जयपुर। आज के बच्चे कल का भारत हैं। आज बच्चों में हिंदी साहित्य, कला व संस्कृति के प्रति प्रेम के बीज बोए जाएंगे तभी तो कल वे विशाल वृक्ष बनकर मानवता को छाया प्रदान करेंगे। इसी उद्देश्य से हिंदी के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पटल "हिंदगी हिंदी है जिंदगी "द्वारा बच्चो के लिए 14 नवम्बर से 30 नवम्बर तक हिंदी महोत्सव का आयोजन किया।इस वैश्विक पटल के संस्थापक व कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर ऋषि शर्मा ने बताया कि 'हिंदगी साहित्य महोत्सव' में देश-विदेश से कई प्रतिभाशाली बच्चों ने विभिन्न प्रतियोगिताओ में भाग लेकर अपनी प्रतिभा से वैश्विक पहचान बनाई।साहित्य महोत्सव की शुरुआत 14 नवम्बर को बाल दिवस के अवसर पर आयोजित 'बाल कवि सम्मेलन' से हुई। जिसमें 05 साल से लेकर 17 साल तक के बाल रचनाकारों ने अपनी मौलिक कविताएँ प्रस्तुत कीं। उन्होंने बताया कि 20 नवम्बर को आयोजित 'काव्यनृत्य प्रतियोगिता' में प्रथम स्थान पर विदुषी , देहरादून पब्लिक स्कूल द्वितीय स्थान पर नंदिनी शर्मा और मानसी अरोड़ा, एमपीएस इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, जयपुर, तीसरे स्थान पर आदरिजा सिन्हा, माउंट लिट्रा पब्लिक स्कूल, पश्चिम बंगाल ने अपनी जगह बनाई।
वही 21 नवम्बर को आयोजित 'लघुनाटिका' में प्रथम स्थान सेंट मार्गेट स्कूल, मध्यप्रदेश द्वितीय स्थान , ज्ञान विहार स्कूल , जयपुर ने प्राप्त किया। साथ ही 21 नवम्बर शाम को ही आयोजित 'मेरी विधा मेरी प्रस्तुति' में, पहला स्थान शिवेंद्र, दूसरा ट्विशा व तीसरा जियाना जेठानी ने प्राप्त किया ये तीनो ही एमपीएस इंटरनेशनल जयपुर के विद्यार्थी हैं। ये सभी प्रतियोगिताएं प्रिरिकॉर्डेड थी। साथ ही उन्होंने बताया कि 28 नवम्बर को लाइव आयोजित 'आशुभाषण प्रतियोगिता' में प्रथम स्थान कबीर सेठी, भारतीय विद्यालय अल धुबरा, मस्कट, ओमान ने प्राप्त किया और द्वितीय व तृतीय स्थान क्रमश: आद्विका मंथ एवं कृतिका बंग ने एमपीएस इंटरनेशनल स्कूल, जयपुर ने प्राप्त किया। 30 नवम्बर को 'विश्व कवि सम्मेलन' के साथ इस महान आयोजन का भव्य समापन हुआ, जिसमे ओमान,कुवैत,दोहा, सिंगापुर व भारत मे विभिन्न राज्यों दिल्ली, गुजरात, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना आदि से सुप्रसिद्ध कवियों ने भाग लिया इस कवि सम्मेलन से मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर रमा, प्राचार्या, हंसराज महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय ने जुड़कर समूह का गौरव बढ़ाया।
संस्था को तकनीकी रूप से सहयोग प्रदान करने वाले व सभी कार्यक्रमो के संचालक, संयोजक त्रिलोकनाथ पांडेय जी ने बताया कि इन सभी प्रतियोगिताओ में बड़ी संख्या में देश ही नहीं अपितु विदेश से भी प्रविष्ठियाँ प्राप्त हुई थी। सभी विजेताओं व उनके शिक्षकों व विद्यालयों को शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए संस्था के अध्यक्ष डॉ विनोद प्रसून जी ने कहा कि साहित्य महोत्सव न केवल बाल प्रतिभाओं को आगे लाकर मंच प्रदान किया है साथ ही नई पीढ़ी में साहित्य के बीज अंकुरित करने व संस्कार देने के भी पुनीत कार्य किया है यह कार्यक्रम साहित्य की विभिन्न्न विधाओं में प्रस्तुति देने हेतु प्रेरित करने का बेहतरीन संयोग रहा है।
उन्होंने बताया निर्णायक के रूप में सिंगापुर से डॉ. लतिका रानी, बहरीन से अनुपम रमेश किंगर व मुंबई से सुषमा रजनीश जी समेत दिल्ली से डॉक्टर प्रोमिला चौपड़ा भी मंच से जुड़ीं दिल्ली से ही डॉ शिक्षा कौशिक जी की उपस्थिति एवं कुवैत से नाज़नीन अली जी के संचालन में भव्य बाल कवि सम्मेलन से हिंदगी साहित्य महोत्सव 2021 का बेहतरीन आगाज़ हुआ। सभी प्रतियोगिताओं में निर्णायकों ने बेहद सटीक, प्रेरक एवं ज्ञानवर्धक समालोचनाओं समीक्षाओं के उपरांत निष्पक्ष आकलन कर विजेताओं का चुनाव किया। हिंदगी प्रमुख ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों आयोजनों से ही हिंदगी, हिंदी है ज़िंदगी समूह की आज विश्व में पहचान है और ऐसे आयोजनों की भविष्य में भी इसी प्रकार निरंतरता बनी रहेगी।