शाम हो गई नमन करो अब
सूर्य देव का नित वंदन ॥
जिससे हम सब फ़िर कर पायें
नई सुबह का अभिनंदन ॥
जन्म दिया जिसने हमको
उसको शीश नवाये हम
सृष्टि के उस परम पिता के
नित नित गीत सुनायें हम ॥
चंदा सूरज के मधुर मिलन की
ये अद्भुत बेला है
आता जाता सदा सदा ही
ये दुनिया का मेला है ॥
आज अभी से कर लो अपने
इस जीवन का तुम उद्धार
सूरज हमे रोशनी देगा
और चंदा शीतल सा प्यार ॥
दोनो का वंदन अभिनंदन
कर ले हम इक बार ....
दोनो का आशीष मिलेगा
हमको सौ सौ बार
हमको सौ सौ बार ॥
रश्मि चौधरी
ज्योतिषाचार्या
कोट्द्वार उत्तराखण्ड
Mob. 9761712285