भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने माधवराव सप्रे स्मृति समाचारपत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान की महत्वाकांक्षी परियोजना—20,01,994 पृष्ठों का डिजिटाइजेशन, 10 के.वी. के सौर ऊर्जा पैनल की स्थापना और सप्रे संग्रहालय में संगृहीत राष्ट्रीय बौद्धिक धरोहर की अद्यतन संदर्भिका की वेबसाइट के निर्माण के पूर्ण होने पर संतोष व्यक्त किया है। राज्यपाल ने सप्रे संग्रहालय को शुभकामनाएं दीं। 23 अक्टूबर, 2023 को माननीय राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने इस परियोजना का शुभारंभ किया था। सामाजिक सेवा बैंकिंग के अंतर्गत भारतीय स्टेट बैंक ने इस परियोजना के लिए सीएसआर निधि से धनराशि उपलब्ध कराई है।
यद्यपि सप्रे संग्रहालय में 5 करोड़ पृष्ठों से अधिक संदर्भ सामग्री संगृहीत है, लेकिन प्रथम चरण में 27 लाख उन पत्र-पत्रिकाओं और अन्य दस्तावेजों को डिजिटाइज़ किया गया है जो जर्जर अवस्था में हैं,अथवा ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। शोधार्थियों और अन्य जिज्ञासुओं के लिए अब यह दुर्लभ संदर्भ संपदा कंप्यूटर स्क्रीन पर अध्ययन के लिए उपलब्ध है। इनमें से सात लाख पृष्ठों का डिजिटाइजेशन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र और मध्यप्रदेश जनसंपर्क के सहयोग से हुआ है।
इस पूरी आयोजना के स्वप्नदृष्टा सप्रे संग्रहालय के संस्थापक श्री विजयदत्त श्रीधर ने 23 मई को राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल से भेंटकर परियोजना की सफल परिणति से अवगत कराया। डिजिटाइज्ड दस्तावेजों की संदर्भिका भी राज्यपाल को भेंट की। राज्यपाल को बताया गया कि सप्रे संग्रहालय इसे कर्तव्य मानता है कि जिन अतिविशिष्ट विभूति के हाथों से परियोजना का सूत्रपात कराया गया है, उन्हें पूर्णता से भी अवगत कराया जाए। राज्यपाल ने इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए सप्रे संग्रहालय को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रदान कीं। सप्रे संग्रहालय के निदेशक अरविन्द श्रीधर भी उपस्थित रहे।
डा. सुदाम खाड़े, आयुक्त एवं सचिव जनसंपर्क ने 26 मई को ज्ञानतीर्थ सप्रे संग्रहालय की भारतीय स्टेट बैंक की सामाजिक सेवा बैंकिंग के सहयोग से संचालित डिजिटाइजेशन परियोजना की प्रगति का अवलोकन किया। उन्होंने कम्प्यूटर पर अनेक डिजिटाईज पृष्ठों का अध्ययन किया। डा. खाड़े ने इस परियोजना के अगले चरण की तैयारी करने की जरूरत जतलाई जिसमें डिजिटाईज सामग्री को ऑनलाइन करने का सुझाव दिया। उन्होंने सप्रे संग्रहालय की अद्यतन वेबसाइट का भी अवलोकन किया। सप्रे संग्रहालय में 10 के.वी. सौर ऊर्जा पैनल की स्थापना को उन्होंने उपयोगी बताया।
विश्व संग्रहालय दिवस पर परियोजना के लोकार्पण समारोह में डा. सुदाम खाड़े प्रवास पर होने के कारण सम्मिलित नहीं हो सके थे। ज्ञानतीर्थ सप्रे संग्रहालय के स्थापना काल से मध्यप्रदेश जनसंपर्क सहयोगी और संबल की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस सहकार भावना के प्रति सप्रे संग्रहालय की ओर से मध्यप्रदेश जनसंपर्क के मुखिया होने के नाते डा. सुदाम खाड़े का आभार-सम्मान किया जाना था। 26 मई को बुद्धि के देवता श्रीगणेश की भव्य प्रतिमा और शाल भेंटकर यह दायित्व भी पूर्ण किया गया।
इस सम्बन्ध में वरिष्ठ पत्रकार, पर्यावरणविद एवं राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र रावत का कहना है कि ज्ञान तीर्थ माधव राव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान भोपाल की महत्वाकांक्षी परियोजना - 20,01,994 पृष्ठों का डिजिटाइजेशन, 10 के वी के सौर ऊर्जा पैनल की स्थापना और सप्रे संग्रहालय में संग्रहीत राष्ट्रीय बौद्धिक धरोहर की अद्यतन संदर्भिका की वेबसाइट का निर्माण एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसमें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और मध्य प्रदेश जन संपर्क विभाग की महती भूमिका है। इस सबके लिए संग्रहालय के संस्थापक पद्मश्री डा० विजय दत्त जी श्रीधर जी का समर्पण स्तुति योग्य है जिसके बलबूते संग्रहालय प्रगति के इस सोपान पर पहुंचने में समर्थ हुआ है। हकीकत में यह संग्रहालय शोधार्थियों के लिए किसी देवालय से कम नहीं है।