वामन दीपावली के अवसर पर लाइटो से सजाया गया वामन देव जी का मंदिर
जाफ़र लोहानी

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मनोहरपुर (जयपुर)। मनोहरपुर कस्बे के वामन देव मोहल्ले में  रविवार को वामन दीपावली विधिवत रस्म ओ रिवाज के हर्षोल्लास के साथ मनाया गई। इस दौरान महिलाओं द्वारा गीत गाए गए मंदिर प्रांगण में आकर्षक व मनमोहक विद्युत सजावट की गई कई दीपक जलाकर रोशनी की गई। 

जानकारी देते हुए मंदिर के पुजारी गोपाल शर्मा ने बताया कि सुबह सुबह 11 बजे वामन महाराज का भव्य श्रृंगार किया गया व मंदिर को रंग बिरंगी विद्युत लाइट लगाकर रोशनी की गई और दोपहर 3 बजे महिला मंडल की ओर से भजन की प्रस्तुति दी गई शाम 6 बजे मंदिर परिसर में महा आरती का आयोजन किया गया जिसमें संपूर्ण कस्बे की महिलाएं व पुरुष हाथों में दीपक लेकर मंदिर परिसर पहुंचे व भगवान वामन देव की विधिवत पूजा अर्चना की। कार्यक्रम में भगवान की भव्य झांकी सजाई गई इस दौरान भगवान का अद्भुत श्रृंगार किया गया महिलाओं ने भगवान के भोग लगाकर महिला पुरुषों ने सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान भामाशाह डी के सोनी, बृजेश सोनी, प्रीतम सोनी, पंचायत समिति सदस्य ललिता अशोक व्यास, संपूर्णानंद शर्मा, बंटी शर्मा, अविनाश लाटा आदि उपस्तिथ थे। 

करीब 450 वर्ष पूर्व बनाया था वामन देव मंदिर

मनोहरपुर कस्बे के मोहल्ला वामनदेव में स्तिथ वामनदेव मंदिर का  राजस्थान के इतिहास में अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं! मंदिर का निर्माण उत्तरी भारत की नगर शैली में हुआ है यहां देव उठनी ग्यारस को वामन दीपावली मनाई जाती हैं कस्बे सहित मंदिर परिसर में दीपावली की तरह रोशनी से जगमग हैं। इस मौके पर 4 महीने से सोये हुए देवों को विधिवत पूजा अर्चना कर घरों में देवों को उठाती हैं इसके बाद में महिलाएं समूह में गीत गाती हुई वामनदेव मंदिर जाती हैं जहां वामन भगवान की पूजा अर्चना कर मंदिर प्रांगण के चारों और परिक्रमा करती हैं मंदिर परिसर में वामन भगवान के ढोक लगाकर परिवार की सुख शांति समृद्धि की कामना करती हैं। 

आशियानों पर जलते हैं दीपक

ग्राम पंचायत मनोहरपुर की सरपंच श्रीमती सुनीता प्रजापत व उनके पति श्याम सुंदर प्रजापत और उनके जेठ शंकर लाल प्रजापत ने बताया कि वामन दीपावली पर वामन देव मंदिर में आकर्षक व मनमोहक विद्युत सजावट की जाती हैं कस्बे के आशियानों पर दीपक जलाएं जाते हैं आसपास के गांवों के लोग मंदिर में आकर पूजा करते है। पुजारी गोपाल शर्मा ने बताया कि मंदिर का निर्माण करीब 450 वर्ष पूर्व मुगल बादशाह अकबर सम्राट ने बनाया था यह मंदिर नीले पत्थरोँ से बना हुआ है ग्रामीण हरिद्वारी लाल जिंदल ने मंदिर में शीशे की नक्काशी सहित कई महत्वपूर्ण कार्य करवाए हैं।