नारी रो कल-आज नृत्य नाटिका से जीवंत हो उठी राजस्थानी संस्कृति

नृत्यांशी कला सोसायटी व जवाहर कला केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में


21 महिलाओं को किया आइडियल वूमेनिया अवॉर्ड से नवाजा

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जयपुर। नृत्यांशी कला सोसायटी जयपुर व जवाहर कला केंद्र  के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को रंगायन ऑडिटोरियम में नारी रो कल-आज  नृत्य नाटिका का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।  साथ ही इस कार्यक्रम में 21 महिलाओं को आइडियल वूमेनिया अवॉर्ड से नवाजा गया। इस कार्यक्रम की खास बड़ी बात यह रही कि यह कार्यक्रम राजस्थानी संस्कृति और राजस्थानी भाषा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित रहा। 

नृत्यांशी कला सोसायटी के डायरेक्टर ब्रजकिशोर श्रीवास्तव ने बताया कि राजस्थान  को समर्पित यह कार्यक्रम  राजस्थानी भाषा व संस्कृति को बढ़ाने के लिए किया गया है। कार्यक्रम की थीम नारी रो कल-आज के तहत रूढ़िवाद से नई संस्कृति की ओर आगे बढ़कर अपने आप को कैसे सक्षम बनाकर अपना व देश दुनिया में नाम रोशन कर रही है। इसको नाटिका के माध्यम से जीवंत पेश किया गया। उन्होंने बताया कि हालांकि नारी सशक्तिकरण के लिए केंद्र व राज्य सरकार का भी बड़ा योगदान देखने को मिल रहा है। महिला सुरक्षा व शिक्षा समेत कई सरकारी कल्याणकारी योजनाएं महिलाओं और बालिकाओं के सर्वांगीण उत्थान व सशक्त और आत्मनिर्भर होने में कारगर साबित हो रही है।  नारी  में जो सामाजिक बुराइयां देश व समाज को झकझोर रही थी, नारी को कैसे सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। समाज में फैली  सामाजिक कुरीतियों और नारी पर हो रहे अत्याचार को कैसे दूर किया जाए, उनमें जागरूकता के कैसे प्रयास किए जाने की जरूरत है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम में अलग अलग किस्सों पर नृत्य नाटिका के माध्यम से  राजस्थान की रूढ़िवादी परंपराओं पर बेहतरीन प्रस्तुति दी गई। यह नृत्य नाटिका राजस्थानी भाषा में ही आयोजित की गई । 

हमारा प्रयास यही है कि केंद्र व राज्य की सरकारों की योजनाओं के साथ राजस्थानी भाषा व संस्कृति  के उत्थान व विकास में प्रचार प्रसार के लिए सभी को सामूहिक रूप से आगे आना चाहिए। 

संस्था के उपाध्यक्ष अरबाज खान  ने बताया कि सोसायटी की ओर से पूर्व में भी समाजसेवा, महिला शिक्षा व रोजगार, महिला जागरूकता के बड़े स्तर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके है। ताकि देश की नारी का भविष्य उज्ज्वल व बेहतर हो सके।

नृत्यांशी कला सोसायटी की अध्यक्ष प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि इस नृत्य नाटिका के लेखक, डायरेक्टर व कंपोजर  और नृत्य निर्देशक ब्रज किशोर श्रीवास्तव है। उनके निर्देशन में नाटक और नृत्य के लिए चित्रांशु श्रीवास्ताव,अरबाज खान, सविता चौधरी, आकाश मीना ,नोआ नूरएनबर्ग, मीनाक्षी पाटोदिया, दिवा चौधरी, जतिन जावड़ा, वोनेश शर्मा, नितेश बलोदा,खुशी चौधरी, उत्कर्ष दाधीच, बरखा सोनी, गौरीका छोलक, प्रियंशा पारीक, भूमिजा सैनी, सुलेखा सैनी, नृत्यांशी श्रीवास्तव, प्रियंका सिंह, आराध्या कौशिक, फिओना गुप्ता, चेरीता ठाडा, हितैषी दियालानी, स्वाति डाबला, चैतन्या, गजेंद्र सिंह एवं  शुभ विचार के संस्थापक जितेंद्र शर्मा, और मीरा चेरिटेबल ट्रस्ट से आचार्य सत्यनारायण पाटोदिया व अन्य 35 कलाकारों ने अपनी नाट्य व नृत्य की कला से अमिट छाप छोड़ी और चार चांद लगाकर कार्यक्रम की भव्य शोभा बढा दर्शकों का मन मोह लिया। 

इस प्रोग्राम में 21 महिलाओं को माल्या अर्पण कर  आइडियल वूमेनिया स्मृति चिन्ह से नवाजा गया, जिन्होंने अपने क्षेत्र में अपनी मेहनत और समाज की रूढ़िवादी परंपराओं को हरा कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर नाम रोशन किया। मंच का संचालन चंचल शर्मा ने किया जिसमें 

मुख्य अतिथि महेंद्र खींची व अथिति गण अल्का मीणा, कथक नृत्य गुरु प्रेरणा श्रीमाली, आचार्य सत्यनारायण पाटोदिया, मिलाप शर्मा, नीरज अग्रवाल आनंद पारीक रहे। कार्यक्रम में अतिथियों ने शिरकत कर महिलाओं को सम्मानित किया और कार्यक्रम की सराहना की।