धावक समीर सिंह 10 हजार किमी दौड़कर बनाएंगे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स

मेक योर सेल्फ फिट एंड  बीट दा कोविड

- रोजाना 100 किलोमीटर की दौड़ पूरी करेंगे समीर 

- कोरोना काल में इम्यूनिटी बूस्टर के लिए जागरूकता अभियान

- स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के लिए 10 हजार किलोमीटर की  “100x100 अल्ट्रा “ दौड़ लगाएंगे धावक समीर सिंह

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इंदौर। कोरोना काल में संक्रमण से बचाव और लोगों में इम्यूनिटी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए धावक समीर सिंह, 10 हजार किलोमीटर की दौड़ लगाएंगे। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के गांव कानाहेड़ा निवासी समीर सिंह अब इसी दिशा में कुछ अलग करने जा रहे हैं। समीर का मानना है कि दौड़ हमारे शरीर को तमाम बीमारियों से मुक्त कर, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सबसे कारगर तारिका होता है। इस मैराथन दौड़ के पीछे समीर का मुख्य उद्देश्य लोगों के भीतर से दौड़ लगाने के प्रति प्रेरित करना हैं ताकि जो लोग रनिंग से कतराते हैं, वह भी रोजाना दो तीन किलोमीटर दौड़ने का अभ्यास कर सकें।    

समीर 28 मार्च से 25 किलोमीटर में बसे मंदसौर के रोजाना 4 चक्कर लगाएंगे।इस दौड़ का समापन 6 जुलाई 2021 को होगा।  इस लिहाज  से वह रोजाना सौ किलोमीटर की दौड़ पूरी करेंगे।  जिसे गिनीज बुक आफ रिकार्ड में भी दर्ज किया जाएगा। । “100x100 अल्ट्रा “  के ऑनलाइन एवं पीआर पार्टनर क्रमशः ट्रूपल व पीआर 24x7 हैं। 

 इससे पहले समीर सिंह बलिदानी सैनिकों के स्वजनों की मदद के लिए 14 हजार किमी से अधिक की दौड़ भी लगा चुके हैं। पिछले पांच वर्षों से  कोच किरुई कुरुई के साथ रहते हुए समीर मैराथन, अल्ट्रा मैराथॉन के कई आयोजनों में हिस्सा ले चुकें हैं। केन्या के किरुई कुरुई खुद एक सुप्रसिद्ध धावक हैं जिनसे टेक्निकल ट्रेनिंग प्राप्त करके समीर ने दौड़ के प्रति न सिर्फ जागरूक माहौल पैदा किया है बल्कि लोगों को दौड़ के प्रति सभी को एक करने का प्रयास किया है।   

बता दें कि समीर को बचपन से ही रिसर्च एंड एनालिटिकल विंग (R&AW) में जाने का शौक था खासतौर से पाकिस्तान में सीक्रेट एजेंट का काम करना चाहते थे लेकिन 10वीं कक्षा तक ही पढ़ाई के कारण वह रॉ में अधिकारी बनने का सपना पूरा नहीं कर सके, हालांकि दौड़ के प्रति उनके जुनून ने उन्हें देशभर में प्रसिद्धि दिला दी है। समीर ने फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार के सहयोग से दिसंबर 2017 में वाघा सीमा से राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, कन्याकुमारी, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बंगाल, उत्तर-पूर्व के राज्यों, असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, अरुणांचल प्रदेश, सिक्किम, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, लेह, कश्मीर होते हुए फिर वाघा सीमा तक 14,195 किमी की मैराथन दौड़, सात माह पांच दिन में पूरी की थी।

इस दौरान उनकी माता का निधन हो गया था, लेकिन सैनिकों के परिवारों की मदद के लिए दौड़ रहे समीर मां के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए। गौरतलब है कि समीर सिंह अब मुंबई में रहते हुए मैराथन का प्रशिक्षण भी देते हैं।