेकिन लापरवाही आज भी चरम पर बनी हुयी है। रेलवे स्टेशन के आसपास भी पालिका अभी तक ऐसा कोई स्थान नहीं ढूंढ पायी है जहां पर वह लोगों को सुविधायें मुहैय्या करवा सके।