गुड़िया हमारी सभी पे भारी एक असली, वास्तविक और दुर्लभ खोज

एण्डटीवी के अमरूद वाले बाबा रवि झंकाल ने कहा


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मुम्बई। एण्डटीवी के शो ‘गुड़िया हमारी सभी पे भारी‘ के दर्शकों के साथ दिल के तार जुड़े हैं, जोकि पूरे दिल से इस शो के हर सीन और शो की वास्तविकता का आनंद लेते हैं। अब इस शो के कलाकारों के साथ रवि झंकाल का एक और जाना-माना नाम जुड़ने जा रहा है, जोकि इस शो में अमरूद वाले बाबा के रूप में एंट्री करने के लिए बिलकुल तैयार हैं। रवि के साथ खुल्लम-खुल्ला बातचीत में, उन्होंने अपनी भूमिका के बारे में और टेलीविजन इंडस्ट्री में अपने अनुभव के बारे में बात की जोकि हमें 80 के दशक में ले जाता है।

हमें अपने अब तक के सफर के बारे में थोड़ा विस्तार से बताइए?

मैं पिछले 30 सालों से मुंबई में रह रहा हूं और मैंने अपनी ग्रेजुएशन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से पूरी की है। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैंने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के सभी क्षेत्रों का अनुभव किया है। टेलीविजन से लेकर फिल्म और थिएटर में प्ले तक, मुझे सब कुछ करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। लगभग 4000 एपिसोड्स पूरे करने के बाद, मैंने 100 से थोड़े ज्यादा नाटक और करीब-करीब 80 फिल्मों में काम किया है, मैं खुद को एक अच्छा और प्रतिष्ठित कलाकार मानता हूं।  

हमें शो में अपने किरदार के बारे में कुछ बताइए?

गुड़िया हमारी सभी पे भारी शो में मैं अमरुद बाबा की भूमिका निभाते हुए नजर आऊंगा। क्योंकि वो वैसे ही दिखते हैं और वैसे ही बातचीत भी करते हैं, लेकिन वह दिल से बिलकुल झूठा और धोखेबाज है और  असलियत ये है कि वह एक ढोंगी बाबा है। किसी भी  तरह, वह गुड़िया के घर में प्रवेश करता है और वह उनसे बस उतने ही पैसे निकालने की कोशिश करता हैं जितना की वह इन मासूम घरवालों के घर से लेकर निकल पाए। वह बहुत ही बदनाम है और वह उनके छोटे से जन्नत जैसे घर में परेशानी लेकर आएगा।  

आप अब तक कई शोज का हिस्सा रह चुके हैं, एण्डटीवी का शो ‘गुड़िया हमारी सभी पे भारी‘ बाकी सभी शोज से किस तरह से अलग है?

मैं टेलीविजन इंडस्ट्री का तबसे हिस्सा हूं जब से इसकी भारत में शुरूआत हुई है। साल 2004 से अब तक, मेरा टेलीविजन इंडस्ट्री और उसकी विभिन्न शैलियों के साथ एक लम्बा अनुभव रहा है। तो यह कहना बिलकुल सुरक्षित होगा कि मेरे पास एक बहुत ही समृद्ध अनुभव है जो इस इंडस्ट्री ने मुझे दिया है। मुझे यह बताकर बहुत खुशी हो रही है कि गुड़िया हमारी सभी पे भारी ने मेरा बहुत अच्छा स्वागत किया है, इस शो की टीम सभी कामों को बिलकुल सही तरीके और सावधानी के साथ करती है और वह सभी बहुत प्रोफेशनल हैं। इस शो की एक खास बात जिसने मेरा दिल छू लिया वो ये है कि यह शो किरदारों को और उनकी भाषा को विकसित करने पर फोकस करता है। दरअसल तथ्य ये है कि इस शो के प्रमुख कलाकारों में से अधिकतर लोग मध्य प्रदेश से जुड़े हुए हैं इसकी वजह से वो लोग उनकी भाषा में बहुत सहज हैं। अपनी भाषा बोलने में लोगों को मजा आता है और इसी वजह से, वो लोगांे के साथ खुद को जोड़ पाते हैं और यही मजबूत तथ्य इस शो को दूसरे बाकी शोज से बिलकुल अलग बनाता है। इस शो की कास्टिंग ध्यान में रखकर बहुत ही अच्छी तरह से की गई है ताकि एक कलाकार जहां उन्हें बातचीत करने में चुनौती का सामना करना पड़ता है वो न करना पड़े और वो मुश्किल स्पॉट में न आए।  

कोई ऐसा ड्रीम किरदार जो अपने निभाया हो या फिर आप निभाना चाहते हों?

