मोदी जी दिन भर भाषण देते रहते हैं पर उसमें आमजन की समस्याओं का कोई मुद्दा नहीं होता।टीवी पर मन की बात करते हैं देश का करोड़ों रुपया खर्च होता है खुद की बजाय जनता के मन की बात सुनिये। डॉ मनमोहन सिंह 10 वर्ष तक प्रधानमंत्री थे उन्होंने भी विषम परिस्थितियों का सामना किया लेकिन कभी भी उनको अनावश्यक बोलते हुए नहीं देखा गया बिल्कुल शांत और मौन रहते थे। अपने देश के फैसले स्वयं करते थे। मोदी जी भाषणों से ही जनता का मन बहलाते है। मोदी जी की विदेशी यात्राओं व स्थानीय यात्राओं पर करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं। पर इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता जनता का पैसा है।
ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ हम जीत रहे थे पाकिस्तान के ड्रोन अटैक, मिसाइल अटैक, गोला बारूद अटैक को नाकाम किया जा रहा था सेना के हौसले बुलंद थे। पाकिस्तानी आतंकवाद का नामोनिशान मिटा देना चाहते थे पर चौथे दिन शाम को अचानक से सीजफायर की घोषणा हो गई। सबसे शर्मनाक बात यह है कि यह घोषणा भारत से 10000 किलोमीटर दूर ट्रंप ने अमेरिकी धरती से की। मोदी इसके लिए कोई ठोस निर्णय खुद नहीं ले सकते थे? ऑपरेशन सिंदूर सफल हुआ मोदी जी ने इसका क्रेडिट ले लिया। मोदी जी ने जगह-जगह पोस्टर पर कमांडो की ड्रेस में अपना फोटो लगवा दिया। कमांडो की ड्रेस में खुले मैदान में शान से चलते हुए खुद का वीडियो वायरल करवाया। क्या यह सेना का अपमान नहीं है? इंदिरा गांधी ने महिला होते हुए भी इन परिस्थितियों में घुटने नहीं टेके।
लेखिका : लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान)।