ज़रीन खान की 'हम भी अकेले, तुम भी अकेले' का सॉन्ग जिसे सुनने को आप मजबूर हो जाएंगे

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मुम्बई। ज़रीन खान और अंशुमन झा अभिनीत फिल्म 'हम भी अकेले तुम भी अकेले' को हाल ही में लॉन्च किए गए इसके ट्रेलर के लिए ढेरों प्रतिक्रियाएं मिलीं हैं। बेमिसाल ट्रेलर ने ऑडियंस को बेहद उत्साहित कर दिया है, और अब यह लेटेस्ट ट्रैक 'बुल्ला की जाना' भी उसी का अनुसरण कर रहा है, क्योंकि बार-बार दोहराकर सुनने के लिए इसे रिलीज कर दिया गया है।

इस प्रतिष्ठित ट्रैक के लिरिक्स बुल्ले शाह द्वारा लिखे गए हैं। 'बुल्लेया की जाना मैं कौन' पंजाब के 17 वीं शताब्दी के पंजाबी फिलोसॉफर और सूफी कवि द्वारा लिखा गया था, जिसका अर्थ है 'बुल्लेया! मेरे लिए, मैं ज्ञात नहीं हूँ' और इस सॉन्ग के माध्यम से 21 वीं शताब्दी में ज़रीन और अंशुमन की 'हम भी अकेले, तुम भी अकेले' में उनकी पहचान के लिए फिल्म में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई है। आदिल रशीद द्वारा गाया और ओनी-आदिल द्वारा कम्पोज किया गया यह सॉन्ग दो दोस्तों की बेमिसाल यात्रा का बखान किया गया है। यह उन कच्ची भावनाओं को उजागर करता है, जो माध्यम से मानसी और वीर दोनों गुजर रहे हैं, और इलेक्ट्रिफाइंग बैकग्राउंड के साथ मिलकर यह एक ऐसा सॉन्ग बन जाता है, जिसे आप बार-बार दोहराकर सुनने को मजबूर हो जाएंगे।

इसकी घोषणा के बाद से ही दिलचस्प फिल्म चर्चा का विषय बनी हुई है और यहाँ तक कि साउथ एशियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में न्यूयॉर्क में अपने वर्ल्ड प्रीमियर में बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड भी जीत चुकी है। 'हम भी अकेले तुम भी अकेले' को इस वर्ष जनवरी में राजस्थान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया था, जहाँ इसने बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट एक्टर और बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीता था। ज़रीन, जिन्होंने अपने किरदार को दिल और आत्मा से निभाया, फिल्म को लेकर बेहद उत्साहित हैं, क्योंकि फिल्म को अब मेलबर्न के इंडियन फिल्म फेस्टिवल में ऑफिशियल सेंटरपीस फिल्म के रूप में चुना गया है।

फिल्म दो दोस्त वीर और मानसी की एक मानवीय कहानी है, जिसमें वीर एक है और मानसी एक लेस्बियन है। 'हम भी अकेले तुम भी अकेले' ऑडियंस को एक सुकून भरी यात्रा पर ले जाती है और ऐसे मोड़ का रुख कराती है, जो उनके जीवन को पूरी तरह बदल देती है।