ईरान इजरायल के मध्य युद्ध चल रहा है इसका व्यापक असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। भारत की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा। खाडी देशो में एक करोड़ से ज्यादातर लोग काम करने जाते हैं जो भारत में अरबो डॉलर कि विदेशी मुद्रा भेजते हैं अगर इनके काम पर संकट आया तो हमारी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। पाकिस्तान के साथ-साथ अब ईरान का भी एयरबेस बंद होने से हवाई सफर महंगा होगा व समय भी ज्यादा लगेगा। क्रूड के दाम 15% तक बढ़ चुके हैं। 8 प्रतिशत और बढ़ सकते हैं इससे भारत का आयात बिल बढ़ जाएगा। होरमेज की एक जलसंधि है जो उत्तर में ईरान दक्षिण में अरब से लगी है यहां से 20% तेल सप्लाई होता है।
युद्ध इसी प्रकार जारी रहा तो उधर से आने वाले तेल की सप्लाई भी बाधित होगी, इससे पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ेंगे। इस भीषण युद्ध में डॉलर की मांग ज्यादा होने से रुपए का अवमूल्यन भी हो सकता है। युद्ध के चलते लाल सागर मार्ग पर व्यापार सामान्य करने की कोशिश नाकाम हो सकती है। इस युद्ध के कारण लॉजिस्टिक लागत में 15 से 20% तक की वृद्धि होगी। ईरान में पढ़ने वाले भारतीय मेडिकल छात्रों पर भी युद्ध के माहौल का असर हो रहा है। वह डरे हुए हैं और भारत सरकार से अपील कर रहे हैं कि उन्हें ईरान से सुरक्षित निकाला जाए। भारतीय दूतावास भी इस पर नजर रखे हुए हैं।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।