सांभर में ख्वाजा हुसामुद्दीन चिश्ती का 702 वां उर्स शुरू

अंजुमन हुसामिंया इस्लामियां कमेटी की ओर से हैं खास इंतजाम

सांभर पुरानी धानमण्डी में ख्वाजा साहब की मजार पर जायरीनों का आना जारी 

लेखक : शैलेश माथुर

(वरिष्ठ पत्रकार)

http//daylife.page

सांभरझील। अजमेर ख्वाजा साहब के सगे लाड़ले पोते ख्वाजा हुसामुद्दीन चिश्ती जिगर सोख्ता हरमतुल्लाह अलेह की दरगाह में बुधवार 24 फरवरी से शुरू होने वाले 702 वें उर्स में लगातार चार रोज तक खास प्रोग्राम होंगे। पहले व दूसरे रोज बाद नमाज इशा महफिले समा, 26 तारीख को बाद नमाज जोहर जुलूस चादर शरीफ, बाद नमाज इशा महफिले समा के बाद 27 तारीख को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक महफिले समा बाद नमाज जोहर महफिले समा व रसूमात कुल शरीफ व फातिहा ख्वानी होगी। काबिले गौर है कि अजमेर ख्वाजा साहब के उर्स सम्पन्न होने के बाद दरगाह के बुलन्द  दरवाजे पर अदा की गयी झण्डे की रस्म के बाद यहां पर भारी तादाद में जायरीनों का आना भी शुरू हो गया है। 

जायरीनों को दरगाह खादिमों हाजी सैय्यद अलताफ अहमद, हाजी सैय्यद जहीर अहमद, हाजी सैय्यद अशफाक अहमद व सैय्यद निसार अहमद परिवार की ओर से जियारत करवायी जा रही है। ख्वाजा साहब की मजार पर गुलाब के फूल के अलावा, इत्र, केवड़ा छिड़का जाता है। दरगाह के चारों और रोशनी व सजावट से सरोबार हो चुकी है। ख्वाजा हुसामुद्दीन साहब के आस्ताने दरबार में अकीदत के फूल पेश करने वालों का तांता लगा हुआ है। पुरानी धानमण्डी स्थित दरगाह में इन दिनों अच्छी खासी चहल पहल बनी हुयी है। अजमेर ख्वाजा साहब की चौखट चूमने के बाद उनके पोते की दरगाह में आने का रिवाज होने से जायरीनों का सैलाब उमड़ता है। प्रशासन व पुलिस प्रशासन की ओर से उर्स से पहले थाना परिसर में सीएलजी की बैठक का आयोजन कर सभी से सौहार्दपूर्ण माहौल की अपील की जाती है। 

हिन्दू व मुस्लिम सभी एक दूसरे के धार्मिक आयोजन में खुशी से शरीक होकर भाईचारे की मिसाल को कायम रखने की परम्परा का निर्वहन करते है। उर्स के शुरू होने से लेकर उसके सम्पन्न होने तक दरगाह परिसर में संचालित अंजुमन हुसामियां इस्लामियां कमेटी के सभी ओहदेदारान व मैम्ब्ररान की ओर से अपनी अपनी जिम्मेदारियों का निभाते हुये आने वाले जायरीनों की सुविधा का ख्याल रखा जाता है। दरगाह परिसर में बाहर से आने वाले जायरीनों व जरूरतमंदों के लिये लंगर का इंतजाम काफी पहले से ही कर दिया जाता है जो रोजाना सुबह शाम बखूबी तरीके से चलता रहता है।