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नयी दिल्ली। लोकनीति का उद्देश्य समाज के लोगों के जीवन में उत्तरोत्तर विकास व समृद्धि लाना होता है। इसके माध्यम से जन समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जाता है। इसके बिना देश के सामाजिक-आर्थिक विकास की कल्पना ही बेमानी है। यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, राजनीतिक मामलों के जानकार एवं पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत का। श्री रावत ने उपरोक्त विचार नयी दिल्ली स्थित मालवीय स्मृति भवन में आयोजित राष्ट्रीय लोकनीति पार्टी के स्थापना दिवस पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि लोकनीति वास्तव में नियम आधारित होती है। इसको कानूनी स्वीकृति भी होती है। सच तो यह भी है कि यह नागरिकों पर बाध्यकारी भी होती है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि लोकसेवकों व राजनीतिज्ञों जो देश की नीति निर्धारण में अहम भूमिका का निर्वहन करते हैं, में व्यवस्था व समाज की गहरी समझ हो। जहां तक सरकारों का सवाल है, उनका दायित्व है कि वह उसके अनुसार कार्य करें। इसमें जनता की दैनंदिन जीवन व सेवाओं से जुडी़ समस्याओं-सेवाओं यथा स्वास्थ्य, शिक्षा, अर्थ, गृह, निर्माण, कर, विज्ञान, तकनीक, सुरक्षा, प्रतिरक्षा, मंहगाई से राहत सहित यानी जन्म से लेकर मृत्यु तक घरेलू व वाह्य पक्ष शामिल हैं, सभी समाहित होते हैं।
आज पार्टी के स्थापना दिवस पर यहां इस सभागार में उपस्थित प्रबुद्ध जनों का स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं और संस्थापक सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझे आमंत्रित कर इस विषय पर अपने विचार प्रकट करने का अवसर प्रदान किया। आपके समक्ष असंख्य राजनीतिक दलों जो जाति, धर्म, संप्रदाय, अगडे़-पिछडे़, ऊंच-नीच, घपले-घोटालों, बेईमानी, आयाराम-गयाराम आदि विकृतियों में आकंठ डूबे हैं, के बीच अपनी राह बनानी है और जनजागरण के माध्यम से जनता को इन विकारों से सावधान करना है। अपनी नीतियों से आखिरी आदमी तक को परिचित कराना है। असलियत में ये बुराइयां जनता के दिलोदिमाग में अपनी जडे़ं जमा चुकी हैं। इनसे जनता को सचेत ही नहीं, वरन मुक्ति भी दिलानी है। असलियत में ये चुनौतियां बहुत ही बडी़ हैं जो आपके सामने मुंह बाये खडी़ है जिनका आपको सामना करना है। यह काम आसान नहीं है। इसके लिए आपकी एकजुटता, दृढ़ संकल्प, ईमानदारी, आपसी सहयोग और संघर्ष की जिजीविषा बहुत जरूरी है। इस काम में देर लग सकती है लेकिन निराश न होना और लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ते रहना। एक न एक दिन विजय आपके कदम चमेगी। इस दिशा में डा. एल सी शर्मा जी, ब्रिगेडियर बी.के.खन्ना जी, अजय अमित राज जी, बलवीर झा जी, डी.एन.चौहान जी, जीवन कांत झा जी, सुषमा शर्मा जी, डा . अपर्णा शर्मा जी, नंदी वर्धन जैन जी, एन.के.झा जी व आलोक कुमार जी आदि के प्रयासों की जितनी प्रशंसा की जाये, वह कम है। असलियत में आज जो पार्टी का स्वरूप है, वह आप सभी के अकथ प्रयासों और श्रम का परिणाम है। आप सभी इस हेतु साधुवाद के पात्र हैं। मैं आप अपने लक्ष्य प्राप्ति में सफलता अर्जित करें, यही कामना करता हूं।
सम्मेलन में संस्थापक अध्यक्ष ब्रिगेडियर बी.के.खन्ना में अपने सम्बोधन में कैडर के निर्माण पर बल देते हुए सभी कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर काम करने, दल की नीतियों का प्रचार-प्रसार करने, पार्टी के निर्णयों को मानने, स्वार्थ को तिलांजलि दे देश और समाज के हित को दृष्टिगत रखते हुए सेवा की भावना से काम करने की अपील की। तभी कुछ बदलाव की उम्मीद की जा सकती है। शुरूआत में पार्टी प्रमुख डा. एल.सी.शर्मा ने दल की स्थापना से लेकर बीते बरस में अपनी गतिविधियों की सिलसिलेवार जानकारी दी और उसको फिल्म के माध्यम से प्रदर्शित भी किया। उन्होंने चुनाव में मत प्रक्रिया, मतदान व तकनीक के प्रयोग के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि हम अपनी नीतियों के प्रचार-प्रसार में कोई कोर कसर नहीं छोडे़ंगे और राजनीतिक दलों के कुप्रचार से जनता के दिलोदिमाग में जड़ जमा चुकी भ्रांतियों को निकालने में समर्थ होंगे, ऐसा मेरा विश्वास है। सम्मेलन में डी.एन.चौहान, बलवीर झा, जीवन कांत, डा.एन.के. झा, दूरदर्शन के निदेशक रहे अजय तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार आलोक कुमार, नंदी वर्धन जैन, नंद कुमार झा, आशीष प्रकाश, संजीव शास्त्री, सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अजय अमित राज आदि ने पौराणिक काल से लेकर महाभारत काल व उसके उपरांत लोकनीति के महत्व, उसकी प्रासांगिकता व चाणक्य नीति के दृष्टांत देते हुए उसके अर्थ के साथ शासक वर्ग के जनता के हित में किये गये कार्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर समाज के विभिन्न वर्गों के प्रबुद्ध जनों, समाज सेवियों, बुद्धजीवियों, पत्रकारों, हिमाचल, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा सहित देश के विभिन्न प्रदेशों से आये नौजवानों, महिलाओं, कार्यकर्ताओं के अलावा पर्यावरणविद प्रशांत सिन्हा की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय थी। संचालन डा.अपर्णा शर्मा ने किया और अंत में डा. एल.सी.शर्मा व ब्रिगेडियर बी.के.खन्ना ने सभी उपस्थित जनों का हृदय से आभार व्यक्त किया।