मेरे द्वारा निभाए गए किरदारों की कई लिस्ट है, लेकिन मेरे लिए जो सबसे ज्यादा मायने रखता है वो ये हैं कि दर्शक जब भी आपकी सराहना करें तो वो आपको आपके किरदार के माध्यम से पहचाने न कि आपके असली नाम से। आप जानते हैं कि आप तब सफल होते हैं जब दर्शकों के दिलों-दिमाग पर आपके किरदार की एक यादगार छवि बन जाती है। मैंने एक छक्के की भूमिका निभाई थी और मेरे लिए वो बहुत ही अनोखा और कभी न भूलने वाला अनुभव था। ऐसा बहुत ही कम होता है जब आपको इस तरह की मजबूत भूमिका को निभाने का मौका मिलता है और मैंने जब इसे परफॉर्म किया यह मेरे लिए बहुत ही स्पेशल था।

इसकी कहानी क्या है?

गुड़िया (सारिका बहरोलिया) अपनी मां सरला (समता सागर) से ज्यादा बड़ी भक्त बनने के लिए उनके खिलाफ प्रतिस्पर्धा करती है और वह एक बेहतर सन्यासी बन जाती है क्योंकि सरला उसके बिना ही तीर्थयात्रा पर निकल जाती है। अपनी योग्यता और इस तथ्य को साबित करने के लिए कि पहाड़ी बाबा ही सिर्फ पुजारी नहीं है जोकि चमत्कार कर सकते हैं, गुड़िया उनसे भी ज्यादा शक्तिशाली और पवित्र बाबा को ढूंढ़ने के लिए निकल जाती है। वह अमरूद वाले बाबा के पास पहुंच जाती है और उनसे वह अपने आप को फॉलोअर के रूप में स्वीकार करने की गुजारिश करती है, यहां तक कि वह उन्हें अपने घर में रहने का प्रस्ताव भी देती है। पूरे गांव में यह बात फैल जाती है कि एक पवित्र और ज्ञानी साधू उन सबके बीच में हैं और सभी उनका आशीर्वाद लेने के लिए इक्ट्ठा हो जाते हैं। भोले-भाले गांव वाले, अपना धन और सामान बाबा को अर्पित करने के लिए आगे बढ़ते हैं लेकिन अमरूद वाले बाबा के बुरे पहलू के बारे में कोई नहीं जानता है।

आपकी दर्शकों से और इस शो से क्या उम्मीदे हैं?

मैं सभी दर्शकों और अपने प्रशंसकों से यही गुजारिश करना चाहूंगा कि वह ये शो देखें क्योंकि यह एक असली, उचित और बिलकुल अलग खोज है। मैंने इस भूमिका के लिए जो तैयारियां कि हैं उसमें मैंने मेरे लुक्स से ज्यादा मेरे भाषण के तरीके पर ध्यान दिया है क्योंकि सभी कलाकार बहुत ही प्रतिभाशाली है और उनकी भाषा में बहुत आत्मविश्वास है। मेरे लिए उनके बोलचाल के तरीके को सीखना एक चुनौती था क्योंकि यह वाकई में हैं, लेकिन मेरे दिमाग में ये बिलकुल स्पष्ट था कि मुझे कुछ नया सीखना है और अपने कौशल को और ज्यादा बेहतरीन करना है। मैं उम्मीद करता हूं कि भविष्य में मैं और अधिक सच्चे और अच्छे इरादों पर आधारित शोज देखूं। इसलिए, मेरी शो से उम्मीदें बहुत अधिक हैं और दर्शकों के लिए मेरी ये उम्मीद हैं कि वह गुड़िया और उनके परिवार की इस खूबसूरत कहानी का पूरा आनंद लें। मैं समता सागर के बारे में कहना चाहूंगा जिन्होंने इस शो पर बहुत ही मेहनत और सटीकता से काम किया है क्योंकि गुड़िया हमारी सभी पे भारी सबसे बेहतरीन शोज में से एक है और ऐसा हमेशा नहीं होता जब आपको ऐसे किसी शो के साथ काम करने का मौका मिलता है।