सरकार की वर्षगांठ पर मोदी जी ने लंबा चौड़ा भाषण दिया उनकी किलिष्ट भाषा और बड़ी-बड़ी बातें आमजन की समझ से बाहर है। युगांत्री परिवर्तन हुए हैं। जलवायु कारवाई व डिजिटल नवाचार जैसे महत्व पूर्ण मुद्दों को वैश्विक आवाज दी है। बहुत अच्छी बात है। लेकिन देश की बुनियादी समस्याओं शिक्षा, रोजगार, जनसंख्या नियंत्रण, दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर सख्त कानून, महिला घरेलू हिंसा, बाल श्रम, महिला सशक्तिकरण, नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का उचित क्रियान्वयन, विदेशी वस्तुओं के आयात पर रोक, घरेलू उद्योग को प्राथमिकता जैसी बुनियादी समस्याओ का कोई जिक्र नहीं था। पहले देश की बुनियादी व्यवस्था को सुदृढ़ करें। फिर वैश्विक स्तर की बात करें। अब तक 6 महाद्वीपों पर 52 विदेशी यात्राएं की और 59 देश की यात्रा की इस पर करोड़ों रुपए खर्च हुआ और हमें क्या मिला ऑपरेशन सिंदूर के वक्त हमारे साथ कितने देश थे? अमेरिका ने सीज फायर की घोषणा की इससे क्या साबित होता है? विदेशी यात्राओं में घूमने फिरने में जितना समय व पैसा बर्बाद किया ये सब देश की बुनियादी समस्याओं के लिए किया जाता तो देश की आम जनता समृद्धिशाली व खुशहाल होती।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।