कोविड-19 के दौरान जनसंपर्क के समक्ष चुनौतियों पर राष्ट्रीय वेबिनार में समीक्षा की


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जयपुर। कोविड-19  की अनिश्चितता ने हर व्यवसाय के साथ  पब्लिक रिलेशन्स (पीआर) इंड्रस्टी भी अछूता नहीं रखा है।  महामारी के चलते पीआर क्लाइंट ने संबध तौड़ने से लेकर पैसे ना देने की स्थिति में आ गए है जहां कुछ पीआर क्लाइंट ने लॉकडाउन खत्म होने तक करार को आगे बढ़ाने से मना कर दिया है। जिसका असर व्यवसाय से लेकर पीआर इंड्रस्ट्री में काम करने वालों के रोजगारों पर सवाल खड़े हो रहे है, इन्ही चुनौतियों और उनके निराकरण पर जयपुर की त्रिमासिय मीडिया जर्नल,  कम्युनिकेशन टुडे द्वारा पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (रायपुर) के सहयोग से तीसरे राष्ट्रिय वेबिनार का आयोजन किया गया।  


कम्युनिकेशन टुडे इस महामारी की स्थिति में फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स को बधाई देता है सेहत का ध्यान रखने से लेकर मास्क लगाने पर जोर देता है ।रायपुर स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति  और मूख्य अतिथि प्रो. बलदेव भाई शर्मा ने बताया , “कोविड-19 ने निश्चित रूप से लोगों को उनके उद्योग और काम करने पैटर्न के बारे में सोचने का तरीका बदल दिया है जिन पर वे काम कर रहे थे। जबकि पिछले कुछ वर्षों से, बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र बदलाव लाए गए है। कम्युनिकेशन टुडे  के संपादक प्रो. संजीव भानावत ने कहा, कोविड -19 संकट ने मानव जाति के अस्तित्व  पर  सवाल खड़ा किया है । हम निराशा का सामना कर रहे हैं, लेकिन उम्मीद है कि इलाज दूर नहीं है। वायरस ने हमें अपने संपूर्ण दर्शन, रणनीति और अपनी कार्य संस्कृति को पुनर्जीवित करने का अवसर दिया है। 


पीआरएसआई  के राष्ट्रीय अध्यक्ष  डॉ. अजीत पाठक ने कहा, पब्लिक रिलेशन छवि का निर्माण करते हैं,जिसमें एक कंपनी का 90 प्रतिशत खुद को किया गया काम होता और बाकी का 10 प्रतिशत विज्ञापन और पीआर गतिविधि है जोकि  एक ब्रांड बनाने में मदद करता है । कोविड-19 के बाद  इवेंट्स का आयोजन नहीं हो रहा है, वन टू वन इंटरेक्शन नहीं कर सकते हैं, कंपनियां आर्थिक रूप से चुनौती के कारण एजेंसी को वहन करने में संकोच कर रही हैं, कई मीडिया हाउस कोविड 19 के बाद के लिए चुनौतियों का सामना कर रहे हैं जो एक अच्छा संकेत नहीं है।


पैनल चर्चा के दौरान पूर्व आईएएस राजेंद्र भानावत द्वारा फेक न्यूज, दुष्प्रचार और सोशल मीडिया पर आर्थिक रूप  से पिछड़े वर्ग की उपेक्षा के विषयो पर ध्यान आकर्षित किया।  उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया समूह और एजेंसीज पूर्ण रूप से तथ्यों की जाँच कर सुचना को प्रेषित करें ताकि सत्य जनता के समक्ष आ सके।  पीआरएसआई जयपुर के अध्यक्ष डॉ. शाहिद अली ने कहा, कोविड 19 की स्थितियों के बाद से चीजों को बदल दिया गया है और मीडिया प्रकाशन को भी उसका सामना किया जा रहा है। मूल रूप से आज कि पीढ़ी महामारी से पहले अधिक तकनीकी रूप से अनुकूल हैं। कम्युनिकेशन टुडे  की डिप्टी संपादक और एसएमपी राजकीय गर्ल्स कॉलेज में सहायक प्रोफेसर ने डॉ उषा साहनी द्वारा वेबिनार का संचालन किया गया । साथ नें, एडफैक्टर्स पीआर के राजस्थान प्रमुख श्री नितिन जगड ने भी कई विषयों पर प्रकाश डाला। इस वेबिनार में देश भर से 17 राज्यो से 140 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।