4 दिसम्बर को एटा में होगा पर्यावरण सम्मेलन

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नई दिल्ली। विगत वर्षों की भांति 3-4-5 दिसम्बर को राजकीय इंटर कालेज, एटा के प्रांगण में गुरुवर स्व. ब्रजपाल सिंह जी की स्मृति में पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान 3 दिसम्बर को विकलांगों का कार्यक्रम, 4 दिसम्बर को पूर्व की भांति पर्यावरण सम्मेलन और 5 दिसम्बर को कौमी एकता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। 

इसकी जानकारी देते हुए पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत ने बताया है कि उपरोक्त 4 दिसम्बर के पर्यावरण सम्मेलन में प्रख्यात नदी जल विशेषज्ञ, राजीव गांधी वाटरशेड मिशन के पूर्व सलाहकार एवं बिहार एवं म.प्र. में नदियों की पुनरुद्धार योजना के प्रणेता भोपाल के कृष्ण गोपाल जी व्यास मुख्य अतिथि होंगे। इसके अलावा राजस्थान में जल संरक्षण में महती भूमिका निबाहने वाले और अपने प्रयासों से तकरीब 52 गांवों की तकदीर बदलने वाले दूदू, जयपुर के लक्ष्मण सिंह जी लापोडिया, गोरखपुर विश्व विद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष व आमी नदी बचाओ आंदोलन के प्रमुख विश्व विजय सिंह गोरखपुर से, बुंदेलखण्ड में 43 हजार तालाब बनवाने वाले व अपना तालाब बनाओ योजना के जनक, उ.प्र. व राष्ट्रीय स्तर पर अनेकों सम्मान-पुरुस्कारों से सम्मानित छतरपुर-बांदा से पुष्पेन्द्र भाई, देश के प्रख्यात पानी पत्रकार, जल विशेषज्ञ व जल बिरादरी प्रमुख अरुण तिवारी अमेठी से तथा नव प्रभात जन सेवा संस्थान की अध्यक्ष, दूरदर्शन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर व जानी-मानी पर्यावरण एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सुमन जी द्विवेदी  व पर्यावरण रत्न सम्मान से सम्मानित, जाने-माने समाजसेवी पर्यावरणवादी पटना से प्रशांत सिन्हा सहभागिता कर रहे हैं।

सम्मेलन में प्रख्यात गंगा वैज्ञानिक, गंगा पुत्र के नाम से विख्यात और मां गंगा की अविरलता के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले स्व. प्रो. गुरुदास अग्रवाल जी की स्मृति में जल रत्न सम्मान, विश्व विख्यात पर्यावरणविद स्व. सुंदरलाल बहुगुणा जी की स्मृति में वृक्ष मित्र सम्मान व पर्यावरण रक्षा हेतु कार्यरत कार्यकर्ताओं को पर्यावरण मित्र सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।

पुस्तक मेले के आयोजक ए आर एम संजीव यादव के अनुसार 3 दिसम्बर को विकलांगों का सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। 5 दिसम्बर को आयोजित कौमी एकता सम्मेलन में जाने-माने बुद्धिजीवी, शिक्षाविद और विद्वान सहभागिता करेंगे। श्री यादव ने लोगों से अपील की है कि वह पुस्तक मेले में आकर देश के ख्यातनामा प्रकाशकों द्वारा प्रख्यात लेखकों की न केवल नित-नवीन प्रकाशित ज्ञानवर्धक पुस्तकों का लाभ उठायें बल्कि तीन दिवसीय मेले के दौरान आयोजित पर्यावरण सम्मेलन और कौमी एकता सम्मेलन में देश के प्रमुख पर्यावरणवादियों व बुद्धिजीवियों-विद्वानों के विचारों से लाभान्वित हो मानव जीवन को सुफल और सार्थक बनायें।