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मुम्बई। अच्छे-बुरे हर वक्त में भाई बहन ही एक-दूसरे के काम आते हैं। भाई बहन का रिश्ता खास और अनोखा होता है। एक स्वस्थ मुकाबले से लेकर दुष्टताभरी लड़ाई तक भाई बहन का रिश्ता हमे जीवन की चुनौतियों का सामना करने की ताकत देता है और आपसी प्यार को और गहरा करता है। ये मायने नहीं रखता हमने कितनी बार एक दूसरे के कपड़े चुराए हैं या कितनी बार हमारे बीच जबर्दस्त लड़ाई और बहस हुई है, अंत में अपने भाई बहन ही प्यारे लगते हैं।
‘सिबलिंग डे’ मना रहे टीवी के हमारे चहेते कलाकारों में ’और भई क्या चल रहा है?’के रमेश प्रसाद मिश्रा (अंबरीश बॉबी),शांति मिश्रा (फरहाना फातिमा),जफर अली मिर्जा(पवन सिंह),सकीना मिर्जा (आकांक्षा शर्मा), ईनाम मिर्जा (दिव्यांश मिश्रा) और पूजा मिश्रा (स्वरा मिश्रा),) ’हप्पू की उलटन पलटन’ की राजेश सिंह (कामना पाठक) और कैट सिंह (आशना किशोर), ’संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं‘ की स्वाति (तन्वी डोगरा) और इन्द्रेश (आशीष कादियान ) और साथ ही ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के ’मनमोहन तिवारी (रोहिताश्व गौड़) ने दिल से परदे के और परदे के बाहर के अपने भाई-बहनों को याद किया।
अंबरीश बॉबी उर्फ रमेश प्रसाद मिश्रा ने अपने भाई बहनों को याद करते हुए कहा, मेरी तीन बहनें, मेरी जिंदगी के बेशकीमती रत्न हैं। तीनों मुझसे उम्र में छोटी हैं और ये मुझे जरूरत से ज्यादा प्रोटेक्टिव भाई बनाता है। लोगों को यह पता नहीं जब ये तीनों मिल जाती हैं तो मैं बेबस हो जाता हूं। जब हम छोटे थे तो ये तीनों एक साथ नखरे दिखाती थीं और अपनी मनमर्जी कर लेती थीं। मैं अपनी सभी बहनों और सारे भाई-बहनों को ‘सिबलिंग डे‘ की शुभकामना देता हूं।
फरहाना फातिमा, उर्फ शांति मिश्रा कहती हैं, मैं और मेरा छोटा भाई सैफ एक दूसरे के बहुत करीब हैं। हम शाम को साइकिल चलाते,गिलहरी और कीड़े-मकोड़े देखते गुजारते थे आज भी कुछ नहीं बदला बस फर्क इतना है अब वो मुझे कार राइड पर ले जाता है और आइसक्रीम खिलाता है। चाहे आप कितने भी बड़े हो जायें, भाई-बहनों के होने से आपका बचपन हमेशा ही बना रहता है। पवन सिंह उर्फ जफर अली मिर्जा बताते हैं, जानी दुश्मन और जिगरी दोस्त दोनों का किरदार निभाते हैं भाई-बहन। मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मेरे दो बड़े भाई और बहन हैं, जिन्होंने बचपन में मेरी अच्छे से देखभाल की। बचपन का यह अटूट रिश्ता अब यूं ही पूरी जिंदगी साथ रहेगा। मैं उनको बहुत याद करता हूं ,उम्मीद करता हूँ जल्दी उनसे मिलकर और उन्हें गले लगाकर बताउंगा कि उनकी मेरी जिंदगी में क्या अहमियत है।
आकांक्षा शर्मा उर्फ सकीना मिर्जा कहती हैं, बचपन के दिनों की बात है हमारी कॉलोनी में दो नाम बहुत ही कुख्यात थे एक आकाश और दूसरी आकांक्षा। हम दोनों बेहद शरारती थे। लोगों के साथ अक्सर मजाक करते थे और पकड़ में नहीं आते थे। इस ‘सिबलिंग डे‘ ने उन मीठी यादों को फिर से ताजा कर दिया है। कामना पाठक,उर्फ राजेश सिंह अपनी बातों को साझा करते हुए कहती हैं “मेरा एक छोटा भाई और एक बड़ी बहन है। मैं बीच की थी फिर भी मशहूर थी। मुसीबत में मेरी बड़ी बहन मेरी रोल मॉडल होती थी और जब भाई को जरूरत होती तो मैं उसकी रोल मॉडल बन जाती थी। उन यादगार पलों को सोच कर मैं खुश हो जाती हूं। अब वो क्वालिटी टाइम बिताने का मौका कम ही मिल पाता है, इसलिए इस ‘सिबलिंग डे‘ पर प्यार देना ना भूलें।
तन्वी डोगरा उर्फ स्वाति कहती हैं “मेरे लिए जिंदगी का दूसरा नाम भाई है। मुझे अपने माता-पिता की तरफ से यह सबसे बड़ा तोहफा मिला है। मैं उनकी शुक्रगुजार हूं। इस ‘सिबलिंग डे‘ पर मैं उसके खूब लाड करने वाली हूं। रोहिताश्व गौड़ उर्फ मनमोहन तिवारी कहते हैं पूरी दुनियां के लिए चाहे हम कितने भी बड़े हो जाएं पर भाई-बहनों के लिए हमेशा ही छोटे रहते हैं। दो भाई और दो बहनों से पूरा घर भरा रहता था। हम एक-दूसरे को अच्छी तरह समझते हैं। एक दूसरे से हंसी मजाक करना परिवारों के राज खोलना हर दुःख-सुख बांटना हमने साथ किया। हमारे इस रिश्ते से ज्यादा खास कोई और रिश्ता नहीं।
दिव्यांश मिश्रा, उर्फ ईनाम मिर्जा अपने ऑन-स्क्रीन रिश्ते के बारे में हमें बताते हैं बच्चो के बीच फंस गए बड़े। सेट पर हम पांच बच्चे हैं जो परदे के बाहर भी भाई-बहनों की तरह रहते हैं। उनके साथ शूटिंग करके सच में मेरा दिन बन जाता है। जब बड़े नहीं होते हम सेट पर गेम भी खेलते हैं। स्वरा मिश्रा उर्फ पूजा मिश्रा कहती है जब मिश्रा और मिर्जा के बच्चे साथ होते हैं तो मस्ती और खेल का माहौल बन जाता है। हम एक साथ खेलते,खाते और काम करते हैं। सफर लम्बा है पर मुझे पूरा यकीन है इनके साथ हंसते हुए गुजर जायेगा।
आशना किशोर उर्फ कैट सिंह,कहती हैं, पिछले दो सालों से इन शानदार कलाकारों के साथ काम कर रही हूं। अब ये मेरे परिवार जैसे हो गए हैं। मैं सारे भाई-बहनों में बड़ी हूं, जिससे मुझे बड़ी दी का ओहदा मिला हुआ है। जब भी ब्रेक मिलता है, मुझे आर्यन, जारा, जाहरा सौम्या और अर्नव को संभालना अच्छा लगता है। आशीष कादियान उर्फ इन्द्रेश कहते हैं, परदे पर और परदे के बाहर प्रिया (रिंकी) और मेरा बेहद ही खूबसूरत रिश्ता है। हम एक दूसरे का ख्याल रखते हैं। मैं ध्यान रखता हूं कि वह समय पर खाना खा ले। वो इस बात का ध्यान रखती है कि मैं उसका खाना न चुरा लूं। उसके साथ काम करना बहुत मजेदार है।