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सांभरझील। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने लोकसभा में रक्षा विनिर्माण में निजी भागीदारी, निजी रक्षा उद्योग को प्रोत्साहन प्रदान करने और बड़ी रक्षा खरीद में रक्षा सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों (पीडीएसयू) के बीच समान अवसर प्रदान करने करने के लिए उठाए जा रहे कदमों, गत पांच वर्षों के दौरान रक्षा विनिर्माण में निजी क्षेत्र द्वारा किए गए निवेश आदि के बारे में प्रश्न पूछे। सांसद कर्नल राज्यवर्धन द्वारा पूछे गए सवालों का रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री श्रीपाद नाईक ने जवाब दिया कि मई, 2001 में, रक्षा उद्योग क्षेत्र जो अब तक सार्वजनिक क्षेत्र के लिए आरक्षित था, को लाइसेंसिंग के जरिए भारतीय निजी क्षेत्र की 100 पतिशत
भागीदारी के लिए खोल दिया गया है। रक्षा मदो के विनिर्माण हेतु अब तक 452 लाइसेंस जारी कर दिए गए हैं। उद्योग तथा आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, गत पांच वर्षों 2015 से 2019 (26.11.2019 तक), में कंपनियों द्वारा रक्षा क्षेत्र हेतु अपने लाइसेंस आवेदनों में दर्शाया गया प्रस्तावित निवेश 13,743.53 करोड़ रुपए है। सरकार द्वारा भारतीय निजी रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि बड़ी रक्षा खरीद में निजी उद्योगों और रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के लिए समान अवसर है, अनेक कदम उठाए गए हैं। सरकार ने श्सामरिक साझेदारी (एसपी) माडल अधिसूचित किया है जिसके अंतर्गत चुनिंदा भारतीय फर्मों को पारदर्शी और प्रतियोगी प्रक्रिया के जरिए प्रमुख भारतीय रक्षा संस्थाओं के साथ सामरिक साझेदारियों में भारत में सैन्य प्लेटफार्मों जैसे फाइटर जैट, हेलिकॉप्टर एवं कवचित युद्धक वाहन/प्रमुख युद्धक टैंकों का निर्माण करने हेतु भागीदार बनाने की परिकल्पना की गई है।
स्वदेशी विकास और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रावधान जैसे पात्रता मानदंड में छूट, न्यूनतम दस्तावेजीकरण, उद्योग/व्यक्ति द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों पर विचार करने इत्यादि लागू किए गए हैं। उत्पाद शुल्क/सीमा शुल्क के संबंध में रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों को दिया जा रहा अधिमान समाप्त कर दिया गया है। मंत्रालय ने नवंबर 2018 में श्मिशन रक्षा ज्ञान शक्तिश् नामक एक नई रूपरेखा तैयार की है जिसका उद्देश्य स्वदेशी रक्षा उद्योग में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) संस्कृति को बढ़ावा देना है। सरकारी संस्थाओं की परीक्षण सुविधाओं को रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है ताकि उनको निजी क्षेत्र के लिए उपलब्ध कराया जा सके ।बढ़ते हुएनिजी उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने एक मेगा स्किल इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की है।