इन अनुभवी कलाकारों ने ‘वागले की दुनिया’ में अपने केमियोज पर बात की


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मुम्बई। सोनी सब पुराने जमाने में अत्यंत लोकप्रिय हुए शो ‘वागले की दुनिया’ को एक नये और ताजगी भरे अवतार में लाया है। इस नये अवतार ने एक सप्ताह के भीतर दर्शकों को ही नहीं, बल्कि कुछ पुराने एक्टर्स को भी प्रभावित किया है, जिन्होंने इस शो के पहली बार प्रसारित होने पर कुछ महत्वपूर्ण केमियोज किये थे। सुमीत राघवन, पवित्रा प्रणति, अंजन श्रीवास्तव और भारती आचरेकर की मुख्य भूमिकाओं वाला ‘वागले की दुनिया- नई पीढ़ी, नये किस्से!’’ एक संपूर्ण मनोरंजक शो है, जो भारत के आम आदमी को हर दिन होने वाली परेशानियाँ उजागर करता है।

आम आदमी की सोच पर केन्द्रित इस शो के लिये इसके मुख्य कलाकारों अंजन श्रीवास्तव और भारती आचरेकर के साथ शाहरूख खान, वीरेंद्र सक्सेना, अच्युत पोतदार और नरेन्द्र गुप्ता, आदि ने भी प्रभावशाली केमियोज किये थे। भारतीय टेलीविजन पर वागले की दुनिया की वापसी और आर.के. लक्ष्मण की उपलब्धियों पर टेलीविजन इंडस्ट्री के जाने-माने कलाकारों- वीरेंद्र सक्सेना और नरेन्द्र गुप्ता ने यह कहा है। 

जस्सी के पापा के नाम से मशहूर वीरेंद्र सक्सेना ने कहा, वागले की दुनिया मेरे लिये बहुत महत्वपूर्ण शो था, क्योंकि मैं उसी समय मुंबई आया था। इससे भी ज्यादा खास बात यह थी कि इस शो को कुंदन शाह निर्देशित कर रहे थे, जिन्हें मैं पहले से जानता था। वे बहुत क्रियेटिव आदमी थे, जिन्होंने हमें सुधार की आजादी दी और पूरा अनुभव ज्यादा मजेदार हो गया।

इस शो का हिस्सा बनने पर अपने अनुभव के बारे में उन्होंने कहा, मैं लगभग वैसे ही परिवार से आया था, जैसा इस शो में दिखाया गया है। मैंने आम आदमी की जिन्दगी देखी थी, खासकर मेरे पिता की, और इसलिये मैं इस शो से जुड़ पाया और कहानी से तो और भी ज्यादा। इस शो में काम करने का पूरा अनुभव बहुत अनोखा था। मेरे सीन आमतौर पर अंजन के साथ होते थे, लेकिन हमें बेबाक तौर पर बात करने का समय नहीं मिलता था, क्योंकि हमें अपने किरदारों में रहना होता था। कुंदन शाह के काम करने का तरीका बहुत अलग था। वे इतना समय नहीं देते थे कि हम साथ बैठकर बात कर सकें। वे हमेशा हर सीन को बेहतर बनाने की कोशिश में रहते थे।

आर.के. लक्ष्मण के जन्म शताब्दी वर्ष पर उनके बारे में बात करते हुए वीरेंद्र ने कहा,  आर.के. लक्ष्मण की कृतियों में से एक में काम करना सम्मान की बात है। आज भी मेरे पास आर.के. लक्ष्मण के लगभग 400 कार्टून हैं। वागले की दुनिया को मूल रूप से लिखने वाले अजय कार्तिक के पास आज भी वह कुर्सी है, जिस पर आर.के. लक्ष्मण बैठकर काम करते थे। इसलिये, एक बार जब मैं अजय कार्तिक से मिलने गया, तो उन्हें कहा कि मैं उस कुर्सी पर बैठना चाहता हूँ।

डॉ. सालुंखे के नाम से मशहूर नरेन्द्र गुप्ता ने कहा, वागले की दुनिया के कुछ एपिसोड्स में काम करने का अनुभव बेहतरीन था। इस शो की पूरी टीम साथ में काम करने के लिये बहुत अच्छी थी। वागले की दुनिया टेलीविजन में मील के पत्थर जैसा है, क्योंकि उसमें ह्यूमर था और साथ ही कई दिलचस्प बातें भी।

उन्होंने आगे कहा, आर.के. लक्ष्मण भारत को भगवान का तोहफा था और मेरा सौभाग्य है कि मुझे उनकी कृतियों में से एक का हिस्सा बनने का मौका मिला। वे विश्व के सर्वश्रेष्ठ कार्टूनिस्टों में से एक थे। वे अपने कार्टूनों के जरिये छोटी-सी बात को भी बड़े विस्तृत और प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करते थे। उनके आम आदमी से भारत का हर व्यक्ति जुड़ने लगा था और यह बात अपने आप में बेहतरीन थी। मुझे खुशी है कि सोनी सब वागले की दुनिया को वापस लाया है, खासकर वर्ष 2021 में, जो आर.के. लक्ष्मण का जन्म शताब्दी वर्ष है।

वागले की दुनिया में आम आदमी के चित्रण पर आगे बात करते हुए नरेन्द्र ने कहा, आम आदमी की समस्याएं आज भी वही हैं, लेकिन दृष्टिकोण बदल गया है। टेक्नोलॉजी ने बहुत बदलाव किये हैं। आम आदमी पहले जैसी समस्याओं का सामना नहीं करता है, बल्कि दूसरी समस्याओं ने उनकी जगह ले ली है।