सैन्य कर्मियों के भवनों पर हाउस टैक्स लगाना नितांत अनुचित : ज्ञानेन्द्र रावत


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एटा। वरिष्ठ पत्रकार, जाने-माने लेखक एवं चर्चित पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत ने नगर पालिका परिषद, एटा द्वारा सैनिकों के भवनों पर हाउस टैक्स लगाने के निर्णय का विरोध करते हुए कहा है कि नियमानुसार सैनिकों, उनके माता-पिता या आश्रितों के मकानों पर नगर परिषदों-नगर निगमों द्वारा हाउस टैक्स नहीं लगाया जाता है। इस सम्बंध में आज से लगभग पैंतालीस-पचास साल पहले जब उत्तर प्रदेश के वित्तमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी थे, उस समय राजकीय अध्यादेश के तहत आदेश पारित किया गया था जिसके अनुसार भारतीय रक्षा सेनाओं में कार्यरत सैनिकों, अधिकारियों, उनके आश्रितों व उनकी संतानों के मकानों को हाउस टैक्स से छूट प्रदान की गयी थी। 

लगभग पांच दशक तक यह छूट सैनिकों को बराबर दी जा रही थी। लेकिन अब नगर पालिका परिषद,एटा ने सैनिकों के मकानों पर हाउस टैक्स बसूले जाने को लेकर नोटिस जारी किये हैं जो नितांत अनुचित है। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से अनुरोध है कि इस प्रकार की कार्यवाही रोकने हेतु तत्काल कारगर कदम उठाये जायें। यह देश की रक्षा में तत्पर सुरक्षा सेनाओं और उनके सैनिकों के साथ घोर अन्याय है। समझ नहीं आता कि इस मुद्दे पर सत्ताधारी दल व दूसरे राजनीतिक दल मौन क्यों साधे हुए हैं।