'अभिव्यक्ति में प्रतीकों की उपयोगिता और अहमियत पर' दमदार चर्चा

आइस्पैल के साहित्यिक सत्संग में "सिम्बल्स एज प्रो-टेक्स्ट, पैरा-टेक्स्ट एंड एंटी टेक्स्ट" पर चर्चा  

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जयपुर। भाषा द्वारा अभिव्यक्ति में प्रतीकों की उपयोगिता और अहमियत पर इंडियन सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर (आइस्पैल इंडिया) के साहित्यिक सत्संग में विषय शीर्षक "सिम्बल्स एज प्रो-टेक्स्ट, पैरा-टेक्स्ट एंड एंटी टेक्स्ट" के तहत डाॅ. एस बाला सुब्रमण्यम, असिंटटेंट प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, डीआरबीसीसीसी हिन्दू कालेज, पटाबिरम, चेन्नई, तमिलनाडू ने अहम वक्ता के रूप में विशिष्ट चर्चा की। 

डाॅ. जी. ए. घनश्याम, फाउंडर और जनरल सैकट्ररी, आइस्पैल और प्रोफेसर ऑफ इंगलिश, डायरेक्टरेट ऑफ हायर एजुकेशन, रायपुर, छतीसगढ और प्रोफेसर अनुपमा वोहरा, प्रेसिडेंट, आइस्पैल और प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, डी डी ई, जम्मू विश्वविद्यालय की मौजदूगी में शुरू किया गया। 

डाॅ. कैप्टेन इंद्राणी एम आर, असिंटटेंट  प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, एस बी आर आर महाजना फर्स्ट ग्रेड कालेज, मैसूर, कर्नाटक ने विशेष रूप से इस कार्यक्रम को संयोजित किया। 

बृन्दा आर, हैड, अंग्रेजी विभाग, एमएमके एसडीएम महिला महाविद्यालय, मैसूर, कर्नाटक ने कार्यक्रम को दक्षता से संचालित किया। डाॅ. हरप्रीत कौर गरचा, सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, गवर्नमेंट कमला देवी राठी पीजी महिला महाविद्यालय, राजनंदगाँव,  छत्तीसगढ़ ने चेयर पर्सन की अहम भुमिका निभाई। 

इस साहित्यिक सत्संग को ऑनलाइन जूम प्लेटफार्म पर प्रमोद ढींगले, आइटी कोर्डिनेटर, आइस्पैल इंडिया के विशेष सहयोग से सम्पन्न किया गया। आइस्पैल इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट, डाँ अशोक सचदेवा और कार्डिनेटर, डाँ क्षमता चौधरी भी उपस्थित रहे। डाॅ. शालिनी यादव, पीआरओ, आइस्पैल और प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, काम्प्यूकाम इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, जयपुर, राजस्थान ने सर्टिफिकेट देकर मुख्य वक्ता डाॅ एस बाला सुब्रमण्यम, डाॅ गुरप्रीत, डाॅ इन्द्राणी और बृन्दा को सम्मानित किया। तत्पश्चात् डाॅ. इंद्राणी ने सभी प्रबुद्ध श्रोतागणों का आभार व्यक्त किया।