कल की लिए थोड़ा बचा कर रखें

लेखक : प्रोफेसर (डॉ.) सोहन राज तातेड़ 

पूर्व कुलपति सिंघानिया विश्वविद्यालय, राजस्थान

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बचत करना एक अच्छी आदत है। बचत करने से संग्रह हो जाता है ओर कभी संकटकाल में काम आता है। कहा गया है कि बूंद-बूंद से भरे सरोहर। इसका अर्थ यह हैं कि वर्षा की एक-एक बूंद मिलकर एक तालाब को भर देती है। इनी छोटी-छोटी बूंदों से विशाल नदियां बन जाती है। समुद्र में पाया जाने वाला जल इन्हीं छोटी-छोटी बूंदों से मिलकर बना हुआ है। यदि हम अपने जीवन में छोटी-छोटी बचत और संयम को अपनाये तो उनसे प्राप्त होने वाले लाभ के द्वारा जीवन को सुखमय बना सकते है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। गृहस्थ जीवन चलाने के लिए अर्थ की आवश्यकता पड़ती है। आवश्यकताएं बिना धन के पूरी नहीं हो सकती। कई बार हमें अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाती है, लेकिन हमारी जेब में एक पैसा भी नहीं रहता है। उस समय हम महसूस करते हैं कि यदि हम अपनी आमदनी में से कुछ पैसे बचाये होते तो आज यह पैसा हमारे काम में आता। इसलिए हम अपने जीवन में पैसो की बचत करना सीखे। भविष्य में कब जरूरत पड़ जाये इसका पता नहीं रहता। भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए धन के सम्बन्ध में छोटी-छोटी बचते बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसमें कोई शक नहीं हैं कि कम आमदनी वाला व्यक्ति भी अधिक रकम जमा कर सकता है। लेकिन वह थोड़ी सावधानी से काम ले तो जरूर ही पैसा बचा सकता है। छोटी बचतों का अर्थ यह है कि व्यक्ति अपनी सीमित आमदनी में से कुछ न कुछ बचाने की कोशिश करें। छोटी बचते करने के लिए आर्थिक नियोजन के स्तर को योजनाबद्ध बनाना चाहिए। बचत चाहे छोटी से छोटी क्यों ना हो, खर्चों में से कुछ न कुछ निकाल लेना चाहिए। ये बचतें चाहे कमाई का पांच या छः प्रतिशत ही क्यों न हो। बचतों को संग्रह करने के लिए पोस्टऑफिस या बेंकों में खाते खोलकर नियमित रूप से उसमें जमा कराते रहना चाहिए। वहां पर इन पैसों का ब्याज भी मिलेगा और यह रकम वहां सुरक्षित भी रहेगी। ये थोड़े-थोड़े पैसे समय के अन्तराल के साथ लाखों तक पहुंच जायेंगे जो किसी संकट की घड़ी में काम आयेंगे। बेंकों और डाकखानों में छोटी बचतों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक योजनाएं चलायी जाती है। कम्पनियों के भिन्न-भिन्न प्रकार के बान्ड भी होते हैं जिनको खरीदकर पैसा बचाया भी जा सकता है। हर व्यक्ति अपनी आमदनी के अनुसार इसका फायदा उठा सकता है। हर महीने अपनी आमदनी में से इन योजनाओं में पैसा जमा करते रहना चाहिए और धीरे-धीरे यह रकम बढ़कर अधिक हो जायेगी और संकट के समय काम आयेगी। साथ ही सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इन पर इनकम टैक्स की छूट भी मिलती है। सरकारी खजानों में जमा यह पैसा सरकारी योजनाओं में लगता रहता है। इससे देश की योजनाएं भी सफल होती है और देश का फायदा होता है। बचत करने वाले को भी अवधि की समाप्ति पर ब्याज सहित एक मोटी रकम मिल जाती है। इन पैसों से आवश्यकता पड़ने पर अपने मनपसन्द वस्तुएं भी खरीद सकते है। बच्चों में भी बचत की आदत डालनी चाहिए। बचत करने से एक फायदा यह भी हैं कि मनुष्य में एक नया आत्मविश्वास पैदा होता हैं क्योंकि भविष्य की जरूरत को पूरा करने के लिए पैसों की बहुत ज्यादा चिंता नहीं रहती है। भविष्य में आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किसी के सामने हाथ फैलाना भी नहीं पड़ता है। जैसे-जैसे बचत के फायदे के बारे में व्यक्ति को पता चलता है उसकी बचत करने की आदत पक्की होने लगती है और उसका जीवन कामियाब हो जाता है। बचत करने के लिए संयम की आवश्यकता होती है। संयमी व्यक्ति सुखी जीवन जीता है। जहां पर दस रूपये का काम हैं यदि वहां पांच रूपये से भी काम चल जाये तो कर लेना चाहिए। यही बचत की आदत है। बचत करने का मतलब यह भी नहीं है कि आप एकदम कंजूस हो जाये और अपनी दैनिक जरूरतों में कटौती कर दें। खाने-पिने और संयमी जीवन व्यतीत करने के बाद जो कुछ बचे उसे बैंक में जमा करा देना चाहिए। आजकल के दौर में बचत करना हम सभी की आवश्यकता हो गयी है। बचत के द्वारा अपनी मेहनत की कमाई को फिजूलखर्ची से बचाना भी आवश्यक है। पैसे कमाने में तो बहुत वक्त लगता हैं लेकिन उसे गंवाने में दो मिनट से भी कम लगता है। यदि धन को सुरक्षित रखना है तो बजट बनाकर चलना होगा। प्रतिमाह का बजट बनाते समय खर्चों का हिसाब भी रखना होगा। इससे खर्चें का अंदाजा हो जाता है। यह भी पता चल जाता हैं कि फिजूलखर्ची कहां हो रही है। इस चीज की प्रीप्लानिंग करनी चाहिए कि क्या-क्या किमती वह जरूरी समान खरीदना है। उसके हिसाब से बजट निर्धारित करना चाहिए। यदि कार खरीदना हैं तो यह प्लानिंग करें की महिने के आवश्यक खर्च और बचत के अलग रूपयों के अलावा किस खर्चें को कम किया जा सकता है। कितने महिने में बचत करके पूरी किस्त जमा की जा सकती है। इस प्रकार प्लानिंग करके अपने सपनों को पूरा किया जा सकता है। बचत का सबसे अच्छा उपाय यह है कि जब बाजार में समान खरीदने जाना हो तो केवल आवश्यक उपयोग की ही चीजे खरीदी जाये। उपभोक्ता भंडारों में आकर्षक समानों को देखकर मन में लालच नहीं होनी चाहिए। वस्तुएं मनुष्य को अपनी तरफ आकर्षित करती है और अनावश्यक व्यय कराने के लिए बाध्य कर देती है। छोटी-छोटी बचतें हमारे जीवन में बहुत महत्व रखती है। इसलिए धन को खर्च करने के साथ-साथ उसका कुछ हिस्सा सुरक्षित अवश्य रखना चाहिए। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)