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जयपुर। देश के अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों में से एक आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने महान दार्शनिक, शिक्षक, विद्वान और स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाष्णन की जयंती पर शिक्षक दिवस समाारोह का आयोजन किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों ने देश के विकास में डॉ. सर्वपल्ली राधाष्णन के योगदान को याद किया और कहा कि उनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण ही राष्ट्र पिछले कई दशकों से विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। ड सर्वपल्ली राधाष्णन देश की युवा पीढ़ी के लिए हमेशा रोल मडल के रूप में याद किए जाते रहे हैं और उनके महती विचारों ने आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय के स्नातकों को भी बहुत समृद्ध किया है।
आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट डॉ. पी आर सोडानी ने अपने जीवन की यात्रा में यहां तक पहुंचना संभव बनाने के लिए अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के अपने छात्रों को भी उनके प्यार और स्नेह के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें अपने जीवन में हमेशा सही रास्ते और नैतिक मूल्यों का पालन करने के लिए प्रेरित किया। ड सोडानी ने कहा कि वे अभी भी सीख रहे हैं, चाहे वह अपने छात्रों से सीखें या परिवेश से, सीखने की कोई आयु सीमा नहीं है।
आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन डॉ. एस डी गुप्ता ने जीवन निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका की चर्चा करते हुए कहा, हम अपने जीवन में आज जो कुछ भी हैं, वह शिक्षकों के योगदान के कारण ही संभव हुआ है। शिक्षक ही वास्तविक मार्गदर्शक होते हैं जो जीवन में अपने अनुभव के माध्यम से प्राप्त ज्ञान को साझा करने के लिए प्रेरित करते हैं। शिक्षक न सिर्फ आपको पढ़ाते हैं, बल्कि जीवन के मूल मूल्यों का विकास भी करते हैं। यह शिक्षक ही हैं जो आपको सिखाते हैं कि आप एक उपयोगी नागरिक कैसे हो सकते हैं और आप राष्ट्र के विकास में कैसे योगदान कर सकते हैं और साथ ही आप लोगों के जीवन में कैसे अपनी तरफ से योगदान दे सकते हैं। शिक्षक गुरु हैं - ‘गु’ अंधकार है और ‘रू’ प्रकाश है। लोगों को अंधेरे से उजाले की ओर ले जाना। शिक्षक और छात्रों के बीच की भूमिका दोनों तरफ से निभानी होती है, छात्र को जरूरत पड़ने पर अपने शिक्षक के पास पहुंचना चाहिए और शिक्षक को अपने छात्रों का मार्गदर्शन करने के लिए तैयार रहना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण है सीखने की संस्ति का निर्माण करना। कोविड -19 महामारी और डेल्टा वेरिएंट के फैलने के खतरे को देखते हुए आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय ने शिक्षक दिवस समारोह का यह आयोजन वर्चुअल तौर पर किया।