उद्घाटन के नाम खर्चा तमाम

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देश में  कहीं भी छोटा सा स्मारक बना हो, कोई नया विद्यालय खोलना है, कहीं नया मंदिर बना है, कोई पार्क बना है, सरकारी  परियोजना तैयार हुई है हर जगह का उद्घाटन क्या नेताओं द्वारा करवाना जरूरी है? रवानगी स्थान से उद्घाटन स्थान तक का हवाई यात्रा का खर्चा, सिक्योरिटी का खर्चा, पूरा स्थानीय प्रशासन का लवाजमा, पुलिस फोर्स नेताओं के आगमन की व्यवस्था में तैनात हो जाती है। आए दिन कहीं न कहीं किसी न किसी का उद्घाटन होता रहता है। करोड़ों रुपए का खर्चा हो जाता है। बडी परियोजनाओं पर प्रधानमंत्री मोदी जी जाते हैं। उनको वैसे भी घूमने फिरने का शौक ज्यादा है। क्या किसी स्थानीय व्यक्ति द्वारा ये औपचारिकताएं नहीं निभाई जा सकती देश में वैसे ही इतनी गरीबी है, भूखमरी है, बेरोजगारी है तो क्यों व्यर्थ में करोड़ों रुपए बर्बाद किया जाता है। जनता की कमाई का टैक्स का पैसा है इसका का सदुपयोग करें उद्योग धंधे में लगाए युवाओं को रोजगार दे तो ज्यादा बेहतर होगा।

लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।