आखिर क्यों आया लक्षद्वीप सुर्ख़ियों में !

लेखक : लोकपाल सेठी

वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं राजनीतिक विश्लेषक 

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केरल के समुद्र तट से लगभग 224 किलोमीटर दूर छोटासा लक्षद्वीप शायद ही कभी अखबारों की सुर्ख़ियों में रहा हो। यहाँ अक्सर रिटायर्ड वरिष्ठ आईएएस या  अन्य किसी अखिल भारतीय सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी को यहाँ का प्रशासक नियुक्त किया जाता रहा है। ऐसे प्रशासक सरकारी नियम और कानून से यहाँ की प्रशासनिक व्यवस्था चलाते रहे है। कभी किसी तरह का विवाद नहीं हुआ है। 

लेकिन पिछले साल दिसम्बर में केंद्र सरकार ने पता नहीं किन कारणों से प्रशासक के पद एक राजनीतिज्ञ को इस पद पर नियुक्त करने का निर्णय किया। गुजरात   बीजेपी के बड़े नेता तथा कभी राज्य के गृह मंत्री रहे प्रफुल्ल खोड़ा पटेल को इस पद नियुक्त किया गया। उनके कामकाज करने के तौर तरीके तथा बिना अधिकारियों तथा जन प्रतिनिधियों के साथ विचार विचार विमर्श किये फैसले लेने की वज़ह से वे पहले दिन से ही विवाद में आ गए। 

यह मुख्य द्वीप तथा इसके आसपास के 35 द्वीपों को मिलकर यह द्वीप बना है। इसकी कुल आबादी 65,000 के आस पास है, इसमें यहाँ के आदिवासी भी शामिल है। कुल रकबा है 32 वर्ग किलोमीटर है। इसे एक विशेष दर्ज़ा मिला हुआ है, नियम कानून भी कुछ ऐसे है जिससे आदिवसियों की संख्या को संरक्षण मिले। सारे नियम कानून भी उनकी परम्पराओं, रहन सहन तथा संस्कृति को ध्यान में रख कर ही बनाये गए है। यहाँ के अधिकतर लोग मलयालम भाषा बोलते है। कुल आबादी के 90 प्रतिशत लोग मुस्लिम है। लगभग 60 प्रतिशत लोगों की जीविका मछली पकड़ने पर ही निर्भर है। क्योंकि यहाँ से सबसे  निकट समुद्री तट  केरल ही लगता इसलिए यहाँ के लोगों को  वहां आना जाना लगा रहता है। इसी प्रकार वहां के लोग व्यापार के सिलसिले में यहाँ आते रहते है। इसलिए  यहाँ की राजनीति पर भी केरल का असर हैं। यहाँ की एक मात्र लोकसभा सीट पर 2019 में एनसीपी के मोहम्मद फैसल जीते थे। यह दल केरल में वाममोर्चे का हिस्सा है। वाममोर्चा हाल ही में केरल में लगातार दूसरी बार सत्ता में आया है। 

सर्वोच्च न्यायालय की एक कमेटी, जिसके मुखिया न्यायधीश आर. वी. रविन्द्रण थे। की सिफारिश पर एक विशेषज्ञ टीम का गठन किया गया था जिसका काम इस द्वीप बहुमुखी विकास के लिए लम्बी अवधि की योजना तैयार करना था। इस टीम ने 2014 में इंटीग्रेटेड आईलैंड मनेजमेंट प्लान पेश किया था जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर उस पर काम शुरू किया। इस योजना के अंतर्गत पर्यटन के विकास के लिए रिसोर्ट बनाने तथा सड़कों आदि का निर्माण भी शामिल था। सारी योजना कुछ ऐसी थी जिसमें मछली व्यवसाय को बढ़ावा मिलता था। इसके अंतर्गत समुद्र में आने वाले तूफान से नावों के नुकसान से बचाने के लिए शेड बनाये गए थे।  इसके साथ इस बात को पूरा ध्यान रखा गया था की यहाँ के आदिवसियों के जन जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़े। 

पिछले जनवरी माह से ही नए प्रशासक के तौर तरीको को लेकर  विवाद आरम्भ हो गया था। लेकिन यह द्वीप न केवल छोटा है बल्कि मुख्य भूमि से काफी दूर भी हैं। यहाँ होने वाली हलचलों के बारे में मीडिया को महीनो तक पता ही नहीं चलता। पटेल साहेब के बारे शिकायत यह है कि उन्होंने पद संभालते ही इस योजना को दरकिनार कर दिया और अपना ही अजेंडा शुरू कर दिया। उनको पता था की यहाँ की 90 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। इसलिए यहाँ गोवध पर पाबंदी नहीं है। उन्होंने पद संभालते ही गोवध पर पाबंदी लगा दी। मिड डे मील के अंतर्गत यहाँ स्कूलों में गैर शाकाहारी भोजन दिया जाता था। उन्होंने आदेश जारी कर दिया की स्कूलों में बच्चों को केवल शकाहारी भोजन दिया जायेगा। इनको लेकर कहा गया की वे यहाँ हिन्दू अजेंडा लागू करना चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने आँगनवाडी में सेवा दे रही सभी महिलाओं को हटा दिया। इसके अलावा नावों की रक्षा के किये बने सभी शेडों को तोड़ने का आदेश जारी कर दिया। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शराब के बिक्री पर पाबंदी हटा दी। इसी प्रकार पंचायतो को मिले अधिकारों में कटौती करदी। 

इन सबको लेकर उनके खिलाफ छोटा-मोटा आन्दोलन भी फ़रवरी में शुरू हो गया था लेकिन इसकी खबर वहां से बाहर नहीं आई। आखिर में वहां के कुछ लोगों  ने केरल के कोच्ची में आकर मीडिया के सामने अपनी व्यथा रखी। लगभग दो महीने बाद देश के लोगों को पता चला की लक्षद्वीप में भी कोई आन्दोलन हो रहा है। कुछ दिन पूर्व केरल से सत्तारुढ वाममोर्चे के एक प्रतिनिधि दल वहां जाना चाहता था। लेकिन प्रशासक के रूप में पटेल साहेब ने उनको अनुमति नहीं दी। आखिर में वहां के सांसद मोहम्मद फैज़ल ने दिल्ली आकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भेंट कर वहां की स्थिति के बारे में अवगत करवाया। शाह ने उन्हें  वायदा किया के वे पटेल को निर्देश देंगे कि वे अपने काम काज में स्थानीय अधिकारियों और जन प्रतिनिधिओं को साथ लेकर चलें। (लेखक का अपना अध्ययन एवं अपने विचार है)