लेखक : रेणु जैन (इंदौर)
इस लेख का शीर्षक पढ़कर आपके चेहरे पर मुस्कान आ गई होगी। दरअसल यह लेख लिखा ही इसलिए जा रहा है कि आप मुस्कुराते रहें। आपने देखा होगा कि हर दिन काम की आपाधापी में बीत जाता है। परिणाम यह निकलता है कि हम योजना ही बनाकर रह जाते हैं कि अमुक नया काम कल से करेंगे ताकि जिंदगी में कुछ नएपन का तड़का लगे।
सवाल है कि ऐसे में रोजमर्रा की दिनचर्या में नयापन लाने के लिए आखिर क्या किया जाए। एक तरीका यह हो सकता है कि जहाँ तक हो सके खुशी के रास्ते में आड़े आने वाले अपने वर्तमान विचारों और व्यवहारों को धीरे-धीरे बदलने की कोशिश करें। आप के लिए यह तरीका बहुत उपयोगी हो सकता है कि आप प्रत्येक दिन के लिए कोई लम्बी योजना न बनाएँ बल्कि हर आने वाले दिन के लिए छोटे-छोटे कामों की बाकायदा सूची तैयार करें और फिर इसी पर चलें।
प्रकृति का आनन्द
एक चीनी कहावत है कि 'एक किताब पढ़ने से बेहतर है एक मील पैदल चलना' इस कहावत से पुस्तकों का महत्व कम नहीं होता बल्कि इससे यही अर्थ निकलता है कि हम प्रकृति के सम्पर्क में निरन्तर रहें। यह सम्पर्क इसलिए जरूरी है कि प्रकृति हमारे अंदर नई आशा, नए उत्साह, नए जोश, नई प्रसन्नता और नए साहस का संचार करती है। प्रकृति द्वारा प्रदत्त नई आशा के आधार पर हम जीवन के नए सपने बुन सकते हैं। प्रकृति की सनातन जीवंतता का इतना महत्व नहीं होता तो हिन्दी के महान कवि सुमित्रानन्दन पंत को आज भी प्रकृति के कवि के रूप में याद नहीं किया जाता। इसलिए प्रकृति से जुड़े रहें।
हँसिए और हँसाइए
हँसना एवं हँसाना एक कारगर दवा का काम करते हैं। इसे रोज लेते रहने से जिंदगी में प्रतिदिन नयापन आता रहता है। मनोवैज्ञानिकों की भी राय है कि हताश या निराश रहने वाले लोग अपनी जिम्मेदारियों को ठीक ढंग से नहीं निबाह पाते, जबकि हँसते रहने वाले लोगों का इम्युन सिस्टम बहुत अच्छा होता है जिससे वे दूसरों को सदा खुश रखते हैं। यह तो सर्वज्ञात है कि हँसने वाले लोग प्रायः कम बीमार पड़ते हैं। इसलिए अपने हर दिन को उल्लसित करने के लिए ऐसे लोगों के सम्पर्क में रहने की भरसक कोशिश करनी चाहिए जो सदा हँसमुख रहते हैं।
पुस्तकें पढ़ें
अखबार वगैरह तो हमारे पढ़ने में आते ही हैं लेकिन इसके अलावा हमें कुछ न कुछ नया पढ़ते रहने का प्रयास करते रहना चाहिए । इससे हमारा मनोरंजन तो होता है, कई नई जानकारियाँ भी मिलती हैं, जो हमारे जीवन को सार्थक बनाने में मदद करती हैं। खाली समय में किताबें पढ़ने से निगेटिव्ज भ्ी नहीं आते जिसके कारण हम प्रायः तरोताजा रहते हैं।
आलोचना से बचे
अपने सम्पर्क में आने वाले लोगों की आलोचना नहीं बल्कि तारीफ करने का आज से ही संकल्प ले लें। इस गुण के कारण आपका मित्र-मंडल बढ़ता जाएगा। परिणामस्वरूप आपके जीवन में प्रसन्नता और प्रफुल्लता भी बढ़त्ी जाएगी। नए मित्र बनाते वक्त ध्यान रखें कि वे लोग भिन्न-भिन्न फील्ड के हों जिससे आपको नई-नई जानकारियाँ मिले और आपका व्यक्तित्व समृद्ध होता चला जाए।
खुलकर गाएँ
बाथरूम सिंगर तो प्रायः हर जगह मिल जाते हैं। शायद आप भी नहाते समय कुछ गाते हों। यह आदत बहुत अच्छी है। जरूरत इसे बढ़ाने की है। आप यदि अपने दोस्तों के बीच या किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम में गाने की आदत डालेंगे तो इसका असर यह होगा कि आपको जो प्रशंसा मिलेगी वह आपको हर तरह से खुश रखेगी। इसलिए ऐसे मौके ढूँढ़ते रहिए। आप मोहम्मद रफी या किशोर कुमार हों, यह जरूरी नहीं। जैसा भी गाएँ दिल से गाएँ। वो सबको अच्छा लगेगा। शोध में यह बात सामने आई है कि इनर ईयर में स्थिति अंग मस्तिष्क के उस हिस्से से जुड़ा होता है जो आनंद को दर्ज करता है। इस बात से आप समझ गए होंगे कि आपके गाने का दूसरों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और बदले में आपको क्या मिलेगा।
बातें नोट करें
जीवन में आपके क्या लक्ष्य हैं ? और दूसरों से आप क्या चाहते हैं। इसके बारे आत्ममंथन करके इन्हें लिख लेने की आदत डालें। इस लिखे हुए को बार-बार पढ़ने से आपको अपने जीवन को ज्यादा से ज्यादा सार्थक बनाने में बहुत सहायता मिलेगी।
प्यार के कुछ लम्हे युनिवर्सिटी आॅफ वर्जिनिया में हुए शोध के मुताबिक जो कपल्स एक-दूसरे के साथ अधिक क्वालिटी टाइम बिताते हैं उनकी जिंदगी अधिक खुशहाल होती है। ऐसे लोग प्रायः हरदम सेहतमंद रहते हैं। आप भी एसे कपल क्यों नहीं बन जाते ? ऐसा करने से तो आपका समग्र जीवन ही बदलने लगेगा।
अपने ईष्टदेव को धन्यवाद दें
हमारे देश में भगवान या ईष्टदेव का कितना महत्व है यह किसी से छुपा नहीं है। जरूरत इस बात की है कि हम जब भी किसी काम में सफल हों तो अपने ईष्टदेव को सबसे पहले धन्यवाद दें क्योंकि जो कुछ होता है उसकी मर्जी से ही होता है। यदि आप हरदम धन्यवाद देने के सिलसिले को बरकरार रखेंगे तो आपको लगातार अच्छे काम करने की शक्ति मिलती रहेगी जिससे आपके जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन होंगे और आपका जीवन सदा विभिन्न रंगों से भरा हुआ खुशहला जीवन रहेगा।
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