सतासर-बीकानेर सड़क गढ्ढों में तब्दील, शिलान्यास हो चुकी सड़क का निर्माण अधरझूल में
भारतमाला की तर्ज पर निर्माण कराने की मांग
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घड़साना। घड़साना उपखंड मुख्यालय से होकर गुजरने वाला निर्माणाधीन नेशनल हाइवे 911 (भारत माला सड़क) में सतासर से बीकानेर के बीच 72 किमी स्टेट हाईवे का निर्माण इसमें शामिल नहीं करने से घड़साना मुख्यालय सहित अन्य सीमावर्ती कस्बों व गांवों के नागरिकों में जनप्रतिनिधियों के प्रति भारी रोष है। सतासर से बीकानेर तक सड़क मार्ग आठ साल से टूटा पड़ा है। लोकसभा चुनाव घोषणा होने से ठीक पहले केन्द्रीय सड़क मंत्री नितिन गड़करी व राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल नोखामंडी में हुई सभा में कई सड़कों के निर्माण कार्य का शिलान्यास कर चुके है।
सतासर से बीकानेर तक इस सड़क का निर्माण नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट में शामिल करने का ऐलान किया था। करीब दो साल पूर्व शिलान्यास हो चुकी एवं नेशनल हाइवे 911ए का दर्जा देने के बावजूद सड़क का निर्माण शुरू नहीं होने पर स्थानीय जनप्रतिनिधि लामबंद होने लगे हैं। सतासर से बीकानेर राज्यमार्ग तीन को भारतमाला की तर्ज पर बनाने की मांग को लेकर घड़साना व रावला मंडी, छतरगढ, अनूपगढ, रायसिंहनगर आदि के स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा अनेकों बार मुख्यमंत्री,केन्द्रीय मंत्री, जिला प्रशासन सहित स्थानीय प्रशासन को भी इसके पुन: निर्माण को लेकर ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने के अभाव में क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है।
वहीं क्षेत्र की विभिन्न संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों ने इस सड़क को बनाने के लिए कमर कस ली है। संगठन पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का कहना है कि रायसिंहनगर से लेकर बनाई जा रही वाया छत्तरगढ़़ भारतमाला सड़क को सतासर से आरडी 628 इंदिरा गांधी नहर पटड़े पर बनी पूगल सड़क पर मोड़ दिया है। वहीं सतासर से बीकानेर तक 72 किमी राजमार्ग को इस समय लावारिस छोड़ दिया। जिससे 72 किमी सतासर-बीकानेर सड़क का टुकड़ा रह जाने से गंगानगर व बीकानेर जिले की मंडियां व ग्रामीण क्षेत्र बीकानेर मुख्यालय से अलग-थलग पड़ जाएगा। जबकि बीकानेर संभाग मुख्यालय है।
रायसिंहनगर,अनूपगढ, छत्तरगढ़़, घड़साना व रावला मंडी की विभिन्न संस्थाओं ने इस सड़क को भारतमाला निर्माण में जोडऩे को लेकर उपखंड अधिकारी व तहसीलदार के माध्यम से संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर व केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन के माध्यम से अनेक बार अवगत करवाया जा चुका हैं। पूर्व संसदीय सचिव डाक्टर विश्वनाथ मेघालय ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि सतासर से बीकानेर के बीच गढ्ढों में तब्दील हुई सड़क को भारतमाला की तर्ज पर निर्माण नहीं कराया गया तो सीमावर्ती क्षेत्रों की अनेक मंडियों एवं सैकड़ों गांवों के लोगों को परेशानी झेलनी पड़ेगी।छत्तरगढ़ उप सरपंच दिनेश गेरा, भारत विकास परिषद के रामेश्वर भादू, महेश काजला, परचूनस एसोसिएशन अध्यक्ष श्यामसुंदर रिणवां, विकास समिति अध्यक्ष श्रवण भाभू, मेडिकल एसोसिएशन अध्यक्ष जितेंद्र गर्ग, व्यापारी करणीसिंह भाटी आदि ने बताया कि इस 72 किमी सड़क का निर्माण को करीब एक दशक पहले हुआ। सड़क की मरम्मत कागजों में ही हुई है। लेकिन अब यह सड़क पूरी तरह जर्जर हालत में है। इसका निर्माण अतिआवश्यक है। इस सड़क से दो जिलों के लोगों का रोजाना हजारों तादाद में आना-जाना रहता है।
इनका कहना है
पहले से इस सड़क को राज्य राजमार्ग तीन का दर्जा मिला हुआ है। भारतमाला सड़क बनने पर सतासर तक नेशनल हाइवे बन गया है। सतासर से बीकानेर तक 72 किमी सड़क का निर्माण अधरझूल में है। बीकानेर तक जाने के लिए गढ्ढों वाली सड़क से गुजरना दुखदायी है। गढ्ढों वाली सड़क पर बीकानेर पहुंचने में तीन घंटे लगते है।
राजू राइका अध्यक्ष भाजपा मंडल छत्तरगढ़।
सतासर बीकानेर तक सड़क के पुननिर्माण में सरकार एवं प्रशासन ने कोई रुचि नहीं ली है। इस महत्वपूर्ण सड़क से रायसिंहनगर- सतासर वाया छत्तरगढ़़ तक आधा दर्जन उपखंड मुख्यालय दर्जनों पंचायतें के सैकड़ों गांव जुड़े हुए हैं। प्रतिदिन सैंकड़ों वाहनों से बीकानेर संभाग मुख्यालय, जोधपुर, जयपुर, गंगानगर, अनूपगढ़, रायसिंहनगर, अजमेर सहित अनेक शहरों के लिए आवागमन का एकमात्र प्रमुख मार्ग हैं।
बरकत अली पडिहार अध्यक्ष सरपंच एसोसिएशन पंचायत समिति पूगल
सतासर से बीकानेर तक सड़क का निर्माण भारत माला सड़क की तर्ज पर करवाया जाएगा। इस भाग को नेशनल हाइवे 911 ए में करवाने की कार्रवाही जारी है। शीघ्र ही समस्याओं का समाधान करा कर सड़क का निर्माण करवाया जाएगा।
अर्जुनराम मेघवाल, केन्द्रीय राज्यमंत्री भारत सरकार।