लेखक : लोकपाल सेठी
(वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं राजनीतिक विश्लेषक)
www.daylife.page
लगभग एक दशक पहले लव जिहाद शब्द काफी समय तक अखबारों की सुर्खिया में बना रहा। इस शब्द को केरल के कुछ हिंदूवादी संगठनों के घड़ा था। इन संगठनों के नेताओं का आरोप था कि राज्य में इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ़ इंडिया (सिमी) तथा पोपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया जैसे कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों से जुड़े मुस्लिम युवक एक योजना के अंतर्गत हिन्दू युवतियों को पहले अपने प्रेमजाल में फंसाते है। बाद में उनसे शादी करके उन्हें इस्लाम स्वीकार करने के लिए मजबूर करते है। उन दिनों एक के बाद एक करके लगभग एक दर्ज़न ऐसे मामले सामने आये थे जिसमें मुस्लिम युवकों ने हिन्दू युवती से शादी कर बाद में उससे इस्लाम कबूल करवा लिया। उधर मुस्लिम संगठनो ने न केवल इन आरोपों को गलत बताया बल्कि कहा कि कुछ कट्टरपंथी हिन्दू संगठन एक साजिश की तहत मुस्लिम संगठनों को बदनाम कर रहे है तथा इन प्रेम विवाहों को साम्प्रदायिक रूप देने में लगे है। कांग्रेस और वामपथी दलों ने भी इसको लेकर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आलोचना की थी। ईसाई संगठनों ने इस सारे विवाद से अपने आप को अलग रखा था
जब मामला काफी आगे बढ़ गया तो तत्कालीन सरकार द्वारा गठित एक विशेष पुलिस टीम के जरिये इन सब घटनाओं की जाँच करवाई गई। जाँच में यह पाया गया कि इस तरह धर्म परिवर्तन की कुछ घटनाएँ हुई है लेकिन इन सबके के पीछे कोई योजनाबद्ध षड्यंत्र नहीं है। इस रिपोर्ट के बाद केरल हाईकोर्ट ने इस पर दायर की गई याचिकायों को खारिज कर दिया। मामला सर्वोच्च न्यायालय में गया जिसने जाँच का काम केद्रीय एजेंसियों को सौप दिया इन एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कहा कि इन सभी घटनायों का पैटर्न एक जैसा ही है लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि सब योजना बद्ध था। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कोई उसेजांच के दौरान राज्य सरकार का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। बाद में उत्तर भारत सहित कई राज्यों में इस तरह के मामले सामने आये तथा बीजेपी शासित कुछ राज्यों में लव जिहाद को रोकने के कानून भी बना दिये।
अब यही लव जिहाद को लेकर केरल में एक बार फिर बवाल शुरू हो गया है। इस बार कुछ ईसाई संगठनों ने आरोप लगाया है की कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनों से जुड़े मुस्लिम युवक इसाई युवतियों को नशे की लत डाल कर उहें अपने प्रेम जाल में फंसाते है। उनसे शादी करने के बाद उन्हें इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर कर देते है कुछ दिन पूर्व कोट्टायम जिले के मार्थ मरियम चर्च के कैथोलिक बिशप जोसफ कल्लारंगत ने रविवार के प्रार्थना सभा में कहा कि राज्य में मुस्लिम संगठनों ने नारकोटिक्स जिहाद शुरू किया है जिसमें बड़ी संख्या में ईसाई युवतियों को झूठे प्रेमजाल फंसा कर उनसे शादी की जाती है और फिर उन्हें मुसलमान बना दिया जाता है।
उनका कहना था यह सब काफी समय से चल रहा है और चर्च के पास इन लड़कियों की माता पिता ने लिखित में बताया है कि कैसे उनकी लड़कियों को नशे लत डाली गयी। बिशप का कहना था की यह एक तरह का नारकोटिक्स लव जिहाद है। जिस धर्म परिवर्तन का काम मुस्लिम संगठन ताकत के बलपर नहीं कर सकते वे वे नारकोटिक्स के जरिये कर रहे हैं। उन्होंने ने यहाँ तक बातया यह सब कैसे हो रहा है। उनके अनुसार मुस्लिम युवक आइसक्रीम पार्लर खोलते है जहाँ कई तरह मादक पदार्थों वाली आइसक्रीम बेची जाती है। इन लडकियों को मुफ्त आइसक्रीम खिला उनको नशे की लत डाल दी जाती है। मुस्लिम संगठनो ने न केवल इसे गलत बताया बल्कि बिशप के खिलाफ साम्प्रदायिकता भड़काने की एक शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई।
बिशप की इस टिप्पणी के बाद लव जिहाद एक बार फिर नारकोटिक्स लव जिहाद के नए नाम से अख़बारों की सुर्ख़ियां बन गया। बीजेपी और हिन्दूवादी संगठन तो बस मौके का इंतजार ही कर रहे थे। उन्होंने मामले को पूरे जोर से उठाया तथा कहा कि सारे मामले की उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए। उन्होंने यह मांग भी कि बिशप को मिलने वाली धमकियों कोध्यान में रखते हुए बिशप को सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाने चाहिए। इस बारे में उन्होंने केद्रीय गृह मंत्री को एक पत्र भी भेजा।
राज्य में इसाई समुदाय के लिए चर्च की ओर से एक पत्रिका “दीपिका” प्रकाशित की जाती है। इस पत्रिका ने अपने एक अग्रलेख में इस मामले को विस्तार से छापा तथा कहा कि इसबार राज्य में ईसाई समुदाय की महिलाये कट्टरपंथी मुस्लिम संगठनो के निशाने पर है सायरो मालाबार चर्च के आर्च बिशप भी बिशप जोसफ के समर्थन में खड़े हो गए। उधर एक दूसरे के धुर विरोधी कांग्रेस और वामपंथी दल इस मामले में एक साथ हो गए है तथा इनके नेता बार-बार कह रहे है कि चर्च और हिन्दू संगठन राज्य का साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे है। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार हैं)